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फ्लाइट में मिलेगा इंटरनेट... ISRO की मोस्ट एडवांस कम्यूनिकेशन सैटेलाइट सफलतापूर्वक हुई लॉन्च
- Tuesday November 19, 2024
- Reported by: पल्लव बागला, Edited by: श्वेता गुप्ता
भारत के मोस्ट एडवांस कम्यूनिकेशन सैटेलाइट जीसैट-20 की सफलतापूर्ण लॉन्चिंग हो गई.एलन मस्क के स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट से इसको सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में ले जाया गया.
- ndtv.in
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अब फ्लाइट में मिलेगा मोबाइल इंटरनेट, मस्क के रॉकेट से पहली बार लॉन्च हुआ ISRO का सैटेलाइट, जानें GSAT N-2 की खासियतें
- Tuesday November 19, 2024
- Reported by: पल्लव बागला, Edited by: अंजलि कर्मकार, विजय शंकर पांडेय
ऐसा पहली बार हुआ है जब ISRO ने अपने किसी मिशन को लॉन्च करने के लिए एलन मस्क की कंपनी स्पेस-X के फॉल्कन-9 हेवी लिफ्ट लॉन्चर का इस्तेमाल किया है. ISRO के कमर्शियल पार्टनर न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) ने इसकी घोषणा की.
- ndtv.in
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ISRO की इस वजनी सैटेलाइट को लॉन्च करेगी एलन मस्क की SpaceX, डिटेल में जानिए आखिर क्यों
- Saturday November 16, 2024
- Reported by: पल्लव बागला, Edited by: श्वेता गुप्ता
भारत अब तक अपने भारी सैटेलाइट के लॉन्च के लिए एरियनस्पेस पर निर्भर था, लेकिन वर्तमान में इसके पास कोई ऑपरेशनल रॉकेट नहीं है. इस दौरान भारत के पास स्पेसएक्स (ISRO SpaceX) के साथ जाना एकमात्र विश्वसनीय विकल्प था.
- ndtv.in
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ISRO ने एक साल पहले ही भांप लिया था वायनाड में खतरा! सैटेलाइट तस्वीरों में दिखाई थी लैंडस्लाइड की लोकेशन
- Thursday August 1, 2024
- Reported by: NDTV इंडिया, Edited by: बिक्रम कुमार सिंह
इसरो की सैटेलाइट तस्वीरें वायनाड भूस्खलन में व्यापक तबाही दिखाती हैं. सैटेलाइट द्वारा प्राप्त तस्वीर से पता चलता है कि लगभग 86,000 वर्ग मीटर भूमि खिसक गई, जिससे राष्ट्रपति भवन के आकार से लगभग पांच गुना बड़ा भूस्खलन हुआ.
- ndtv.in
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जासूसी उपग्रह तकनीक से पानी में मच्छरों के लार्वा पता लगा रहा है एक भारतीय स्टार्टअप
- Wednesday May 1, 2024
- Reported by: पल्लव बागला, Edited by: राजेश कुमार आर्य
एक भारतीय स्टार्टअप ने मच्छरों के प्रजनन का पता लगाने के लिए जासूसी और निगरानी उपग्रह तकनीकी को और बेहतर बनाया है. गर्मी और मानसून के दौरान मच्छरों का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है. दुनिया के 85 देशों में करीब 25 करोड़ लोग मच्छरजनित रोगों से पीड़ित हैं.
- ndtv.in
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खगोलीय मुठभेड़ : ऐतिहासिक घटना, जब भारत ने अपने ही सैटेलाइट को मार गिराया था
- Wednesday March 27, 2024
- Reported by: पल्लव बागला, Edited by: सूर्यकांत पाठक
यह भारत के इतिहास में किसी भी अन्य घटना से अलग एक खगोलीय मुठभेड़ थी, जिसमें करीब 300 किलोमीटर की दूरी पर हमला किया गया था. पांच साल पहले इसी दिन यानी 27 मार्च को भारत के रक्षा वैज्ञानिकों ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा बनाए गए एक लाइव सैटेलाइट को मार गिराया था. तब देश ने 'हिट-टू-किल' की अनूठी उपलब्धि का जश्न मनाया था.
- ndtv.in
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ISRO का 'नॉटी ब्वॉय' बना 'आज्ञाकारी और अनुशासित लड़का' : अधिकारी
- Sunday February 18, 2024
- Reported by: भाषा
इस उपग्रह का उद्देश्य पृथ्वी की सतह और समुद्री अवलोकनों के अध्ययन को बढ़ावा देना है. 51.7 मीटर लंबा जीएसएलवी-एफ14 रॉकेट यहां से प्रक्षेपित किया गया.
- ndtv.in
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नासा के साथ संयुक्त उपग्रह मिशन जासूसी उद्देश्यों के लिए नहीं : ISRO
- Sunday February 18, 2024
- Reported by: भाषा
सोमनाथ, जीएसएलवी-एफ14 इनसैट-3डीएस उपग्रह के सफल प्रक्षेपण के बाद यहां संवाददाताओं से बात कर रहे थे. एक सवाल के जवाब में सोमनाथ ने स्पष्ट किया, ''एनआईएसएआर कोई जासूसी उपग्रह नहीं है.''
- ndtv.in
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ISRO आज लॉन्च करेगा सैटेलाइट INSAT-3DS, मौसम की मिलेगी सटीक जानकारी
- Saturday February 17, 2024
- Reported by: प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया, Edited by: स्वेता गुप्ता
इसरो ने कहा, "GSLV-एफ14/इनसैट-3डीएस मिशन: (ISRO Mission INSAT-3DS) 17 फरवरी, 2024 को 17.35 बजे प्रक्षेपण के लिए 27.5 घंटे की उल्टी गिनती शुरू हो गई है.
- ndtv.in
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ISRO का 'नॉटी ब्वॉय' शनिवार को लॉन्च करेगा भारत का नया मौसम सैटेलाइट
- Friday February 16, 2024
- Reported by: पल्लव बागला, Translated by: तिलकराज
INSAT-3DS कहा जाने वाला यह तीसरी पीढ़ी का उपग्रेडेड, डेडिकेटेड मौसम विज्ञान उपग्रह है. उपग्रह का वजन 2,274 किलोग्राम है और इसे लगभग 480 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है.
- ndtv.in
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इसरो 17 फरवरी को मौसम उपग्रह इनसैट-3डीएस प्रक्षेपित करेगा
- Thursday February 8, 2024
- Reported by: भाषा
इनसैट-3डीएस उपग्रह भूस्थैतिक कक्षा में स्थापित किए जाने वाले तीसरी पीढ़ी के मौसम उपग्रह का अनुवर्ती मिशन है और यह पूरी तरह से पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित अभियान है. इसरो ने कहा, ‘‘जीएसएलवी-एफ14/इनसैट-3डीएस मिशन का प्रक्षेपण शनिवार 17 फरवरी को शाम 5:30 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) से होगा.’’
- ndtv.in
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ISRO ने स्वदेशी सैटेलाइट से ली अयोध्या की अद्भुत तस्वीर, देखें अंतरिक्ष से कैसा दिखता है मंदिर
- Monday January 22, 2024
- Written by: शालिनी सेंगर
Ram Lalla Virajman: ISRO ने अयोध्या और श्रीराम मंदिर की सैटेलाइट तस्वीर जारी की. जमकर वायरल हो रही इस तस्वीर में देखें अंतरिक्ष से कैसा दिखता है राम मंदिर.
- ndtv.in
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अंतरिक्ष से भी इतना ही भव्य दिखता है राम मंदिर, ISRO ने जारी की अयोध्या की सैटेलाइट तस्वीर
- Sunday January 21, 2024
- Reported by: NDTV इंडिया
Ram Mandir Ayodhya: प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे. इससे पहले पीएम मोदी 12 जनवरी से 11 दिनों का कठिन अनुष्ठान कर रहे हैं.
- ndtv.in
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ISRO में महिलाओं के साथ कोई भेदभाव नहीं, प्रतिभा मायने रखती है : आदित्य L1 मिशन में अहम भूमिका निभाने वाली निगार शाजी
- Saturday January 6, 2024
- Reported by: पल्लव बागला, Edited by: सचिन झा शेखर
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सूर्य के अध्ययन के लिए देश के पहले अंतरिक्ष आधारित मिशन ‘आदित्य एल1’ यान को पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर स्थापित किया है.
- ndtv.in
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फ्लाइट में मिलेगा इंटरनेट... ISRO की मोस्ट एडवांस कम्यूनिकेशन सैटेलाइट सफलतापूर्वक हुई लॉन्च
- Tuesday November 19, 2024
- Reported by: पल्लव बागला, Edited by: श्वेता गुप्ता
भारत के मोस्ट एडवांस कम्यूनिकेशन सैटेलाइट जीसैट-20 की सफलतापूर्ण लॉन्चिंग हो गई.एलन मस्क के स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट से इसको सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में ले जाया गया.
- ndtv.in
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अब फ्लाइट में मिलेगा मोबाइल इंटरनेट, मस्क के रॉकेट से पहली बार लॉन्च हुआ ISRO का सैटेलाइट, जानें GSAT N-2 की खासियतें
- Tuesday November 19, 2024
- Reported by: पल्लव बागला, Edited by: अंजलि कर्मकार, विजय शंकर पांडेय
ऐसा पहली बार हुआ है जब ISRO ने अपने किसी मिशन को लॉन्च करने के लिए एलन मस्क की कंपनी स्पेस-X के फॉल्कन-9 हेवी लिफ्ट लॉन्चर का इस्तेमाल किया है. ISRO के कमर्शियल पार्टनर न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) ने इसकी घोषणा की.
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ISRO की इस वजनी सैटेलाइट को लॉन्च करेगी एलन मस्क की SpaceX, डिटेल में जानिए आखिर क्यों
- Saturday November 16, 2024
- Reported by: पल्लव बागला, Edited by: श्वेता गुप्ता
भारत अब तक अपने भारी सैटेलाइट के लॉन्च के लिए एरियनस्पेस पर निर्भर था, लेकिन वर्तमान में इसके पास कोई ऑपरेशनल रॉकेट नहीं है. इस दौरान भारत के पास स्पेसएक्स (ISRO SpaceX) के साथ जाना एकमात्र विश्वसनीय विकल्प था.
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ISRO ने एक साल पहले ही भांप लिया था वायनाड में खतरा! सैटेलाइट तस्वीरों में दिखाई थी लैंडस्लाइड की लोकेशन
- Thursday August 1, 2024
- Reported by: NDTV इंडिया, Edited by: बिक्रम कुमार सिंह
इसरो की सैटेलाइट तस्वीरें वायनाड भूस्खलन में व्यापक तबाही दिखाती हैं. सैटेलाइट द्वारा प्राप्त तस्वीर से पता चलता है कि लगभग 86,000 वर्ग मीटर भूमि खिसक गई, जिससे राष्ट्रपति भवन के आकार से लगभग पांच गुना बड़ा भूस्खलन हुआ.
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जासूसी उपग्रह तकनीक से पानी में मच्छरों के लार्वा पता लगा रहा है एक भारतीय स्टार्टअप
- Wednesday May 1, 2024
- Reported by: पल्लव बागला, Edited by: राजेश कुमार आर्य
एक भारतीय स्टार्टअप ने मच्छरों के प्रजनन का पता लगाने के लिए जासूसी और निगरानी उपग्रह तकनीकी को और बेहतर बनाया है. गर्मी और मानसून के दौरान मच्छरों का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है. दुनिया के 85 देशों में करीब 25 करोड़ लोग मच्छरजनित रोगों से पीड़ित हैं.
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खगोलीय मुठभेड़ : ऐतिहासिक घटना, जब भारत ने अपने ही सैटेलाइट को मार गिराया था
- Wednesday March 27, 2024
- Reported by: पल्लव बागला, Edited by: सूर्यकांत पाठक
यह भारत के इतिहास में किसी भी अन्य घटना से अलग एक खगोलीय मुठभेड़ थी, जिसमें करीब 300 किलोमीटर की दूरी पर हमला किया गया था. पांच साल पहले इसी दिन यानी 27 मार्च को भारत के रक्षा वैज्ञानिकों ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा बनाए गए एक लाइव सैटेलाइट को मार गिराया था. तब देश ने 'हिट-टू-किल' की अनूठी उपलब्धि का जश्न मनाया था.
