पीएम मोदी ने एसपीजी से कहकर बावनी के सरदार हाजी मुख्तार अहमद महतो की ओर से दिए गुलदस्ते और शॉल को लिया.
- वाराणसी में मुस्लिम बहुल इलाके में 30 मिनट रुका पीएम मोदी का काफिला.
- पीएम मोदी ने सरदार हाजी मुख्तार अहमद महतो का गुलदस्ता और शॉल स्वीकारा.
- पूर्वांचल के सभी जिलों के 51 सरदारों के मुखिया को बावनी सरदार कहलाते हैं
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
वाराणसी:
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पूर्वांचल की सीटों पर विपक्षी दलों को चारो खाने चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जमकर प्रचार कर रहे हैं. इसी कड़ी में पीएम मोदी ने शनिवार को वाराणसी में तीन घंटे का रोड शो किया. इस दौरान प्रधानमंत्री मुस्लिम बहुल इलाकों से भी गुजरे. इस दौरान उनका रोड शो मुस्लिम इलाके मदनपुरा में 30 मिनट के लिए रुका. यहां पीएम मोदी ने एसपीजी से कहकर बावनी के सरदार हाजी मुख्तार अहमद महतो की ओर से दिए गुलदस्ते और शॉल को लिया. इस बात पर सभी का ध्यान इसलिए गया क्योंकि पीएम मोदी ने शॉल को माथे से लगाया और उसे सिर पर भी रखा. यहां गौर करने वाली बात यह है कि पूर्वांचल के सभी जिलों के 51 सरदारों के मुखिया को बावनी सरदार कहलाते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मादी को गुलदस्ता देने वाले हैदर अब्बास ने एक निजी टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि पीएम मोदी का यह रूप देखकर उन्हें और उनके समाज को काफी अच्छा लगा. उन्होंने उम्मीद जताई की प्रधानमंत्री जल्द ही मुस्लिम टोपी भी पहने दिख सकते हैं. हैदर ने बताया कि उन्हें और उनके समाज के लोगों को बिना सुरक्षा जांच के प्रधानमंत्री के करीब आने दिया गया. मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी कहा जा रहा है कि पीएम मोदी ने रोड शो के दौरान एसपीजी के कमांडों से बोलकर मुस्लिम नेताओं की ओर से लाए गए सौगातों को मंगवाया.
2013 में मोदी के टोपी नहीं पहनने पर उठे थे सवाल
साल 2013 में नरेंद्र मोदी बतौर गुजरात के मुख्यमंत्री सद्भावना उपवास पर निकले थे. इस दौरान नरेंद्र मोदी ने एक मुस्लिम मौलाना की ओर से दी गई टोपी नहीं पहनी थी. दरगाह के मौलाना सैयद इमाम शाही सैयद ने मोदी के उपवास स्थल पर मंच पर जाकर उनसे मुलाकात की थी. मौलाना ने मोदी को एक टोपी पहनने की पेशकश की, लेकिन नरेंद्र मोदी ने विनम्रता से उसे पहनने से मना कर दिया और उसके बजाय शॉल ओढ़ाने को कहा. इमाम ने मोदी को शॉल ओढ़ाया जिसे उन्होंने मंजूर किया था. विपक्षी नेताओं ने इस घटना को काफी तूल दिया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मादी को गुलदस्ता देने वाले हैदर अब्बास ने एक निजी टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि पीएम मोदी का यह रूप देखकर उन्हें और उनके समाज को काफी अच्छा लगा. उन्होंने उम्मीद जताई की प्रधानमंत्री जल्द ही मुस्लिम टोपी भी पहने दिख सकते हैं. हैदर ने बताया कि उन्हें और उनके समाज के लोगों को बिना सुरक्षा जांच के प्रधानमंत्री के करीब आने दिया गया. मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी कहा जा रहा है कि पीएम मोदी ने रोड शो के दौरान एसपीजी के कमांडों से बोलकर मुस्लिम नेताओं की ओर से लाए गए सौगातों को मंगवाया.
2013 में मोदी के टोपी नहीं पहनने पर उठे थे सवाल
साल 2013 में नरेंद्र मोदी बतौर गुजरात के मुख्यमंत्री सद्भावना उपवास पर निकले थे. इस दौरान नरेंद्र मोदी ने एक मुस्लिम मौलाना की ओर से दी गई टोपी नहीं पहनी थी. दरगाह के मौलाना सैयद इमाम शाही सैयद ने मोदी के उपवास स्थल पर मंच पर जाकर उनसे मुलाकात की थी. मौलाना ने मोदी को एक टोपी पहनने की पेशकश की, लेकिन नरेंद्र मोदी ने विनम्रता से उसे पहनने से मना कर दिया और उसके बजाय शॉल ओढ़ाने को कहा. इमाम ने मोदी को शॉल ओढ़ाया जिसे उन्होंने मंजूर किया था. विपक्षी नेताओं ने इस घटना को काफी तूल दिया था.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
नरेंद्र मोदी, वाराणसी रोड शो, मुस्लिम, शॉल, गुलदस्ता, बीजेपी, मुस्लिम टोपी, Narendra Modi, Varanasi Roadshow, Muslim, Shawl, Bouquet, Muslim Cap, Khabar Assembly Polls 2017, UP Assembly Poll 2017