1 सितंबर से कई नियम (Rules Changes 1st September) बदल रहे हैं. इसमें बैंकों का बड़ी राशि के चेक काटने से जुड़ा नियम भी शामिल हैं. अगर आपने किसी को बड़ी राशि का चेक दिया है और वो अकाउंट में बैलेंस होने के बावजूद बार-बार बाउंस (Cheque Bounce) या रिजेक्ट हो रहा है तो परेशान मत होइए, इसकी वजह हम आपको बताए देते हैं. अगर आप इंटरनेट बैंकिंग या नेट बैंकिंग का इस्तेमाल नहीं करते हैं औऱ किसी को बड़ी राशि का चेक देते हैं तो चेक की डिटेल कन्फर्म कराने के लिए आपको बैंक जाना पड़ सकता है. दरअसल, ज्यादातर बैंकों ने हाई वैल्यू चेक (High Value Cheque) के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम को अनिवार्य कर दिया है. यानी अगर आप किसी को 50 हजार रुपये से ज्यादा राशि का चेक दे रहे हैं तो आपको नेट बैंकिंग (Net banking) , मोबाइल बैंकिंग (Mobile Banking) के जरिये इसकी डिटेल बैंक को देनी पड़ती है.
आप बैंक जाकर भी ऐसा कर सकते हैं. ऐसा न करने पर आपका चेक रिजेक्ट हो जाता है. गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया सभी बैंकों से 1 जनवरी 2021 से ही इस सिस्टम को लागू करने को कह चुका है. बड़ी राशि का चेक लगाने के पहले आफको चेक नंबर, उसकी राशि, लाभार्थी का नाम जैसी जानकारी अपने बैंक को देनी होती है. ज्यादातर सरकारी बैंकों ने इसके लिए 50 हजार रुपये की सीमा तय कर रखी है.
RBI ने इसके लिए समय-समय पर सर्कुलर भेजकर बैंकों को निर्देश दिया है कि वे ग्राहकों को सूचित करें ताकि बड़ी राशि के चेक से लेनदेन करने के दौरान किसी भी प्रकार की कोई असुविधा न हो.
जबकि निजी बैंकों में में ऐसी जानकारी देने के लिए न्यूनतम राशि ज्यादा है. हालांकिकुछ बैंक अपने ग्राहकों को इसकी राशि खुद तय करने की छूट भी देते हैं. ऐसे में आप भी अगर चेक बाउंस से होने वाले नुकसान से बचना चाहते हैं तो नेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग के जरिये या तो जानकारी अपने बैंक को दें. या फिर बैंक शाखा जाकर चेक क्लियर होने के पहले इसके बारे में बैंक अधिकारियों को बता दें.
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