इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को बड़ी राहत देते हुए सोमवार को राज्य में स्वास्थ्य विभाग की 7189 महिला स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति का रास्ता साफ कर दिया.
न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा एवं न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की पीठ ने सोमवार को एकल पीठ के 19 अक्टूबर 2022 के उस आदेश के खिलाफ उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से दाखिल विशेष अपील को मंजूर कर लिया जिस आदेश के कारण राज्य सरकार सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी नहीं कर पा रही थी. एकल पीठ ने सरकार को सफल उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र जारी करने से रोक दिया था.
गौरतलब है कि सरकार ने 2019 में प्रदेश में 9212 पदों पर महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की नियुक्ति के लिए संस्तुति उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को भेजी थी. आयोग ने विज्ञापन निकाला और प्रारंभिक तथा लिखित परीक्षा कराने के बाद अगस्त 2022 को अंतिम चयन परिणाम घोषित कर दिया था.
इसके बाद आयोग ने 20 अगस्त 2022 को सरकार के महानिदेशक परिवार कल्याण को उक्त रिक्त पदों के सापेक्ष 7189 अभ्यर्थियों की नियुक्ति किये जाने की संस्तुति भेज दी थी.
हालांकि इस बीच को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की पूनम द्विवेदी समेत अन्य अभ्यर्थियों ने उच्च न्यायालय में उम्मीदवारों की सूची को चुनौती दी. एकल पीठ ने 19 अक्टूबर को याचिकाओं को मंजूर कर लिया और सक्षम प्राधिकारों को इन याचिकाकर्ताओं को पूर्व में जारी आय प्रमाण पत्र की जगह नये आय प्रमाणपत्र जारी करने का आदेश दिया.
इसके साथ एकल पीठ ने आयोग से याचिकाकर्ताओं के नये प्रमाण पत्र पर विचार करने उसके बाद चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने का निर्देश दिया. एकल पीठ ने राज्य सरकार और आयोग को याचिकाकर्ताओं के संबंध में उपरोक्त कवायद के समापन के बाद ही चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र जारी करने का निर्देश दिया था. इससे चयन प्रक्रिया रूक हो गई थी.
एकल न्यायाधीश की पीठ के आदेश के बाद आयोग ने उच्च न्यायालय की खंडपीठ के समक्ष विशेष अपील दायर की थी.
यह भी पढ़ें -
-- IT के रिश्वतखोर अधिकारी की अग्रिम जमानत के खिलाफ CBI ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका
-- पश्चिम बंगाल में 42,000 सहायक शिक्षकों के चयन से जुड़ी याचिका पर सुनवाई से SC का इंकार
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं