रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध की चपेट में आने से यूक्रेन की अलग-अलग यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले हजारों छात्र फंस गए हैं. इन छात्रों में नोएडा का रहने वाला एक छात्र भी है. इस छात्र की सलामती को लेकर पूरा परिवार परेशान है. परिवार के लोगों ने भारत सरकार से उसे सकुशल लाने के लिए गुहार भी लगाई है. अक्षित का आज जन्मदिन है और उसको मनाने के लिए परिवार वाले तैयारियों में जुटे थे. घर में कीर्तन कराया जाना था, लेकिन फ्लाइट रद्द होने की वजह से अक्षित भारत नहीं लौट सका.
रूस का हमला होने की वजह से वह और उसके जैसे कई हजारों छात्र यूक्रेन में फंस गए हैं और वहां एक बंकर में रुके हुए हैं. परिवार वालों की नजरें टीवी पर टिकी हैं और खैरियत जानने का इकलौता साधन मोबाइल है. नोएडा के सेक्टर 118 में रहने वाले राजेश कुमार ने बताया कि उनके बेटे अक्षित का यूक्रेन के हारके मेडिकल कॉलेज में साल 2020 में एमबीबीएस में दाखिला हुआ था. फोन पर हुई बातचीत में उसने बताया कि कॉलेज वालों की तरफ से एक बंकर में छुपा हुआ है. उसके साथ भारत के और भी छात्र हैं. उसका कहना है कि जिस बंकर में वह रुका है वहां पर खाने की कमी हो गई है जिसके कारण उन्हें बाहर जाना पड़ता है.
अक्षित के पिता राजेश कुमार का कहना है कि उनके बेटे ने युद्ध की स्थिति को देखते हुए पहले ही ऑनलाइन टिकट 80,000 रुपए में बुक कराया था. जो टिकट 30 से 35 हजार का बुक हो रहा था वह टिकट अब महंगा हो गया है, लेकिन यूक्रेन पर हमला होने के कारण फ्लाइट कैंसिल हो गई. यूक्रेन में फंसे बच्चों से भारत में रह रहे परिजन समस्याएं और उनके हालात जानने के लिए वीडियो कॉल से संपर्क कर रहे हैं, लेकिन कॉलेज मैनेजमेंट की तरफ से बच्चों से कहा गया है कि वह किसी भी परिजन से वीडियो कॉल नहीं कर सकते और नॉर्मल कॉल पर ही उनसे अपनी बात रख सकते हैं.
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साथ ही उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने बेटे से जानकारी ली कि भारत के कितने बच्चे यूक्रेन में फंसे हैं तो उनके बेटे ने बताया कि यूक्रेन में अभी फिलहाल मेडिकल की पढ़ाई करने वाले भारत के लगभग 20,000 बच्चे फंसे हुए हैं.
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यूक्रेन में फंसे बच्चों को सुरक्षित भारत लाने के लिए अक्षत के पिता ने भारत सरकार से मांग की है कि वह सभी बच्चों को सुरक्षित वापस लाने में उनकी मदद करें.
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