- हाथरस गैंगरेप पर बढ़ता बवाल
- पीड़िता के भाई-बहन का आरोप
- 'लालच देकर चुप रहने को कहा'
हाथरस गैंगरेप मामले (Hathras Gang Rape Case) की जांच का जिम्मा SIT को सौंपा गया है. इस मामले में मुख्य आरोपी सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इस केस को सुलझाने की दिशा में योगी सरकार ने एक के बाद एक कई गलतियां कीं. पहली गलती, आधी रात में परिवार को घर में कैद कर पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया गया. इसके बाद प्रशासन ने गांव में मीडिया की एंट्री पर पाबंदी लगा दी, जिसको लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठने लगे. अब से कुछ देर पहले मीडिया को फिर से गांव जाने की अनुमति दे दी गई है. जिसके बाद NDTV से बातचीत में पीड़िता के भाई और बहन ने प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं.
पीड़िता के भाई और बहन ने कहा, 'हम पर दबाब बनाया गया. हमें लालच देकर चुप रहने के लिए कहा गया. हमें पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं है. हम चाहते हैं कि हमें न्याय मिले.' पीड़िता के भाई से जब पूछा गया कि पुलिस आपको मीडिया से बात क्यों नहीं करने दे रही थी, तो उसने कहा, 'हमें नहीं पता. वो लोग अपनी नाकामयाबी छुपा रहे हैं. क्यों जलाया, मैं तो ये बोलता हूं. कौन थी वो, किसकी बॉडी थी. हमारा यही सवाल रहेगा कि किसकी बॉडी जला दी. क्यों किया ऐसा. किस दबाव में किया. या सरकार का प्रेशर था या तुम्हारे ऊपर किसी बड़े अधिकारी का प्रेशर था. हमें कुछ भी नहीं पता.'
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हाथरस के एसडीएम प्रेम प्रकाश मीणा ने NDTV से बातचीत में गांव में दो दिनों तक मीडिया की एंट्री पर पाबंदी पर कहा, 'पिछले दो दिनों से SIT टीम गांव में अपनी जांच कर रही थी. दो दिन से सिर्फ मीडिया पर ही नहीं बल्कि सभी पर पाबंदी थी, फिर वो चाहें मीडिया हो, जन प्रतिनिधि हों, डेलिगेशन हों या फिर सरकारी अधिकारी हों, जिनकी यहां पर ड्यूटी न लगी हो. SIT टीम के जाने के बाद पुरानी स्थिति को बहाल करने का आदेश मिला.'
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