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'I Love Muhammad' के जवाब में 'I Love Mahadev' के पोस्टर, UP में शुरू हुआ पोस्टर वॉर, कानपुर से वाराणसी तक बढ़ा विवाद

उत्तर प्रदेश में 'आई लव मोहम्मद' और 'आई लव महादेव' के पोस्टर्स को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है. कानपुर से शुरू हुआ यह मामला अब वाराणसी तक पहुंच गया है, जहां संतों ने 'आई लव महादेव' के पोस्टर लगाकर 'आई लव मोहम्मद' के पोस्टर्स का जवाब दिया है.

यूपी में शुरू हुआ 'आई लव मोहम्मद' बनाम 'आई लव महादेव'.

UP News: उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से 'आई लव मोहम्मद' को लेकर कई तरह की खबरें सामने आईं. अब मामला आगे बढ़ता हुआ 'आई लव मोहम्मद' से 'आई लव महादेव' पर आ गया है. शहर दर शहर लहराए जा रहे आई लव मोहम्मद के पोस्टर्स के बीच आज वाराणसी में 'आई लव महादेव' के पोस्टर मठों, मंदिरों और सार्वजनिक स्थलों पर लगाए गए.

'सनातन सेना के जरिए कट्टरपंथियों को जवाब'

दरअसल यूपी के वाराणसी में कुछ संतों ने 'आई लव महादेव' के पोस्टर लेकर 'आई लव मोहम्मद' मामले में अपना जवाब देने की कोशिश की. वाराणसी के जगद्गुरु शंकराचार्य नरेंद्रानंद की अगुवाई में संतों ने मठों मंदिरों में और हाथों में महादेव के पोस्टर्स लहराए. संतों ने सार्वजनिक स्थलों पर भी ये पोस्टर लगाकर कहा कि संत समाज सनातन सेना के जरिए कट्टरपंथियों को जवाब देगा.

कब, कहां और कैसे शुरू हुआ विवाद?

यूपी के कानपुर में बारावफात का त्योहार से ये पूरा विवाद शुरू हुआ. कानपुर में बिना अनुमति के निकले इस जुलूस में लोगों ने सड़क किनारे एक टेंट लगाकर उस पर 'आई लव मोहम्मद' का पोस्टर लगा दिया. इस टेंट को लेकर दूसरे पक्ष ने पुलिस से आपत्ति दर्ज कराई तो पुलिस ने जुलूस में नई प्रथा शुरू ना करने को कहते हुए टेंट हटा दिया. अब टेंट हटा तो पोस्टर भी हट गया.

24 लोगों के खिलाफ दर्ज हुई FIR

पुलिस के टेंट हटवाने की कार्रवाई से जुलूस में शामिल लोग नाराज हो गए. भीड़ आगे बढ़ी तो दूसरे पक्ष के कुछ धार्मिक पोस्टर्स को फाड़ने लगी. अचानक बिगड़ते हालात को देखते हुए पुलिस ने लोगों को हटाया और एक FIR दर्ज कर दी. इसमें 9 नामजद और 15 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया.

FIR पर विवाद, पुलिस ने दी सफाई

इस FIR को लेकर विवाद बढ़ गया. दावा किया गया कि मुकदमा 'आई लव मोहम्मद' के पोस्टर को लेकर हुआ है. इससे अचानक पुलिस के खिलाफ नाराजगी बढ़ गई. हालांकि पुलिस ने साफ कहा कि मुकदमा पोस्टर को लेकर कतई नहीं है. नई परंपरा शुरू करने को लेकर जो टेंट हटाने की कार्रवाई हुई थी, उसके बाद भीड़ ने जो उत्पात किया, मामला उसको लेकर दर्ज हुआ था.

राजनैतिक बयानबाजी से गरमाया माहौल

पोस्टर को लेकर जब 4 सितंबर को ये विवाद हुआ तो उसके बाद माहौल सामान्य हो रहा था. लेकिन राजनैतिक बयानबाजी ने माहौल को गर्म कर दिया. नतीजा ये हुआ कि कानपुर से निकला विवाद यूपी के कई शहरों में फैल गया. इसके बाद इसका असर राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र समेत कुछ और राज्यों में दिखाई दिया. कुछ शहरों में तो इस मुद्दे पर प्रदर्शन के दौरान हिंसा भी हुई.

थम पाएगा 'पोस्टर बनाम पोस्टर' की लड़ाई?

मोहम्मद के पोस्टर को लेकर जारी विवाद और राजनैतिक बयानबाजी के बीच वाराणसी में 25 सितंबर को संतों ने पोस्टर का जवाब पोस्टर से दिया और आई लव महादेव के पोस्टर लेकर मंदिरों, मठों और सार्वजनिक जगहों पर लगा दिए. देखना होगा पोस्टर बनाम पोस्टर की ये लड़ाई अब थम जाएगी या इसे और ज्यादा तूल पकड़ाने की कवायद बढ़ती ही जाएगी.

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