EPFO Pension Calculator: : एम्प्लॉई प्रोविडेंड फंड ऑर्गनाइजेशन (EPFO) कर्मचारियों की बेहतरी के लिए एम्प्लॉई पेंशन स्कीम भी चलाती है, जो भारत के सबसे बड़े सोशल सिक्योरिटी प्रोग्राम (Social Security Programmes) में से एक है. इस स्कीम के तहत कर्मचारियों को उनकी सर्विस अवधि (Service Period) और सैलरी के आधार पर मासिक पेंशन मिलती है. EPS को 16 नवंबर, 1995 में लॉन्च किया गया था. इस स्कीम का मकसद संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद रेगुलर इनकम मुहैया कराना है.
EPS के खास फीचर्स (Key features of EPS)
पेंशन पाने के लिए मिनिमम सर्विस पीरियड 10 साल का है. यानी अगर आप EPF मेंबर है और आपने 10 साल भी नौकरी की है तो इस स्कीम के तहत पेंशन पाने के अधिकारी हैं.
न्यूनतम मासिक पेंशन (Minimum monthly pension): 1000 रुपये
अधिकतम मासिक पेंशन (Maximum monthly pension): 7500 रुपये
EPS के लिए एलिजिबिलिटी (Eligibility criteria for EPS)
EPS पेंशन पाने के लिए कुछ पात्रता शर्तों को पूरा करना जरूरी है. जैसे, EPS पेंशन पाने के लिए कर्मचारी को कम से कम 10 साल की नौकरी करनी होगी. इसके अलावा, इस स्कीम का फायदा कर्मचारी को 58 साल की उम्र के बाद ही मिलेगा. कर्मचारी को EPFO का रजिस्टर्ड मेंबर होना चाहिए और यह भी जरूरी है कि उसने अपनी नौकरी के दौरान EPS स्कीम में लगातार योगदान यानी कंट्रीब्यूट किया हो.
साल 2014 से केंद्र सरकार ने EPS-1995 के तहत न्यूनतम पेंशन (Minimum Pension) को 1000 रुपये प्रतिमाह रखा है. हालांकि लंबे वक्त से न्यूनतम पेंशन को प्रति माह 7500 रुपये करने की मांग की जा रही है.
अगर कोई कर्मचारी 10 सालों तक काम करता है तो वह कितनी पेंशन पाने की उम्मीद कर सकता है चलिए जानते हैं.
EPS पेंशन कैलकुलेशन फॉर्मूला (EPS Pension Calculation Formula)
मंथली पेंशन को कैलकुलेट करने के लिए यह फॉर्मूला इस्तेमाल किया जाता है:
मंथली पेंशन = (पेंशनेबल सैलरी × पेंशनेबल सर्विस) / 70
पेंशनेबल सैलरी= आपके आखिरी 60 महीनों की सैलरी का औसत
पेंशनेबल सर्विस: सर्विस के दौरान जितने साल EPS में योगदान दिया.
उदाहरण के तौर पर, मान लीजिए कि किसी एम्प्लॉई की पेंशनेबल सैलरी 15,000 रुपये है और पेंशनेबल सर्विस केवल 10 साल है, तो उसकी मासिक पेंशन होगी:
मासिक पेंशन (15,000 रुपये × 10) / 70 = 2,143 रुपये
यानी अगर किसी ने सिर्फ 10 साल ही नौकरी की हो और हर साल प्रॉविडेंड फंड में योगदान दिया हो तो वह रिटायरमेंट के बाद पेंशन पाने का हकदार है. जाहिर है ज्यादा सालों तक नौकरी के जरिए पेंशन की रकम को बढ़ाया जा सकता है.
EPS पेंशन के टाइप (Types of EPS pension)
रिटायरमेंट पेंशन (Superannuation Pension): इस पेंशन का बेनिफिट 58 साल की उम्र पूरी हो जाने पर मिलता है.
