- मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत के बाद कफ सिरप की जांच शुरू हुई, जिसमें नकली और दूषित कफ सिरप का मामला सामने आया
- सोनभद्र में नमकीन के बीच छुपाए गए सवा लाख कफ सिरप की शीशियां बरामद हुईं और कई राज्यों में तस्करी का पता चला
- गाजियाबाद से शुरू हुई जांच में शुभम जायसवाल सहित लगभग सत्तर आरोपी गिरफ्तार किए गए और 128 एफआईआर दर्ज हुईं
अक्टूबर का महीना था. मध्य प्रदेश में कुछ बच्चों की किडनी खराब होने से मौत की खबरें सामने आ रही थीं. एमपी में हड़कंप मचा था. जांच में पता चला कि इन बच्चों को खांसी आ रही थी और इन्हें कफ सिरप दिया जा रहा था. इसलिए मौतों की वजह कफ सिरप माना जाने लगा. मौतें मध्य प्रदेश में हुईं, लेकिन डर पूरे देश में फैल गया. उसमें एक राज्य यूपी भी था. कफ सिरप की जांच यूपी में भी शुरू हुई. जांच शुरू नकली कफ सिरप को लेकर शुरू हुई, लेकिन पता चला कि खेल बहुत बड़ा है.
असली और नकली कफ सिरप का खेल
कफ सिरप के मामला दो एंगल से सामने आए हैं. पहला वो जिसमें दूषित कफ़ सिरप जानलेवा साबित हो रही थी और दूसरा वो कफ सिरप, जिसका इस्तेमाल नशे के लिए धड़ल्ले से किया जा रहा था. एमपी में जिस श्रीसन फार्मा से कफ़ सिरप की सप्लाई हुई, वहां बेहद ख़राब तरीक़े से कफ़ सिरप बनाई जा रही थी, जो जानलेवा साबित हुई. वहीं जो दूसरा खेल है वो उस सिंडिकेट से जुड़ा है, जो नशे के आदि लोगों को कफ़ सिरप की सप्लाई देकर मोटी कमाई कर रहा है.
यूपी में कफ़ सिरप का कैसे पता लगा?
मध्य प्रदेश में अक्टूबर में बच्चों की मौतों की ख़बर के बाद यूपी में भी जांच चल रही थी. एमपी बॉर्डर से सटे सोनभद्र में ट्रकों की जांच की जा रही थी. नमकीन से भारे एक ट्रक की जांच हुई तो उसमें नमकीन के बीच कफ सिरप की शीशियां छुपी मिलीं. कागजों में सिर्फ नमकीन होने की जानकारी थी, कफ सिरप का कोई हिसाब किताब ना था. ट्रक को त्रिपुरा जाना था. इसमें लगभग साढ़े तीन करोड़ रुपए की सवा लाख शीशियां बरामद हुईं. सोनभद्र पुलिस ने एफआईआर दर्ज की तो धीरे धीरे बड़े खुलासे होने शुरू हुए.

पूछताछ ने खोल दिए कई राज़
सोनभद्र में पकड़े गए ट्रक ड्राइवर से जब नमकीन के बीच रखीं कफ सिरप की शीशियों के बारे में पूछा गया तो पता चला कि खेल कई राज्यों में फैला था. पुलिस को पता चला कि माल गाजियाबाद में लोड हुआ था और फर्म झारखंड के रांची में है. सोनभद्र पुलिस ने गाजियाबाद पुलिस को कहानी बताई. गाजियाबाद में पड़ताल हुई तो 4 ट्रक गाजियाबाद में पकड़ी गई. चावल लदे ट्रक के भीतर कफ़ सिरप की शीशियां. इसके साथ ही एजेंसियों के कान खड़े हो गए. फिर पड़ताल तेज़ हुई तो खेल यूपी के 40 ज़िलों तक फ़ैला मिला.
पुलिस ने ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां की
ग़ाज़ियाबाद में पकड़े गए ड्राइवर्स और सहयोगियों से पूछताछ में मेरठ के सौरभ के बारे में पता चला. सौरभ दबोच लिया गया. पता चला इस खेल में आसिफ़ और वसीम मिले हैं. दुबई में रह रहे आसिफ़ और वसीम के नेक्सस की पड़ताल हुई तो नाम आया शुभम जायसवाल का. पता चला शुभम जायसवाल भी दुबई में बैठा है. गाजियाबाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज करके जांच आगे बढ़ाई. वाराणसी-जौनपुर के रहने वाले शुभम जायसवाल को लेकर तफ्तीश शुरू हुई तो एक एक करके इस खेल के खिलाड़ियों के बारे में पता लगने लगा.

