अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Poll 2022) से पहले सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. जोड़-तोड़ की गणित के साथ जातीय समीकरण बैठाने का काम शुरू हो चुका है. ब्राह्मणों को लुभाने के लिए जहां बहुजन समाज पार्टी ब्राह्मण सम्मेलन कर रही है, वहीं समाजवादी पार्टी भगवान परशुराम की मूर्ति लगवा रही है. इस बीच, अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव ने भी ब्राह्मणों को लुभाने की कोशिश की और जेल में बंद ब्राह्मण विधायक और एक एमएलसी से मुलाकात की.
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) ने रविवार को कहा कि वर्तमान में ब्राह्मणों का मुद्दा तो सभी दल उठा रहे हैं लेकिन समुदाय की सुध केवल उनकी पार्टी ले रही है.
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा के मुताबिक, शिवपाल यादव ने कहा, “हम सपा से गठबंधन के लिए पहले से ही प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया है.” उन्होंने कहा, “लोग कह रहे हैं कि चुनाव आते ही हमने इसके प्रयास किए हैं, जबकि ऐसा नहीं है. हम इसके लिए बहुत पहले से ही प्रयास कर रहे हैं.”
शिवपाल सिंह आगरा की केंद्रीय कारागार में बंद भदोई के विधायक विजय मिश्रा और एमएलसी कमलेश पाठक से मिलने आये थे. यादव ने कहा, “विधानसभा चुनाव आते ही ब्राह्मणों का मुद्दा सभी पार्टियां उठाने लगी हैं, जबकि ब्राह्मणों की सुध केवल प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने ही ली है.” उन्होंने कहा, “जेल में भी हम ही उनसे मिलने आए हैं. इन दो ब्राह्मण जनप्रतिनिधियों से मिलने अब तक किसी पार्टी का प्रतिनिधि नहीं आया.”
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