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This Article is From Jul 25, 2022

हम चाहते हैं 2024 में बसपा के साथ चुनाव लड़ें : NDTV से सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर

ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि अभी बीजेपी के साथ जाने की बात नहीं कह सकते कभी किसी ने सोचा था कि सपा के साथ गठबंधन टूटेगा. 

ओपी राजभर ने कहा, कभी किसी ने सोचा था कि सपा के साथ गठबंधन टूटेगा

यूपी की सियासत में समाजवादी पार्टी और उसके सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी  (सुभासपा) के बीच मतभेद इतने बढ़ गए है कि इनके 'रिश्‍ते टूट' गए हैं. सपा कार्यालय की ओर से शनिवार को ओम प्रकाश राजभर को चिट्ठी लिखी गई है. राजभर को लिखे पत्र में कहा गया है कि आपका भारतीय जनता पार्टी के साथ मजबूत गठजोड़ है और आप लगातार बीजेपी को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं. अगर आपको लगता है कि कहीं ज्यादा सम्मान है तो वहां जाने के लिए स्वतंत्र हैं. इस बीच, सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर (OP Rajbhar) ने सपा से इतर दूसरे सहयोगी की तलाश शुरू कर दी है. एनडीटीवी के साथ बातचीत में ओपी राजभर ने मायावती के साथ गठजोड़ की इच्‍छा जताई है. ओपी ने कहा, " हमारी कोशिश है कि मायावती जी के साथ गठबंधन हो जाए. हम चाहते हैं कि 2024 में बसपा के साथ चुनाव लड़ें.' ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि अभी बीजेपी के साथ जाने की बात नहीं कह सकते कभी किसी ने सोचा था कि सपा के साथ गठबंधन टूटेगा. 

उन्‍होंने कहा, "मेरी अमित शाह जी से दिल्ली में मुलाक़ात हुई. शाह से मुलाक़ात राष्ट्रपति चुनाव को लेकर हुई.अखिलेश यादव ने मुझे यशवंत सिन्हा के समर्थन के लिए नहीं बुलाया. द्रौपदी मुर्मू जी के लिए योगी आदित्‍यनाथजी ने बुलाया, मैं गया. अगला फ़ैसला 27 तारीख़ को पार्टी की बैठक में लेंगे.पहली प्राथमिकता बसपा है नहीं तो फिर आगे देखेंगे.

गौरतलब है कि राजभर को हाल ही में Y कैटेगरी सुरक्षा मिली है, यह कहीं राष्‍ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को किए समर्थन की वजह से तो नहीं? इस सवाल पर हाल ही में सुभासपा प्रमुख ने कहा था कि  9 एफआईआर हमने लखनऊ सहित कई शहरों में कराई थीं. हमारे ऊपर कई हमले हुए और जान से मारने की धमकी की मिली. कई गिरफ्तारियां भी हुईं, इस मामले में, पीएम और केंद्रीय गृह मंत्री को मैं लगातार लेटर लिखता रहा था. गृह मंत्रालय ने इसे संज्ञान में लेकर जांच की और इसे सही पाया. 25 दिन पहले हमें बताया था कि आपको सुरक्षा की जरूरत है और जल्‍द ही आपको दे दी जाएगी.सुभासपा प्रमुख ने कहा कि राष्‍ट्रपति चुनाव के लिए वोट 18 जुलाई को पड़े और गिनती 21 को हुई जबकि 15 जुलाई को ही सुरक्षा मिलने के आदेश की कॉपी हमे मिल गई थी. आपको धमकी कौन दे रहा, इस सवाल के जवाब में राजभर ने कहा कि इनके खिलाफ हम एफआईआर करते रहे, कुछ अरेस्‍ट भी होते रहे हैं. अपराधी किसी राजनीतिक पार्टी के नहीं होते हैं.

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