एक एक कर हुईं गिरफ्तारियां
कफ़ सिरप के खेल में शुभम जायसवाल का नाम सामने आने के बाद जांच पूर्वांचल पहुंच गई. वाराणसी, जौनपुर और आसपास के ज़िलों में इस खेल की जांच में कई किरदारों का नाम सामने आया. इसमें वाराणसी के अमित सिंह टाटा को गिरफ़्तार किया गया. इसके बाद 2006 में बर्खास्त हुए आलोक सिंह को पकड़ा गया. जांच एजेंसियों को शुभम जयसवाल के साथ उसके पिता की भी तलाश थी. सोनभद्र पुलिस ने भोला जायसवाल को कोलकाता एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया.
कितने एफआईआर और कितनी गिरफ्तारी?
यूपी में कफ़ सिरप की जांच ईडी, एसटीएफ, यूपी पुलिस और एफएसडीए कर रहा है. इसके अलावा राज्य सरकार ने तीन सदस्यीय एसआईटी भी बनाई है. पुलिस को तलाश दुबई में बैठे शुभम जायसवाल की है लेकिन वो हाथ नहीं आ सका है. अबतक क़रीब 70 आरोपी इस मामले में पकड़े जा चुके हैं. राज्य में कुल 128 एफआईआर दर्ज की गई है. लगभग 1200 ड्रग लाइसेंस रद्द किए गए हैं. इस सिंडिकेट के तार यूपी के अलावा पंजाब, बिहार, उत्तराखंड, झारखंड, पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा और तमिलनाडु से लेकर बांग्लादेश और दुबई तक पाये गए हैं.
कोडीन भैया का जिक्र आया
वाराणसी-जौनपुर-सोनभद्र से चल रहे कफ़ सिरप मामले में कुछ आरोपियों का नाम सामने आया तो दावा किया गया कि उनके तार पूर्व बाहुबली सांसद धनंजय सिंह से जुड़े हैं. सोशल मीडिया में धनंजय सिंह की आलोक सिंह के साथ तस्वीरें तैरने लगीं तो वहीं आरोपियों की गाड़ी के नंबर 6777 और धनंजय सिंह की फेवरेट 6777 सीरीज़ को भी पूर्व सांसद और आरोपियों के नज़दीकी संबंध होने की वजह मानी जाने लगी. इसके बाद सोशल मीडिया से एक नाम गढ़ा गया - “कोडीन भैया”.

धनंजय सिंह आए सामने
जौनपुर से सांसद रहे धनंजय सिंह को पूर्वांचल का बाहुबली माना जाता है. कफ सिरप मामले में धनंजय सिंह को 'कोडीन भैया' नाम से बुलाया जाने लगा. इसके बाद खुद पर लग रहे आरोपों को लेकर धनंजय सिंह मीडिया के सामने आए. उन्होंने खुलकर इस मामले पर बात की और दावा किया कि पूरे मामले से उनका कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा कि उनकी गाड़ियों के नंबर और आरोपियों की गाड़ी का नंबर एक होना महज संयोग है. साथ ही उन्होंने आलोक सिंह से अपना पड़ोस का पुराना संबंध बताते हुए उम्मीद की कि आलोक पर आरोप झूठे साबित होंगे.
सपा ने सरकार को घेरा
समाजवादी पार्टी ने सबसे पहले योगी सरकार पर कफ़ सिरप को लेकर निशाना साधा. पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राज्य सरकार पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया. अखिलेश यादव में कहा कि ज़्यादातर आरोपी सीएम के सजातीय होने की वजह से उन्हें बचाया जा रहा है. अखिलेश यादव ने भी कोडीन भैया पर इस सिंडिकेट को चलाने का आरोप लगा दिया. सपा दफ्तर में बाकायदा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अखिलेश यादव ने दावा किया कि सारे आरोपियों के पीछे 'कोडीन भैया' का हाथ है.
बीजेपी ने सपा पर हमला बोला
कफ़ सिरप को लेकर समाजवादी पार्टी योगी सरकार पर हमलावर थी. इसी बीच विधानसभा सत्र के पहले दिन सीएम मीडिया को संबोधित कर रहे थे. मीडिया ने कफ़ सिरप पर सीएम से सवाल किया तो सीएम ने आरोपियों के कनेक्शन सपा से होने का बड़ा आरोप लगा दिया. योगी आदित्यनाथ ने सपा के आरोपों का जवाब शेर पढ़कर दिया. सीएम ने कहा- बस यही भूल मैं हर बार करता रहा, धूल चेहरे पर थी और आईना साफ़ करता था. इसके बाद बीजेपी ने अखिलेश यादव के साथ आरोपी की तस्वीर सामने लाकर सपा पर हमला तेज कर दिया.
अखिलेश यादव ने किया पलटवार
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सीएम के हमले का जवाब अगले ही दिन दे दिया. उन्होंने सपा दफ़्तर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अगर मेरे साथ खड़ा होने वाला माफ़िया है तो तस्वीर तो उनकी सीएम और डिप्टी सीएम के साथ भी है. सीएम की शायरी का जवाब भी अखिलेश यादव ने शेर पढ़कर दिया. उन्होंने कहा कि 'अपना चेहरा न पोंछा गया आपसे, आईना बेवजह तोड़ कर रख दिया.' फ़िलहाल सत्ता और विपक्ष कोडीन कफ़ सिरप को लेकर एक दूसरे पर हमलावर हैं.
जांच जारी, होंगे बड़े खुलासे
मुख्यमंत्री योगी सरकार की तरफ़ से गठित तीन सदस्यीय एसआईटी के अलावा यूपी एसटीएफ, यूपी पुलिस और एफएसडीए लगातार जांच को आगे बढ़ाये हुए हैं. 22 आरोपियों की इलाहाबाद हाईकोर्ट से एफआईआर रद्द करने की याचिका ख़ारिज हो चुकी है. सिर्फ़ दो आरोपियों को हाई कोर्ट ने 5 जनवरी तक गिरफ्तारी से छूट दी है. ऐसे में जांच एजेंसियों ने पड़ताल तेज कर दी है. एक तरफ शुभम जायसवाल को दुबई से पकड़ने की कवायद तो दूसरी तरफ पूरे नेक्सस की तह तक जाने के लिए कोशिशें की जा रही हैं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं