 
                                            सपनों की पिच पर चौके-छक्के लगाने की तैयारी कर रहा एक क्रिकेटर असल जिंदगी में ठगी का खेल खेल रहा था. अपने एक साथी के साथ मिलकर उसने बैंक अधिकारी बनकर अनगिनत लोगों को अपना शिकार बनाया.इस तरह दोनों ने करोड़ों रुपये की ठगी को अंजाम दिया. कानपुर कमिश्नरेट की साइबर सेल टीम ने इस शातिर जोड़ी को गिरफ्तार कर एक बड़े ऑनलाइन फ्रॉड का पर्दाफाश किया है.इन दोनों ने दिल्ली, पंजाब और दूसरे राज्यों में ठगी की 35 वारदातों को अंजाम दिया. दोनों के पास से तीन लैपटॉप, 14 मोबाइल फोन, एक थार गाड़ी और क्रिकेट किट बैग बरामद हुए हैं.
कैसे साइबर ठग बना क्रिकेटर
गिरफ्तार क्रिकेटर विवेक शर्मा आईपीएल में खेलने की तैयारी कर रहा था. ठगी के पैसों से उसने सवा-सवा लाख रुपये के क्रिकेट बैट खरीदे थे. डीसीपी क्राइम अतुल कुमार श्रीवास्तव ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि गुजैनी निवासी सुनील कुमार खन्ना ने 10 जून को 1.35 लाख रुपए की ऑनलाइन ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी. उन्हें पांच जून को क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने का झांसा देकर एक लिंक भेजा गया था. उस पर उन्होंने अपनी सारी जानकारी भर दी थी.

पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के पास से तीन लैपटॉप, 14 मोबाइल फोन, एक थार गाड़ी और क्रिकेट किट बैग बरामद किया है.
साइबर सेल ने जब मामले की जांच शुरू की तो पता चला कि सुनील के क्रेडिट कार्ड से चंडीगढ़ और मोहाली के पास जिरकपुर में खरीदारी की गई है.जांच को आगे बढ़ाते हुए पुलिस टीम ने पंजाब पुलिस की मदद से बागपत निवासी अनुज तोमर को चंडीगढ़ और उसके साथी विवेक शर्मा को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में सामने आया कि एमबीए कर चुका अनुज और इंजीनियरिंग कर चुका विवेक सिंगापुर में एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करते थे. कोरोना महामारी के दौरान नौकरी चली जाने पर दोनों भारत लौट आए. आर्थिक तंगी के चलते वे एक ठग के संपर्क में आ गए, जिसने उन्हें साइबर ठगी के गुर सिखाए. अनुज कंप्यूटर का मास्टरमाइंड है, वह सिंगापुर में सॉफ्टवेयर डेवलपर का काम करता था.
पुलिस ने ठगों से क्या बरामद किया है
विवेक शर्मा एक प्रोफेशनल क्रिकेटर है. वह मोहाली, हरियाणा और चंडीगढ़ में घरेलू टूर्नामेंट खेल चुका है.उसका सपना आईपीएल में खेलने का था, जिसके लिए वह ठगी के पैसों का इस्तेमाल कर रहा था. उसने सुनील खन्ना से ठगे गए 1.35 लाख में से 1.25 लाख रुपये का सिर्फ एक बल्ला खरीदा था. यही नहीं अनुज ने ठगी की रकम से एक महिंद्रा थार गाड़ी भी खरीदी थी.पुलिस के मुताबिक इन दोनों ने दिल्ली और पंजाब समेत कई राज्यों में लगभग 35 वारदातों को अंजाम देकर करोड़ों रुपए की ठगी की है. इनके पास से तीन लैपटॉप, 14 मोबाइल फोन, थार गाड़ी और क्रिकेट किट बैग बरामद हुए हैं. पुलिस अब इस गैंग से जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है.
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