
- मोहन यादव ने राहुल गांधी से माफी की मांग की है.
- एमपी सीएम ने चुनाव आयोग पर राहुल गांधी के बयानों को लेकर ये मांग की है.
- ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी राहुल गांधी के आरोपों पर कड़े बयान दिए हैं.
राहुल गांधी लगातार चुनाव आयोग को लेकर आरोप लगा रहे हैं. उनका सपोर्ट कई विपक्षी दल भी कर रहे हैं. ऐसे में बीजेपी और एनडीए भी अब राहुल गांधी पर तीखा हमला बोल रहे हैं. उज्जैन में मध्य प्रदेश मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुक्रवार को कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की स्थिति 'मानसिक दिवालियापन' की है और उन्हें निर्वाचन आयोग पर लगाए गए आरोपों के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए. यहां पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया पर सवाल खड़े करना ‘शहरी नक्सली' (अर्बन नक्सलाइट) वाली मानसिकता है. उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी ने जिस प्रकार की बयानबाजी की है, वह एक तरह से मानसिक दिवालियापन की स्थिति है. वह (राहुल) कभी उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के बारे में कुछ भी बोल देते हैं तो कभी सेना का अपमान करते हैं.' यादव ने कहा कि राहुल गांधी ने अब निर्वाचन आयोग और चुनावी प्रक्रिया पर सार्वजनिक रूप से सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा, 'एक तरह से यह अर्बन नक्सलाइट वाली मानसिकता है. उनको देश से माफी मांगी चाहिए.'
मोहन यादव ने क्या कहा
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हार रही है और उसका जनाधार खत्म हो रहा है तो राहुल गांधी को इसके मद्देनजर जो करना है करें, लेकिन समूचे लोकतांत्रिक संस्थाओं और संवैधानिक संस्थाओं पर आक्रमण ना करें. उन्होंने कहा, 'नेता प्रतिपक्ष पद की गरिमा गिरती जा रही है. यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है...दुर्भाग्य से आज तक ऐसा नेता प्रतिपक्ष नहीं देखा, जो इतने नीचे आकर इस तरह की बात करे. देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए उन्हें.' मुख्यमंत्री ने कहा कि राहुल गांधी को यह समझना चाहिए कि जब किसी राज्य में चुनाव होता है तो कलेक्टर को संबंधित जिले का निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया जाता है और जब कर्नाटक में चुनाव हुए थे, उस समय वहां कांग्रेस की सरकार थी. उन्होंने कहा कि अगर किसी ने कोई गलती भी की है तो उसके लिए पूरे सिस्टम पर प्रश्न खड़ा करना उचित नहीं है.
राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को कर्नाटक के एक विधानसभा क्षेत्र का डेटा सामने रखते हुए आरोप लगाया था कि मतदाता सूची में हेरफेर करके ‘वोट चोरी' का यह मॉडल कई निर्वाचन क्षेत्रों में लागू किया गया है, ताकि भाजपा को फायदा मिल सके. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया कि यह सब भाजपा और निर्वाचन आयोग की मिलीभगत से हो रहा है तथा यह संविधान के खिलाफ अपराध है. उन्होंने कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र के मतदाता सूची के आंकड़ों की प्रस्तुति दी और धांधली का दावा किया.
मोहन यादव ने क्या कहा
वहीं शुक्रवार को ही भोपाल में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता और देश की अर्थव्यवस्था को लेकर दिए गए बयानों के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा और कहा कि यह उनके ‘मानसिक दिवालियेपन' को दर्शाता है. उन्होंने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग ने भारत की चुनावी प्रक्रिया और भारत के लोकतंत्र को वैश्विक स्तर पर स्थापित किया है. लेकिन, वे (कांग्रेस और राहुल गांधी) सवाल उठाकर और सबूत मांगकर हमेशा हमारे संवैधानिक संस्थानों को कमतर करने की कोशिश करते हैं. चुनाव आयोग एक संवैधानिक निकाय है और यह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए पारदर्शिता के साथ काम करता है.'' उन्होंने दावा किया कि भारत ने दुनिया में सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में अपनी विश्वसनीयता स्थापित की है लेकिन ‘‘कांग्रेस इसे कुचल रही है. वे हमेशा सबूत देने की बात कहकर भारतीय सेना के पराक्रम पर सवाल उठाते हैं, हमेशा देश की न्यायपालिका पर कलंक लगाते हैं, वे प्रधानमंत्री की गरिमा को कम करते हैं और अर्थव्यवस्था को मृत करार देते हैं.''
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