 
                                            उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में बेमौसम बारिश का सिलसिला जारी है.पूर्वी उत्तर प्रदेश, अवध और तराई के कई जिलों में हल्की से लेकर भारी बारिश तक दर्ज की गई है. बारिश की वजह से फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है.वहीं बारिश की वजह से दिन का औसत तापमान सामान्य से काफी नीचे गिर गया है. मौसम विज्ञान विभाग ने यह बारिश छह नवंबर तक जारी रहने का अनुमान जताया है.
कैसा है मऊ का हाल
एनडीटीवी के मऊ जिले में स्थित सहयोगी राहुल सिंह के मुताबिक मोंथा तूफान का असर किसानों पर भारी पड़ रहा है. धान की कटी हुई फसलें बेमौसम बारिश से भीगकर खराब हो गई हैं. पिछले दो दिनों से जारी खराब मौसम ने किसानों की नींद उड़ा दी है. खेतों में करीब आधा फीट तक पानी भर गया है. इससे फसलें पूरी तरह भीगकर जमीन पर गिर चुकी हैं. किसान अपनी मेहनत की कमाई को यूं बर्बाद होते देख बेहद चिंतित हैं. उनका कहना है कि सरकार को नुकसान का सर्वे कराकर उचित मुआवजा देना चाहिए, ताकि किसानों को राहत मिल सके. मौसम का तापमान गिरने से ठंड का असर भी बढ़ गया है.
सलाहाबाद गांव के किसान रमाशंकर ने बताया कि लगातार हो रही बारिश से मटर की फसल पूरी तरह डूबकर नष्ट हो गई है. वहीं, खेतों में कटे हुए धान भी पानी में डूब चुके हैं. इस बरसात से किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है.
गाजीपुर में धान,चना,मटर,सरसों,आलू की फसलें डूबीं
वहीं गाजीपुर में एनडीटीवी के सहयोगी सुनील सिंह के मुताबिक जिले में मोंथा चक्रवात का प्रभाव देखने को मिला है. पिछले तीन दिनों से जिले के अलग-अलग जगहों पर रुक-रुक कर बारिश हो रही है.वहीं गुरुवार रात हुई मूसलाधार बारिश से किसानों की धान,चना,मटर,सरसों,आलू की फसलें हुई पूरी तरह जलमग्न हो गईं. किसानों ने बताया उनके सामने संकट पैदा हो गया है. लगातार बारिश होने से धान की फसलें खेतों में ही लबालब पानी से भर गईं. किसानों ने कुछ दिन पहले ही सरसों,चना,आलू,मटर की बोआई की थी. अब इन फसलों के खराब होने का खतरा है. किसानों ने खराब हुई फसलों पर सरकार से मुआवजे की मांग की है.
श्रावस्ती में बारिश ने किसानों की कमर तोड़ी
वहीं श्रावस्ती से अम्मार रिजवी ने खबर दी है कि जिले में तीन दिन से हो रही बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है. इससे पहले जहां किसानों की धान की फसल सूखे से मारी गई,जिसे किसानों ने किसी तरह फसल को सूखे की मार से थोड़ा बहुत बचाया तो वहीं अब बे मौसम बरसात ने किसानों की कटी हुई धान की फसल को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है. खेतों में धान की कटी हुई फासले पड़ी हुई हैं. लगातार बारिश से सैकड़ों बीघा धान की फसल पानी में डूब गई हैं.
आपको बता दें कि श्रावस्ती के किसान पहले ही सूखे की मार झेल चुके हैं. अब वो बरसात की मार झेल रहे हैं. वही किसान कहते हैं कि हमने किसी तरह कर्ज और उधार लेकर धान की फसल की बुवाई की थी. लेकिन एक तरफ हमें सूखे ने मारा तो दूसरी तरफ बेमौसम बरसात ने हमारी कमर तोड़ दी है. उनका कहना है कि हमने कर्ज लेकर फसल बोई थी, अब कर्ज की भरपाई कैसे करेंगे.
झांसी में बीजेपी विधायक ने लिया खराब फसलों का जायजा
वहीं झांसी से विनोद कुमार गौतम की रिपोर्ट के मुताबिक बेमौसम बारिश से जिले में सैकड़ों बीघा खेत में खड़ी धान की फसल बर्बाद हो गई है. इस बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. सैकड़ों एकड़ में खेतों में खड़ी फसल या तो बिछ गई तो कहीं पर पानी में डूब गई है. बर्बाद फसल को देख किसान मायूस हैं. बारिश से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए क्षेत्रीय विधायक जवाहर लाल राजपूत पहुंचे.

उत्तर प्रदेश के झांसी में बेमौसम बारिश से धान की फसल को हुआ नुकसान.
झांसी जिले के मोंठ तहसील क्षेत्र में किसानों ने बैंक और साहूकारों से कर्ज लेकर धान की फसल रोपी थी. लेकिन पिछले दो दिनों से हो रही बारिश ने उनके सारे सपनों और उम्मीदो पर पानी फेर दिया. फसल खराब होने से किसानों के सामने आर्थिक संकट गहराने लगा है. किसान खराब फसलों से लिपट लिपटकर रो रहा है और सरकार-प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं. बारिश से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए विधायक जवाहर लाल राजपूत वकुवा गांव पहुंचे. खराब फसलों का जायजा लिया और पीड़ित किसानों का दर्द सुना.उन्होंने मोंठ के एसडीएम को बुला कर खराब हुई फसलों का सर्वे कराकर पीड़ित किसानों को मुआवजा दिलाने को कहा.एसडीएम ने आश्वासन दिया कि प्लाट टू प्लाट सर्वे कराकर नुकसान के आधार पर किसानों को शीघ्र मुआवजा दिलाया जाएगा.
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