विज्ञापन

कबाड़ बेचकर 1 महीने में कमा लिए 800 करोड़ रुपये... आम के आम, गुठलियों के दाम! आपके पास कौन-से विकल्‍प?

आप भी अपने घर के अलग-अलग तरह के कबाड़ (जैसे पुराने अखबार, प्लास्टिक, धातु, बोतलें, ई-वेस्ट आदि) को बेचने के लिए कुछ तरीके अपना सकते हैं. 

कबाड़ बेचकर 1 महीने में कमा लिए 800 करोड़ रुपये... आम के आम, गुठलियों के दाम! आपके पास कौन-से विकल्‍प?

अक्‍सर आप जब अपने घरों की डीप क्‍लीनिंग यानी अच्‍छे से सफाई करते हैं तो बहुत सारे पुराने और बेकार सामान निकल आते हैं. आपके मुहल्‍ले में कोई कबाड़ी वाला आता है. आप उसे बेकार सामान बेचते हैं और आपको इससे दो फायदे होते हैं. पहला कि उस कबाड़ को बेचने से घर का स्‍पेस खाली हो जाता है और उसके बदले में आपको पैसे भी मिलते हैं. केंद्र सरकार ने भी यही किया. आपको जानकर आश्‍चर्य हो सकता है कि महज 1 महीने के सफाई अभियान में 800 करोड़ रुपये कमा लिए. यही नहीं, अभी और सुनिए... केंद्र के अलग-अलग मंत्रालयों का 2.32 करोड़ स्‍कवायर फीट स्‍पेस भी खाली हो गया. है न कमाल की बात!  

2 से 31 अक्‍टूबर तक चला अभियान 

अधिकारियों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने स्वच्छता अभियान के तहत विभिन्न मंत्रालय और विभागों से कबाड़ की बिक्री कर करीब 800 करोड़ रुपये कमाए है. साथ ही, इससे करीब 232 लाख स्क्वायर फीट ऑफिस स्पेस भी फ्री हुआ है. करीब एक महीने की अवधि (2 से 31 अक्टूबर) तक चले इस स्वच्छता अभियान में रिकॉर्ड 232 लाख स्क्वायर फीट ऑफिस स्पेस फ्री हुआ है, जबकि करीब 29 लाख फिजिकल फाइल्स को हटाया गया है.

5 साल में कबाड़ से कमाई 4,100 करोड़

सरकारी कार्यालयों में स्वच्छता अभियान की शुरुआत 2021 में हुई थी. तब से सरकार ने कबाड़ और उपयोग से बाहर हो चुकी एसेट्स को बेचकर लगभग 4,100 करोड़ रुपये कमाए हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस अभियान के तहत करीब 11.58 लाख ऑफिस साइट्स को कवर किया गया है और इसका समन्वय प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआर एंड पीजी) द्वारा किया गया.

3 केंद्रीय मंत्री ने की अभियान की मॉनिटरिंग 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता और सुशासन के आह्वान से प्रेरित होकर, वार्षिक स्वच्छता और दक्षता अभियान अब प्रशासनिक सुधार की आधारशिला बन गया है. अधिकारियों ने बताया कि तीन केंद्रीय मंत्रियों, मनसुख मंडाविया, के राम मोहन नायडू और डॉ जितेंद्र सिंह ने इस विशाल अंतर-मंत्रालयी प्रयास का पर्यवेक्षण किया, जिसमें विदेशों में स्थित भारत के मिशनों सहित 84 मंत्रालयों और विभागों ने भाग लिया.

विशेष स्वच्छता अभियान 5.0 

बीते महीने, इस अभियान की शुरुआत के दौरान राष्ट्रीय राजधानी के नेहरू पार्क में 'विशेष स्वच्छता अभियान 5.0' पर बोलते हुए, केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस अभियान से शासन और सार्वजनिक सेवाओं में स्पष्ट बदलाव आए हैं.

सरकार ने ई-कचरे और कबाड़ की बिक्री से 3,296.71 करोड़ रुपये कमाए हैं, जबकि पिछले चार वर्षों में 696.27 लाख वर्ग फुट से अधिक कार्यालय स्थान को साफ किया गया है और उपयोग में लाया गया है.

उन्होंने बताया कि अभियान के पिछले चरणों के दौरान 1.38 करोड़ से ज्यादा पुरानी फाइलों को हटाया गया है और देश भर में 12.04 लाख से अधिक जगहों की सफाई की गई है.  

आप कहां और कैसे बेच सकते हैं अपने घर का कबाड़

आप अपने घर के अलग-अलग तरह के कबाड़ (जैसे पुराने अखबार, प्लास्टिक, धातु, बोतलें, ई-वेस्ट आदि) को बेचने के लिए कई तरीके अपना सकते हैं. 

स्थानीय कबाड़ीवाला (Local Scrap Dealer): यह सबसे आम और आसान तरीका है. आपके पड़ोस में नियमित रूप से आने वाले कबाड़ीवाले को आप सीधे रद्दी, प्लास्टिक और धातु बेच सकते हैं. वे अक्सर घर आकर सामान लेते हैं और उसका तुरंत भुगतान करते हैं.

ऑनलाइन स्क्रैप ऐप/वेबसाइट: कई शहरों में अब डिजिटल कबाड़ विक्रेता (जैसे भंगारवाला, कबाड़ीवाला डॉट कॉम आदि) आ गए हैं. आप उनके ऐप या वेबसाइट पर जाकर पिकअप शेड्यूल कर सकते हैं. वे आपके बताए समय पर घर आते हैं, इलेक्ट्रॉनिक तराजू से वजन करते हैं, और UPI/डिजिटल माध्यम से भुगतान करते हैं. यह तरीका सुविधाजनक और पारदर्शी होता है.

ई-वेस्ट कलेक्शन सेंटर: यदि आपके पास पुराने खराब इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम (लैपटॉप, मोबाइल, चार्जर आदि) हैं, तो उन्हें स्थानीय ई-वेस्ट रीसाइक्लिंग सेंटर या अधिकृत कलेक्शन पॉइंट पर बेचें. ये सामान्य कबाड़ वाले नहीं लेते हैं.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com