अर्ली पेंशन (Early Pension): आमतौर पर EPFO 58 साल की उम्र से पेंशन देता है, लेकिन अगर कोई मेंबर पेंशन पाने की शर्तें पूरी करता है और वह 58 की उम्र से पहले रिटायरमेंट ले लेता है तो 50 साल की उम्र के बाद भी वह अर्ली पेंशन क्लेम कर सकता है. लेकिन अर्ली पेंशन में EPFO मेंबर्स को पेंशन घटाकर दी जाती है.
विधवा पेंशन (Widow Pension): अगर किसी EPFO मेंबर की असमय मृत्यु हो जाती है, तो EPFO मृत सदस्य के पार्टनर को हर महीने विधवा पेंशन देती है.
बाल पेंशन (Child Pension): मृत सदस्य के बच्चों के लिए यह पेंशन होती है. EPS 95 के तहत मृत सदस्य के दो बच्चे भी 25 साल की उम्र तक मंथली पेंशन पाने के हकदार होते हैं.
अनाथ पेंशन (Orphan Pension): अगर किसी EPFO मेंबर और उसके जीवन साथी दोनों की मृत्यु हो जाती है, तो ऐसे मामले में उनके 25 साल से कम उम्र के दो बच्चे अनाथ पेंशन पाने के हकदार होते हैं.
विकलांगता पेंशन (Disability Pension): EPS के नियमों के तहत विकलांग पेंशन उन सदस्यों को दी जाती है जो अपनी सर्विस के दौरान स्थाई तौर पर या फिर पूरी तरह से विकलांग हो जाते हैं. ऐसे मामलों में उम्र और 10 साल तक पेंशन फंड में कॉन्ट्रीब्यूशन की शर्त लागू नहीं होती. यानी अगर किसी सदस्य ने दो साल भी EPS में योगदान दिया है तो वह इस पेंशन को पाने का हकदार है.
अर्ली पेंशन का ऑप्शन (Early Pension Option)
जो कर्मचारी 58 साल की उम्र से पहले ही पेंशन लेना चाहते हैं, वे EPS स्कीम के तहत अर्ली पेंशन (Early Pension) के ऑप्शन को चुन सकते हैं. लेकिन अर्ली पेंशन के लिए उन्हें कुछ शर्तों को पूरा करना होगा. उनकी उम्र कम से कम 50 साल होनी चाहिए और उन्होंने कम से कम 10 साल की सर्विस पूरी की हो. लेकिन ध्यान रखें अर्ली पेंशन में EPFO मेंबर्स को हर साल 4 फीसदी के हिसाब से पेंशन घटाकर दी जाती है.
EPS पेंशन बढ़ाने के तरीके
अपनी EPS पेंशन (EPS pension) को ज्यादा करने के लिए, आपको उन तरीकों पर फोकस करना होगा, जिनकी मदद से ऐसा करना मुमकिन है.
- लंबी सर्विस करके आप अपनी पेंशन भी बढ़ा सकते हैं. तो जितने ज्यादा साल तक आप काम करेंगे, आपकी पेंशनेबल सर्विस और पेंशन अमाउंट उतना ही ज्यादा होगा.
- ज्यादा सैलरी (higher salary) का मतलब ज्यादा पेंशनेबल सैलरी, जिससे पेंशन बढ़ती है.
- EPS स्कीम में रेगुलर कॉन्ट्रीब्यूशन करना जारी रखें, क्योंकि रेगुलर कॉन्ट्रीब्यूशन से ही समय के साथ आपकी पेंशन बढ़ेगी.
एक और बात अगर आप एलिजिबल हैं तो हायर पेंशन स्कीम (Higher Pension Scheme) का ऑप्शन चुन सकते हैं, जिससे आपको अपना मंथली पेंशन अमाउंट बढ़ाने में मदद मिलेगी. इन तरीकों को अपनाकर आप अपनी पेंशन बढ़ा सकते हैं और रिटायरमेंट के बाद की लाइफ को आसान बना सकते हैं.
ये भी पढ़ें- EPFO: फंड विड्रॉल, प्रोफाइल अपडेट, अकाउंट ट्रांसफर के नियम बदले, जानें क्या हैं नए नियम
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं