
Dalit vote story of UP: आंबेडकर के असली अनुयायी कौन! कांशीराम के सच्चे साथी कौन! दलित, शोषित और वंचितों के मान सम्मान के ये दो सबसे ताकतवर प्रतीक है. मामला दलित वोट का है. संघर्ष सत्ता बचाने और बनाने का है. हर राजनैतिक पार्टी के पहले एजेंडे पर दलित हैं. दो तरह की होड़ मची है. अपने को दलितों का असली हमदर्द बताने की. साथ ही दूसरे को दलित विरोधी साबित करने की. सोमवार को बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की जयंती है. उनकी एक मूर्ति का उद्घाटन अखिलेश यादव ने किया. वे भी अपने गृह जिले इटावा में.
लोकसभा चुनाव में उनका PDA मतलब पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक वाला फ़ार्मूला हिट रहा. अखिलेश को फोकस अब दलित वोट बैंक पर है. समाजवादी पार्टी पर दलित विरोधी होने के आरोप लगते रहे हैं. अखिलेश यादव की कोशिश इसी नैरेटिव को तोड़ने की है.
मायावती का आरोप- अखिलेश दलितों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाते हैं
कुछ दिनों पहले मायावती ने अखिलेश यादव पर नकली होने का आरोप लगाया था. बीएसपी चीफ़ ने कहा था कि वे दलितों के नाम पर घड़ियाली आँसू बहाते है. मायावती ने गेस्टहाउस कांड तक का ज़िक्र किया था. साल 1995 में लखनऊ के गेस्ट हाउस में समाजवादी पार्टी नेताओं ने उनके साथ बदतमीज़ी की थी. उन दिनों बीएसपी ने मुलायम सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था. फिर कई सालों बाद 2019 के आम चुनाव में समाजवादी पार्टी और बीएसपी ता गठबंधन हुआ था.
कांशीराम जीत नहीं पा रहे थे, उन्हें मुलायम ने जिताया: अखिलेश
कांशीराम को लेकर अखिलेश यादव के ताज़ा बयान से विवाद बढ़ गया है. इटावा में उन्होंने कहा "वो जीत नहीं पा रहे थे कहीं से. हमें ये नहीं कहना चाहिए. पर ये बात इतिहास में दर्ज है. कांशीराम जी को जिताने का काम किसी ने किया था तो वे मुलायम सिंह थे. समाजवादी पार्टी थी. अब उनके इसी बयान पर घमासान मचा है.
अखिलेश का आधा सच बताने की बीमारीः केशव प्रसाद मौर्या
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य कहते हैं अखिलेश को आधा सच बताने की बीमारी है. बीएसपी ने भी तो निसान सिंह के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारा था. डिप्टी सीएम केशव ने कहा कि मायावती को समाजवादी गुंडों से बीजेपी के नेताओं ने ही बचाया था.
केशव प्रसाद मौर्या बोले- मुलायम को सीएम कांशीराम ने बनाया
एनडीटीवी इंडिया से डिप्टी सीएम केशव ने कहा मुलायम सिंह को मुख्यमंत्री भी तो कांशीराम जी ने बनवाया था. अखिलेश तो ऐसे बता रहे हैं जैसे समाजवादी पार्टी ने कांशीराम जी पर उपकार किया था. यही चरित्र है उनका. दलित कभी अखिलेश पर भरोसा नहीं कर सकता है.
बीजेपी चला रही 10 दिनों का गांव चलो अभियान
समरसता को लेकर लखनऊ में आज बीजेपी की कार्यशाला हुई. बाबा साहेब आंबेडकर की जयंती पर पार्टी दस दिनों का गाँव चलो अभियान शुरू कर रही है. वर्कशॉप का उद्घाटन करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस को दलित विरोधी बताया. आज कल इतिहास के पन्नों वाली राजनीति का चलन है.
कांग्रेस से कैसे क्षेत्रीय दलों में शिफ्ट हुए दलित वोटर
एक जमाने में ब्राह्मण और मुस्लिम के साथ साथ दलित भी कांग्रेस के वोटर थे. राजनीति का दौर बदला. क्षेत्रीय पार्टियों ने ये वोट कांग्रेस से छीन लिया. पिछले कुछ सालों से दलित बिरादरी का एक तबका बीजेपी के साथ है. पिछले लोकसभा चुनाव में संविधान और आरक्षण खत्म करने के आरोप में बीजेपी को नुक़सान हुआ.
आंबेडकर और कांशीराम के नाम की परिक्रमा से सत्ता के पराक्रम तक
समाजवादी पार्टी PDA वाली रणनीति से दलितों को अपना बनाने में जुटी है. कांग्रेस को भी लगता है दलितों का साथ मिला तो अच्छे दिन आ सकते हैं. मायावती कभी इस समाज की नेचुरल लीडर थीं. पर अब तो पार्टी और घर बचाने के लिए संघर्ष कर रही हैं. ऐसे में आंबेडकर और कांशीराम के नाम की परिक्रमा जारी है. क्या पता इसी से सत्ता का पराक्रम मिल जाए!!
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