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ISRO का 'नॉटी ब्वॉय' बना 'आज्ञाकारी और अनुशासित लड़का' : अधिकारी
- Sunday February 18, 2024
- Reported by: भाषा
इस उपग्रह का उद्देश्य पृथ्वी की सतह और समुद्री अवलोकनों के अध्ययन को बढ़ावा देना है. 51.7 मीटर लंबा जीएसएलवी-एफ14 रॉकेट यहां से प्रक्षेपित किया गया.
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नासा के साथ संयुक्त उपग्रह मिशन जासूसी उद्देश्यों के लिए नहीं : ISRO
- Sunday February 18, 2024
- Reported by: भाषा
सोमनाथ, जीएसएलवी-एफ14 इनसैट-3डीएस उपग्रह के सफल प्रक्षेपण के बाद यहां संवाददाताओं से बात कर रहे थे. एक सवाल के जवाब में सोमनाथ ने स्पष्ट किया, ''एनआईएसएआर कोई जासूसी उपग्रह नहीं है.''
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ISRO आज लॉन्च करेगा सैटेलाइट INSAT-3DS, मौसम की मिलेगी सटीक जानकारी
- Saturday February 17, 2024
- Reported by: प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया, Edited by: स्वेता गुप्ता
इसरो ने कहा, "GSLV-एफ14/इनसैट-3डीएस मिशन: (ISRO Mission INSAT-3DS) 17 फरवरी, 2024 को 17.35 बजे प्रक्षेपण के लिए 27.5 घंटे की उल्टी गिनती शुरू हो गई है.
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ISRO का 'नॉटी ब्वॉय' शनिवार को लॉन्च करेगा भारत का नया मौसम सैटेलाइट
- Friday February 16, 2024
- Reported by: पल्लव बागला, Translated by: तिलकराज
INSAT-3DS कहा जाने वाला यह तीसरी पीढ़ी का उपग्रेडेड, डेडिकेटेड मौसम विज्ञान उपग्रह है. उपग्रह का वजन 2,274 किलोग्राम है और इसे लगभग 480 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है.
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इसरो 17 फरवरी को मौसम उपग्रह इनसैट-3डीएस प्रक्षेपित करेगा
- Thursday February 8, 2024
- Reported by: भाषा
इनसैट-3डीएस उपग्रह भूस्थैतिक कक्षा में स्थापित किए जाने वाले तीसरी पीढ़ी के मौसम उपग्रह का अनुवर्ती मिशन है और यह पूरी तरह से पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित अभियान है. इसरो ने कहा, ‘‘जीएसएलवी-एफ14/इनसैट-3डीएस मिशन का प्रक्षेपण शनिवार 17 फरवरी को शाम 5:30 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) से होगा.’’
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ISRO ने स्वदेशी सैटेलाइट से ली अयोध्या की अद्भुत तस्वीर, देखें अंतरिक्ष से कैसा दिखता है मंदिर
- Monday January 22, 2024
- Written by: शालिनी सेंगर
Ram Lalla Virajman: ISRO ने अयोध्या और श्रीराम मंदिर की सैटेलाइट तस्वीर जारी की. जमकर वायरल हो रही इस तस्वीर में देखें अंतरिक्ष से कैसा दिखता है राम मंदिर.
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अंतरिक्ष से भी इतना ही भव्य दिखता है राम मंदिर, ISRO ने जारी की अयोध्या की सैटेलाइट तस्वीर
- Sunday January 21, 2024
- Reported by: NDTV इंडिया
Ram Mandir Ayodhya: प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे. इससे पहले पीएम मोदी 12 जनवरी से 11 दिनों का कठिन अनुष्ठान कर रहे हैं.
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ISRO में महिलाओं के साथ कोई भेदभाव नहीं, प्रतिभा मायने रखती है : आदित्य L1 मिशन में अहम भूमिका निभाने वाली निगार शाजी
- Saturday January 6, 2024
- Reported by: पल्लव बागला, Edited by: सचिन झा शेखर
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सूर्य के अध्ययन के लिए देश के पहले अंतरिक्ष आधारित मिशन ‘आदित्य एल1’ यान को पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर स्थापित किया है.
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