विज्ञापन

फ्लाइट में मिलेगा इंटरनेट... ISRO की मोस्ट एडवांस कम्यूनिकेशन सैटेलाइट सफलतापूर्वक हुई लॉन्च

भारत के मोस्ट एडवांस कम्यूनिकेशन सैटेलाइट जीसैट-20 की सफलतापूर्ण लॉन्चिंग हो गई.एलन मस्क के स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट से इसको सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में ले जाया गया.

फ्लाइट में मिलेगा इंटरनेट...  ISRO की मोस्ट एडवांस कम्यूनिकेशन सैटेलाइट सफलतापूर्वक हुई लॉन्च
भारत की मोस्ट एडवांस कम्यूनिकेशन सैटेलाइट लॉन्च.
बेंगलुरु:

 भारत के मोस्ट एडवांस कम्यूनिकेशन सैटेलाइट जीसैट-20 की सफलतापूर्ण लॉन्चिंग (ISRO Satellite Launch) हो गई. एलन मस्क के स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट से इसको सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में ले जाया गया. मंगलवार आधी रात से ठीक एक मिनट पहले, इसरो की मोस्ट सोफिस्टिकेटेड कम्यूनिकेशन सैटेलाइट रवाना हो गई. यह सैटेलाइट दूरदराज के इलाकों में ब्रॉडबैंड सेवाएं और फ्लाइट्स में यात्रियों को इंटरनेट सेवा मुहैया कराएगा. एलन मस्क की स्पेसएक्स के  फाल्कन 9 रॉकेट से इसे लॉन्च किया गया है. 

ये भी पढ़ें-अब फ्लाइट में मिलेगा मोबाइल इंटरनेट, मस्क के रॉकेट से पहली बार लॉन्च हुआ ISRO का सैटेलाइट, जानें GSAT N-2 की खासियतें

इसरो की बेंगलुरु की कमर्शियल ब्रांच, न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक राधाकृष्णन दुरईराज ने एनडीटीवी से कहा, "लॉन्च सफल रहा. जीसैट 20 को बहुत सटीक ऑर्बिट मिली है."GSAT N-2 या GSAT 20 नाम की 4,700 किलो वजनी पूरी तरह से कमर्शियल सैटेलाइट को फ्लोरिडा के केप कैनावेरल में स्पेस कॉम्प्लेक्स 40 से लॉन्च किया गया. इस लॉन्च पैड को मस्क की स्पेसएक्स ने अमेरिका के स्पेस फोर्स से किराए पर लिया है, जो देश के सशस्त्र बलों की एक स्पेशल ब्रांच है, जिसे साल 2019 में सेना में अपने स्पेस एसेट्स को सुरक्षित करने के लिए बनाया था.

फाल्कन 9 बी -5 रॉकेट के बारे में जानिए

  • सैटेलाइट लॉन्च के लिए उपयोग किया गया फाल्कन 9 बी -5 रॉकेट, 70 मीटर लंबा है.
  • फाल्कन 9 बी -5 रॉकेट का वजन करीब 549 टन है.
  • इसका इस्तेमाल लिफ्ट-ऑफ के दौरान किया गया था.
  •  इसे टू-स्टेज रॉकेट के रूप में डिज़ाइन किया गया है.
  • रॉकेट जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में 8,300 किलो तक और पृथ्वी की निचली कक्षा में 22,800 किलो तक वजन उठा सकता है.
  • उड़ान के करीब 8 मिनट बाद पहला चरण सफलतापूर्वक पूरा हो गया.
  • मस्क के स्पेसएक्स की ये 371वीं रिकवरी थी.

जीसैट-20 की मिशन लाइफ 14 साल

लॉन्च के दौरान इसरो के अध्यक्ष डॉ. एस सोमनाथ ने कहा, "जीसैट-20 की मिशन लाइफ 14 साल है और ग्राउंड इंफ्रास्ट्रक्चर सैटेलाइट की सेवा के लिए तैयार है." बेंगलुरु के यूआर राव सैटेलाइट सेंटर से एनडीटीवी से बात करते हुए उन्होंने लिफ्ट-ऑफ की निगरानी की. डॉ. सोमनाथ ने कहा, यह लॉन्च सफल रहा, क्योंकि हमें एक अच्छी ऑर्बिट मिली है. सैटेलाइट हेल्दी है और सौर पैनल की तैनात कर दी गई है.

ISRO की सैटेलाइट की सफल लॉन्चिंग

यह पहली बार है जब इसरो की कमर्शियल ब्रांच न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के जरिए स्पेसएक्स रॉकेट पर किसी सैटेलाइट को लॉन्च किया है. भारत ने डेडिकेटेड लॉन्च की बात कही और बताया कि फ्लाइट में कोई सैटेलाइट को-पैसेंजर नहीं था. 
 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com