टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है. हर इंडिविजुअल टैक्सपेयर के लिए अपना रिटर्न समय पर फाइल करना जरूरी है. अगर डेडलाइन छूट जाती है, तो टैक्सपेयर्स को इसके नतीजों का सामना करना पड़ेगा. हर व्यक्ति को अपनी सभी डिटेल्स को इकट्ठा करना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका रिटर्न अपलोड और वेरिफाई हो जाए. आइए जानते हैं कि आखिरी तारीख तक रिटर्न फाइल नहीं करने पर क्या-क्या असर होंगे.
बिलेटेड रिटर्न टाइम
जब इनकम टैक्स रिटर्न आखिरी तारीख के बाद फाइल किया जाता है, तो उसे बिलेटेड रिटर्न कहते हैं. ये अहम बात है कि व्यक्ति के पास आखिरी तारीख के बाद टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए अनिश्चित समय नहीं होता है. ये केवल एक निश्चित तारीख तक किया जा सकता है.
अगर इस तारीख तक भी रिटर्न फाइल नहीं किया जाता है, तो आप रिटर्न बिल्कुल ही फाइल नहीं कर सकेंगे. रिटर्न फाइलिंग प्रक्रिया की ये आखिरी तारीख इस साल 31 दिसंबर 2023 है और इसका मतलब है कि अगर आप 31 जुलाई की डेडलाइन तक फाइल नहीं कर पाते. तो, कम से कम इसे 31 दिसंबर 2023 से पहले फाइल जरूर कर दें.
लेट फाइलिंग फीस
अगर ऑरिजनल डेडलाइन तक रिटर्न फाइल नहीं किया जाता है, तो लेट फाइलिंग फीस लागू होगी. इससे पहले लेट फाइलिंग फीस नहीं होती थी, लेकिन इसे FY 2017-18 से नए सेक्शन 234F के तहत पेश किया गया है. सेक्शन 234F के तहत लेट फाइलिंग फीस की राशि व्यक्ति की कुल आय पर निर्भर होगी.
अगर कुल इनकम 5 लाख रुपये से ज्यादा है और रिटर्न देरी से फाइल किया जाता है, तो फिर लेट फाइलिंग फीस 5,000 रुपये होगी. अगर कुल आय 5 लाख रुपये से कम है, तो लेट फाइलिंग फीस 1,000 रुपये से ज्यादा नहीं होगी. एक अहम बात ये है कि अगर आपको रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं है, तो कोई लेट फाइलिंग फीस नहीं लगेगी. तो, अगर आपकी इनकम बेसिक छूट की सीमा से कम है, लेकिन फिर भी बिलेटेड रिटर्न फाइल कर रहे हैं तो आपको कोई लेट फाइलिंग फीस नहीं देनी होगी.
जुर्माने के तौर पर ब्याज
अगर टैक्सपेयर ने समय पर अपना रिटर्न फाइल नहीं किया है और उन्हें इनकम पर कुछ टैक्स चुकाना है. ऐसे में सेक्शन 234 A के तहत पीनल इंटरेस्ट देना होगा. ये टैक्स अमाउंट के 1% प्रति महीने की दर पर लगेगा और महीने के बाद एक दिन को भी पूरे महीने के तौर पर कैलकुलेट किया जाएगा. देरी को रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख से कैलकुलेट किया जाएगा और जिस दिन बिलेटेड रिटर्न फाइल होता है, उस दिन ये खत्म होगा.
उदाहरण के लिए, अगर डेडलाइन 31 जुलाई 2023 है और व्यक्ति 2 अक्टूबर 2023 को रिटर्न फाइल करता है, तो देरी 2 महीने और 2 दिन की है, लेकिन ब्याज 3 महीने के लिए कैलकुलेट किया जाएगा. ये ब्याज एडवांस टैक्स पेमेंट या एडवांस टैक्स की शॉर्ट पेमेंट को समय पर नहीं करने पर लगे ब्याज में जुड़ेगा.
लॉस को कैरी फॉरवर्ड
टैक्सपेयर पर एक बड़ा असर ये होगा कि इनकम टैक्स एक्ट के तहत उन्हें मिलने वाले कुछ बेनेफिट्स नहीं मिल सकेंगे. सामान्य मामलों में, इंडिविजुअल इनकम किस तरह की है, उसके आधार पर लॉस को सेट ऑफ कर पाते हैं. और अगर लॉस ज्यादा है, तो उसे कैरी फॉरवर्ड करके भविष्य की इनकम के खिलाफ सेट ऑफ किया जा सकता है.
उदाहरण के लिए, अगर शेयरों की बिक्री पर लॉस हुआ है, तो फिर उसे 8 सालों के लिए कैरी फॉरवर्ड किया जा सकता है, हालांकि, अगर समय पर रिटर्न फाइल नहीं गया है तो लॉस को कैरी फॉरवर्ड नहीं किया जा सकता और ये फायदा नहीं मिलेगा.
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