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8th Pay Commission: क्या 10 साल में सैलरी और पेंशन बढ़ोतरी का नियम बदलेगा? जानिए लेटेस्ट अपडेट

8th Pay Commission Latest Updates: कई कर्मचारी संगठन और पेंशनर संघ अब  सवाल कर रहे हैं कि आखिर 8वें वेतन आयोग लागू करने की तारीख 1, जनवरी 2026 को ToR में शामिल क्यों नहीं किया गया?

8th Pay Commission: क्या 10 साल में सैलरी और पेंशन बढ़ोतरी का नियम बदलेगा? जानिए लेटेस्ट अपडेट
8th Pay Commission Latest News: देश भर के एक करोड़ से अधिक कर्मचारी और पेंशनर मानकर चल रहे थे कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशे 1 जनवरी 2026 से लागू होंगी.
नई दिल्ली:

8th Pay Commission Update: केंद्र सरकार ने 3 नवंबर को 8वें वेतन आयोग का Terms of Reference (ToR) जारी किया, लेकिन इसके बाद से देश भर में करोडों कर्मचारियो और पेंशनरो के बीच एक नई चिंता बढ गई है. वजह यह है कि इस ToR में उस तारीख का जिक्र ही नहीं है, जिससे 8th CPC की सिफारिशे लागू होंगी. आम तौर पर सरकारी कर्मचारियो में यह भरोसा रहता है कि हर 10 साल बाद पे कमीशन लागू होता है और उसकी सिफारिशे पिछली तारीख से प्रभावी मानी जाती हैं. लेकिन इस बार ToR में तारीख का जिक्र न होने से सवाल उठ रहे हैं कि क्या सरकार 10 साल के इस प्रक्रिया को बदलना चाहती है?

कई कर्मचारी संगठन और पेंशनर संघ अब  सवाल कर रहे हैं कि आखिर  1, जनवरी 2026 की तारीख को ToR में शामिल क्यों नहीं किया गया?

क्यों बढा कर्मचारियो की चिंता?

केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बीच डर बढ़ने का मुख्य कारण वेतन आयोगों (Pay Commissions) की सिफारिशों के लागू होने की ऐतिहासिक समय-सीमा है. अब तक, चौथे (1986), पाँचवें (1996), छठे (2006) और सातवें वेतन आयोग (2016) की सिफारिशें हमेशा हर 10 साल के अंतराल पर  1 जनवरी से लागू मानी गई हैं

इसी वजह से देश भर के एक करोड़ से अधिक कर्मचारी और पेंशनर मानकर चल रहे थे कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशे (8th Pay Commission) भी 1 जनवरी 2026 से लागू होंगी. लेकिन ToR में तारीख ना होने से कन्फ्यूजन में हैं.

कर्मचारी संगठनो का सरकार को पत्र: ToR में कई कमी

ToR जारी होने के बाद तीन बडे संगठन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र भेज कर अपनी शिकायत दर्ज की हैं.खास तौर पर भारत पेंशनर्स समाज (BPS) ने कहा है कि ToR में कई ऐसी बातें शामिल हैं जो पेंशनरो के हित में नहीं हैं और कई मुद्दे तो गायब ही हैं.

BPS की  मांग, 1 जनवरी 2026 से ही लागू हो 8th CPC

BPS ने मांग की है कि ToR में साफ लिखा जाए कि 8th CPC की सिफारिशे 1 जनवरी 2026 से ही लागू मानी जाएं, जैसा हर पे कमीशन के साथ होता आया है.उनके अनुसार, यह न सिर्फ पारदर्शिता दिखाता है, बल्कि करोडो कर्मचारियो और पेंशनरो को भरोसा भी देता है.

ToR में ‘Unfunded Cost' शब्द को लेकर नाराजगी

BPS ने अपने पत्र में कहा कि पेंशन को "unfunded cost" बताना गलत है.उनका कहना है कि पेंशन कोई दान नहीं है पेंशन एक हक है.सुप्रीम कोर्ट के कई फैसले इसे "संवैधानिक अधिकार" बताते हैंइसलिए ToR से इस शब्द को हटाने की मांग की गई है.

NPS, OPS और UPS योजना की समीक्षा की मांग

देश भर में 2004 के बाद भर्ती हुए लगभग 26 लाख कर्मचारी Old Pension Scheme (OPS) वापस लाने की मांग कर रहे हैं. BPS ने कहा है सरकार NPS,UPS और OPS तीनो की समीक्षा करके बेहतर और सुरक्षित विकल्प सुझाए.

 GDS को भी मिले 8वें वेतन आयोग का लाभ

भारत पेंशनर्स समाज (BPS) ने केंद्र सरकार से यह महत्वपूर्ण मांग की है कि आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) का लाभ केवल केंद्रीय कर्मचारियों तक ही सीमित न रखा जाए, बल्कि इसे स्वायत्त संस्थानों (Autonomous Bodies), वैधानिक निकायों (Statutory Bodies) और ग्रामीण डाक सेवकों (Gramin Dak Sevaks - GDS) तक भी पहुँचाया जाए. BPS ने कहा कि ये सभी संस्थाएँ और कर्मी सीधे केंद्र सरकार से फंड प्राप्त करते हैं, इसलिए उन्हें भी वेतन और पेंशन संशोधन के इस लाभ से वंचित नहीं किया जाना चाहिए.

बढ़ती महंगाई और देरी को देखते हुए 20% अंतरिम राहत की मांग

भारत पेंशनर्स समाज (BPS) ने केंद्र सरकार से तुरंत प्रभाव से 20 प्रतिशत अंतरिम राहत (Interim Relief) देने की मांग की है. इस मांग के पीछे मुख्य कारण हैं: देश में लगातार बढ़ती महंगाई, और साथ ही आठवें वेतन आयोग (8th CPC) की रिपोर्ट आने और उसे लागू होने में लगने वाला लंबा समय. उनका तर्क है कि यह अंतरिम राहत कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मौजूदा आर्थिक दबाव से कुछ राहत देगी और उनका मनोबल बढ़ाने में मदद करेगी.

CGHS में बडे बदलाव की मांग

BPS ने स्वास्थ्य सेवाओ पर भी कई सुझाव दिए...

CGHS का दायरा सभी स्वायत्त संस्थानो तक बढ़े

हर जिले में CGHS वेलनेस सेंटर खुले

इलाज पूरी तरह कैशलेश और बिना झंझट का हो

सुधार संसद की स्थायी समिति की सिफारिशो के आधार पर हों

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