 
                                            उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री आजम खान (फाइल फोटो)
                                                                                                                        - बुलंदशहर गैंगरेप मामला में विवादित बयान दिया
- 15 दिसंबर तक फिर नया माफीनामा दाखिल करने का आदेश
- आजम खां को दोबारा बिना शर्त माफीनामे का हलफनामा दाखिल करना है
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                                                                                नई दिल्ली: 
                                        बुलंदशहर गैंगरेप मामला में विवादित बयान देने वाले उत्तर प्रदेश के कद्दावर मंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के माफीनामे को सुप्रीम कोर्ट ने नामंजूर कर दिया है. कोर्ट ने आज सुनवाई के बाद 15 दिसंबर तक फिर नया माफीनामा दाखिल करने का आदेश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान के हलफनामे को मंजूर करने से इनकार किया. कोर्ट ने आजम खां को दोबारा बिना शर्त माफीनामे का हलफनामा दाखिल करने को कहा है. कोर्ट ने हलफनामे में एक पैराग्राफ पर सवाल उठाया और कहा कि इफ यानी यदि मेरे बयान से दुख पहुंचा है... कोर्ट ने कहा कि अगर कोई हलफनामा इफ से शुरू होता है तो ये बिना शर्त माफी नहीं है.
कोर्ट ने कहा कि बिना शर्त माफीनामा का हलफनामा कैसा हो, ये भी सुनवाई हो सकती है. इससे पहले, यूपी बुलंदशहर गैंगरेप मामले में उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री आजम खान ने इस मामले दिए गए बयान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आज़म खान से 12.45 तक बिना शर्त माफी का हलफनामा दाखिल करने के आदेश दिए थे.
कोर्ट ने कहा था कि आपको केस में माफी दी जाए या नहीं ये हलफनामा देखकर तय करेंगे. अब हलफनामे के नमूने पर एजी ने उठाए सवाल थे और कहा कि उन्होंने बिना शर्त माफ़ी नहीं मांगी है.
हलफ़नामे में कहा गया ता कि मीडिया ने उनकी बातों को तोड़मरोड़ कर पेश किया है. एजी ने कहा कि अगर उनके बयान से पीड़ित को तकलीफ पहुंची है तो? बिना शर्त हलफनामे में अगर (इफ) और तब (दैन) का इस्तेमाल नहीं हो सकता.
केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए एजी ने कहा कि पीड़ित बच्ची को अगले सेशन 2017-18 में नोएडा सेंट्रल स्कूल में दाखिला दिया जाएगा. बुलंदशहर गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हो रही है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि क्या आजम खान अपने बयान पर माफी मांगने को तैयार हैं कि उन्होंने पीड़िता को दुख पहुंचाया है.
आजम खान ने कहा था कि वो बिना शर्त माफी मांगने को तैयार हैं. सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि गैंगरेप की पीड़िता के मुद्दे पर बयान देने से पहले बयान देने वालों को जिम्मेदारी का अहसास होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को पीड़िता को केन्द्रीय विद्यालय में एक महीने के अंदर भर्ती कराने और सारा खर्चा यूपी सरकार द्वारा देने के आदेश सुनाया था.
एमिक्स क्यूरी फली नारीमन ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि इस मसले पर तो आजम के खिलाफ मामला खत्म हो जाता है लेकिन कोर्ट ने गैंगरेप और रेप जैसे अपराधों पर नेता और मंत्रियों के बयान पर जो प्रश्न उठाए थे वो अभी खत्म नहीं हुए हैं. कोर्ट ने संवैधानिक सवालों के जवाब के लिए एजी मुकुल रोहतगी को मदद करने के लिए कहा है.
                                                                        
                                    
                                सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान के हलफनामे को मंजूर करने से इनकार किया. कोर्ट ने आजम खां को दोबारा बिना शर्त माफीनामे का हलफनामा दाखिल करने को कहा है. कोर्ट ने हलफनामे में एक पैराग्राफ पर सवाल उठाया और कहा कि इफ यानी यदि मेरे बयान से दुख पहुंचा है... कोर्ट ने कहा कि अगर कोई हलफनामा इफ से शुरू होता है तो ये बिना शर्त माफी नहीं है.
कोर्ट ने कहा कि बिना शर्त माफीनामा का हलफनामा कैसा हो, ये भी सुनवाई हो सकती है. इससे पहले, यूपी बुलंदशहर गैंगरेप मामले में उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री आजम खान ने इस मामले दिए गए बयान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आज़म खान से 12.45 तक बिना शर्त माफी का हलफनामा दाखिल करने के आदेश दिए थे.
कोर्ट ने कहा था कि आपको केस में माफी दी जाए या नहीं ये हलफनामा देखकर तय करेंगे. अब हलफनामे के नमूने पर एजी ने उठाए सवाल थे और कहा कि उन्होंने बिना शर्त माफ़ी नहीं मांगी है.
हलफ़नामे में कहा गया ता कि मीडिया ने उनकी बातों को तोड़मरोड़ कर पेश किया है. एजी ने कहा कि अगर उनके बयान से पीड़ित को तकलीफ पहुंची है तो? बिना शर्त हलफनामे में अगर (इफ) और तब (दैन) का इस्तेमाल नहीं हो सकता.
केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए एजी ने कहा कि पीड़ित बच्ची को अगले सेशन 2017-18 में नोएडा सेंट्रल स्कूल में दाखिला दिया जाएगा. बुलंदशहर गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हो रही है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि क्या आजम खान अपने बयान पर माफी मांगने को तैयार हैं कि उन्होंने पीड़िता को दुख पहुंचाया है.
आजम खान ने कहा था कि वो बिना शर्त माफी मांगने को तैयार हैं. सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि गैंगरेप की पीड़िता के मुद्दे पर बयान देने से पहले बयान देने वालों को जिम्मेदारी का अहसास होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को पीड़िता को केन्द्रीय विद्यालय में एक महीने के अंदर भर्ती कराने और सारा खर्चा यूपी सरकार द्वारा देने के आदेश सुनाया था.
एमिक्स क्यूरी फली नारीमन ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि इस मसले पर तो आजम के खिलाफ मामला खत्म हो जाता है लेकिन कोर्ट ने गैंगरेप और रेप जैसे अपराधों पर नेता और मंत्रियों के बयान पर जो प्रश्न उठाए थे वो अभी खत्म नहीं हुए हैं. कोर्ट ने संवैधानिक सवालों के जवाब के लिए एजी मुकुल रोहतगी को मदद करने के लिए कहा है.
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