उत्तर प्रदेश में धूल फांक रहे हैं सैकड़ों वेंटिलेटर, PM Cares Fund से हुई थी खरीद

पीएम केयर्स फंड (PM Cares Fund) से यूपी के अस्पतालों को भेजे गए वेंटिलेटर बड़े पैमाने पर धूल फांक रहे हैं

उत्तर प्रदेश में धूल फांक रहे हैं सैकड़ों वेंटिलेटर, PM Cares Fund से हुई थी खरीद

इन वेंटिलेटर को PM Cares Fund से खरीदा गया था. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

खास बातें

  • UP में धूल फांक रहे सैकड़ों वेंटिलेटर
  • PM Cares Fund से खरीदे थे वेंटिलेटर
  • कोरोना मरीजों के इलाज में संसाधनों की कमी?
लखनऊ:

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh Covid 19) में एक तरफ जहां भयानक कोरोना महामारी (Coronavirus Pandemic) में वेंटिलेटर (Ventilator) की भारी कमी है, वहीं पीएम केयर्स फंड (PM Cares Fund) से यूपी के अस्पतालों को भेजे गए वेंटिलेटर बड़े पैमाने पर धूल फांक रहे हैं, क्योंकि उन्हें ऑपरेट करने के लिए मेडिकल स्टाफ की भर्ती नहीं की गई. एक कहावत है कि 'कूड़े के भी दिन फिरते हैं', फिर वेंटिलेटर तो वेंटिलेटर ही है. फिरोजाबाद के मेडिकल कॉलेज में 75 वेंटिलेटर एक साल से धूल फांक रहे थे. पीएम केयर्स फंड से 114 वेंटिलेटर आए थे. 39 इस्तेमाल हुए. 75 एक साल से पड़े थे. मीडिया में खबर आने के बाद अब इस्तेमाल के लिए भेजे जा रहे हैं.

फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज के सीएमएस आलोक कुमार शर्मा कहते हैं, 'शासन के दिशा-निर्देशों में 50 वेंटिलेटर कैंसर हॉस्प‍िटल लखनऊ भेजे गए हैं. 15 वेंटिलेटर प्रयागराज मेडिकल में गए हैं और 10 जो हैं, कल कमिश्नर साहब के आदेश पर मिलिट्री हॉस्प‍िटल आगरा भेजे गए हैं.'

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बलिया के जिला अस्पताल में मंत्री उपेंद्र तिवारी मुआयना करने पहुंचे तो लोगों ने ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों की जानकारी दी. बलिया के सरकारी अस्पतालों में 29 वेंटिलेटर धूल खा रहे हैं, क्योंकि उनको ऑपरेट करने के लिए स्टाफ नहीं है. मंत्री भी बेबस हैं, बस श‍िकायत कर रहे हैं.

मंत्री उपेंद्र तिवारी ने कहा, '18 वेंटिलेटर बसंतपुर में पड़े हुए हैं. 11 वेंटिलेटर जिला अस्पताल में समाजवादी पार्टी की सरकार के समय से ही पड़े हुए हैं. उस समय भी ट्रायल होकर हैंडओवर उन लोगों ने नहीं लिया. उस आधार पर जब हमने मीटिंग ली तो 18 वेंटिलेटर खराब स्थ‍िति में पड़े हुए थे. शासन और कमिश्नर और प्रमुख सचिव तक मेरी बात हुई.'

कौशांबी जिला अस्पताल में सरकार ने 24 वेंटिलेटर भेजे. इनमें से 15 प्रयागराज के एक प्राइवेट अस्पताल को दे दिए गए हैं. 9 वेंटिलेटर जिला अस्पताल में धूल फांक रहे हैं क्योंकि यहां भी इन्हें ऑपरेट करने वाले एक्सपर्ट नहीं भर्ती किए गए.

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प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से जब पूछा गया कि कौशांबी में 24 वेंटिलेटर आए थे, जिसमें से 9 ही यहां मौजूद हैं और उनको ऑपरेट करने के लिए ऑपरेटर भी यहां मौजूद नहीं हैं. जवाब में उन्होंने कहा, 'संज्ञान में आया है. उसके लिए जल्दी से जल्दी जो व्यवस्था हो सकती है, बनाएंगे.'

लखीमपुर खीरी के कोविड अस्पताल में 25 वेंटिलेटर लगाए गए हैं लेकिन 18 बंद बताए जा रहे हैं. यहां भी उन्हें ऑपरेट करने के लिए स्टाफ नहीं है. जिलाधिकारी शैलेंद्र सिंह कहते हैं कि वेंटिलेटर खराब हुए हैं. 24 घंटे में बन जाएंगे. उन्होंने कहा, 'वर्तमान में हमारे कुछ वेंटिलेटर खराब हैं. काम नहीं कर रहे हैं. उसके लिए इंजीनियर आ चुके हैं, वो देख रहे हैं और हम समझते हैं कि अगले 24 घंटे में हम ठीक कर लेंगे.'

अलीगढ़ के दीनदयाल अस्पताल को 60 वेंटिलेटर मिले थे. सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के लोगों ने आरोप लगाया है कि 50 वेंटिलेटर काम नहीं कर रहे हैं. पूर्व मंत्री दलवीर सिंह ने CM योगी को पत्र लिखा है कि इस कोरोना काल में वेंटिलेटर जीवनरक्षक है. पीएम केयर्स फंड और विधायक निधि से 60 से ज्यादा वेंटिलेटर दिए गए थे, उनमें 50 वेंटिलेटर शो-पीस बने हुए हैं.

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