उत्तर प्रदेश के गोंडा की जिला अस्पताल मानवता के शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है. यहां जब एक बेटा अपने बुजुर्ग पिता को अस्पताल में भर्ती कराने पहुंचा तो मरीज को वहां न तो स्ट्रेचर मिला और न ही उसे भर्ती किया गया. गंभीर हालत में बुजुर्ग अस्पताल की इमरजेंसी के बाहर पड़ा रहा और आखिरकार उसने बेटे की गोद में ही दम तोड़ दिया. बात यहीं नहीं होती. मौत के बाद शव वाहन भी नहीं मिला और ऐसी स्थिति में उसे प्राइवेट गाड़ी में शव को घर ले जाना पड़ा. पूरे मामले में अस्पताल की इमरजेंसी के डॉक्टर और कर्मचारियों की भारी लापरवाही सामने आई है.
दरअसल, पिता का स्वास्थ्य खराब होने पर सोहन लाल उन्हें लेकर गोडा की जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड पहुंचे थे. वे बुजुर्ग पिता को गोद में लेकर बैठे रहे लेकिन किसी भी ने भी मरीज को हाथ लगाने तक की जेहमत नहीं उठाई. सोहन लाल का आरोप है कि गोद में ही पिता के दम तोड़ देने के बाद इमरजेंसी में अंदर ले जाने पर ऑक्सीजन लगा दिया गया और कुछ देर बाद मृत होने की बात बता कर घर ले जाने कह दिया गया. यही नहीं, इमरजेंसी से शव बाहर लाने के लिए स्ट्रेचर भी मुहैया नहीं कराई गई. बेटे ने गोद में पिता का शव लेकर प्राइवेट गाड़ी में लादा और फिर घर लेकर गया. सोहन लाल ने सीएम सहित उच्चाधिकारियों से इस मामले की शिकायत करने की बात कही है. मृतक बुजुर्ग राम उदित मोतीगंज थाना क्षेत्र के पिपरा भिटौरा का निवासी बताया जा रहा है.
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