यह ख़बर 13 नवंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

मायावती ने किया ब्राह्मणों को लुभाने का प्रयास

खास बातें

  • उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को ब्राह्मण समुदाय को यह जताने का प्रयास किया कि 'केवल उनकी ही पार्टी ब्राह्मणों की हितैषी' है।
लखनऊ:

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को ब्राह्मण समुदाय को यह जताने का प्रयास किया कि 'केवल उनकी ही पार्टी ब्राह्मणों की हितैषी' है। इसी समुदाय के समर्थन से चार वर्ष पूर्व वह सत्ता में आई थीं। मायावती वर्ष 2012 में होने वाले विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल कर सत्ता में वापसी की उम्मीद से अपनी पार्टी द्वारा यहां आयोजित 'ब्राह्मण समाज भाईचारा सम्मेलन' को सम्बोधित कर रही थीं। अपने सभी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को पीछे छोड़ते हुए उन्होंने कहा कि पारंपरिक समाज की दो प्रभावशाली ऊंची जातियों- ब्राह्मण और ठाकुर को भी लाभ मिलना चाहिए। सभा में उन्होंने कहा, "याद कर लीजिए, अगर आपने कांग्रेस को वोट देकर सत्ता में लाया तो दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेंगे और यदि आपने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को वोट दिया तो राजनाथ सिंह अपनी इच्छित जगह हासिल करेंगे।" सभास्थल के इर्द-गिर्द खड़े वाहनों पर बसपा के पोस्टर-बैनर और झंडे लगे थे। मायावती ने अपनी पार्टी का ब्राह्मण चेहरा दिखाने के प्रयास में महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा और उनके परिवार के सदस्यों के नाम गिनाते हुए कहा कि मिश्रा के पारिवारिक सदस्यों और रिश्तेदारों को बसपा ने महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी हैं और इन सभी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। उन्होंने कहा, "आप सभी जानते हैं कि सतीश चंद्र मिश्रा मेरी सरकार में महाधिवक्ता थे और उन्होंने मेरे लिए कई मुकदमे सफलतापूर्वक लड़े। इसलिए मैंने उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया।"  ऊंची जाति के गरीबों के लिए आरक्षण की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि उन लोगों को आर्थिक आधार पर आरक्षण मिलना चाहिए। मायावती ने कहा, "आज पूरे देश में शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग की जा रही है, जिसका बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने हमेशा समर्थन किया है। इस सम्बंध में प्रधानमंत्री को कई बार पत्र लिखकर ऊंची जाति के गरीब लोगों को आर्थिक आधार पर आरक्षण देने का अनुरोध किया गया है।" मायावती ने कहा कि प्रदेश में यदि बसपा की सरकार दोबारा बनी तो ऊंची जाति के लोगों को सही नुमाइंदगी दी जाएगी। इस दौरान उन्होंने साफ किया कि बसपा किसी जाति के खिलाफ नहीं है और किसी तरह से जातिवाद को बढ़ावा नहीं देती है। विरोधियों पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि पार्टी से ऊंची जाति के लोगों के जुड़ने से विरोधी घबरा गए हैं। इसीलिए तरह तरह के हथकंडे अपनाकर पार्टी की छवि बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं, लिहाजा आप लोगों को विरोधियों से सावधान रहना चाहिए।


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