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अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण संबंधी सभी कार्य पूर्ण हुए , ध्वज और कलश स्थापित

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने कहा कि जिन कार्यों का सीधा संबंध दर्शनार्थियों की सुविधा से है अथवा व्यवस्था से है, वे सभी कार्य पूर्णत्व प्राप्त कर चुके हैं. सड़कें एवं फ्लोरिंग पर पत्थर लगाने का कार्य एलएंडटी द्वारा तथा भूमि सौंदर्य, हरियाली और लैंड स्केपिंग कार्य सहित 10 एकड़ में पंचवटी निर्माण जीएमआर द्वारा तीव्र गति से किए जा रहे हैं.

अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण संबंधी सभी कार्य पूर्ण हुए , ध्वज और कलश स्थापित
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने कहा कि कार्य अभी चल रहे हैं जिनका संबंध जनता से नहीं है
  • अयोध्या में राम मंदिर का मुख्य मंदिर और परकोटा के छह मंदिर पूरी तरह से बनकर तैयार हो गए हैं.
  • सप्त मण्डप और संत तुलसीदास मंदिर का निर्माण भी पूर्ण हो गया है. जटायु,गिलहरी की प्रतिमाएं स्थापित हो चुकी हैं.
  • श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने कहा कि दर्शनार्थियों की सुविधा से संबंधित सभी कार्य पूरे कर लिए गए हैं
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अयोध्या:

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर पूरी तरह से बनकर तैयार हो गया है. इसकी जानकारी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने श्रद्धालुओं को दी.अयोध्या में राम मंदिर के पूरा बन जाने और तीसरे चरण के कार्यक्रम की जानकारी देते श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामन्त्री चंपत राय ने कहा मंदिर निर्माण संबंधी सभी कार्य पूर्ण हो गए हैं. मुख्य मंदिर, परकोटा के छह मंदिर भगवान शिव, भगवान गणेश, भगवान हनुमान, सूर्यदेव, देवी भगवती, देवी अन्नपूर्णा तथा शेषावतार मंदिर भी पूर्ण हो चुके हैं और इन पर ध्वजदण्ड एवं कलश स्थापित हो चुके हैं.

उन्होंने आगे बताया, सप्त मण्डप अर्थात् महर्षि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज, शबरी एवं ऋषि पत्नी अहल्या मंदिरों का भी निर्माण पूर्ण हो चुका है.” “सन्त तुलसीदास मंदिर भी पूर्ण हो चुका है तथा जटायु और गिलहरी की प्रतिमाएं स्थापित की जा चुकी हैं.” 

महामन्त्री चंपत राय ने कहा जिन कार्यों का सीधा सम्बन्ध दर्शनार्थियों की सुविधा या व्यवस्था से है, वे सभी कार्य पूरे किये जा चुके हैं. सड़कें एवं फ्लोरिंग पर पत्थर लगाने का कार्य निर्धारित कंपनी द्वारा तथा भूमि सौन्दर्य, हरियाली और ‘लैंड स्केपिंग' कार्य सहित 10 एकड़ में पंचवटी का निर्माण तीव्र गति से किया जा रहा है.

इससे पहले श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट कर कहा कि सभी श्रीरामभक्तों को यह जानकारी देते हुए हर्ष हो रहा है कि मंदिर निर्माण संबंधी सभी कार्य पूर्ण हो गए हैं, अर्थात मुख्य मंदिर और परकोटा के 6 मंदिर- भगवान शिव, भगवान गणेश, भगवान हनुमान, सूर्यदेव, देवी भगवती, देवी अन्नपूर्णा, और शेषावतार मंदिर भी पूर्ण हो चुके हैं। इन पर ध्वजदण्ड एवं कलश स्थापित हो चुके हैं.

उन्होंने आगे कहा कि इसके अतिरिक्त सप्त मण्डप अर्थात् महर्षि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज, शबरी एवं ऋषि पत्नी अहल्या मंदिरों का भी निर्माण पूर्ण हो चुका है. संत तुलसीदास मंदिर भी पूर्ण हो चुका है तथा जटायु और गिलहरी की प्रतिमाएं स्थापित की जा चुकी हैं.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने कहा कि कार्य अभी चल रहे हैं जिनका संबंध जनता से नहीं है, जैसे 3.4 किलोमीटर लंबी चारदीवारी, ट्रस्ट कार्यालय, अतिथि गृह, सभागार इत्यादि.

5 अगस्त 2020 को हुआ था भूमि पूजन

बता दें कि अयोध्या में स्थित जन्मभूमि पर 15 जनवरी 2021 को राम मंदिर के निर्माण से संबंधित कार्य शुरू हुए थे. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को भूमि पूजन किया था.इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने 25 मार्च 2020 को जन्मभूमि पर विराजमान रामलला को सिर पर उठाकर परिसर में ही निर्मित वैकल्पिक गर्भगृह में प्रतिष्ठित किया था. भूमि पूजन के बाद श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जनवरी 2021 से मंदिर निर्माण के लिए नींव की खोदाई प्रारंभ कराई थी. अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को हुई थी.

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