MP-Chhattisgarh | Reported by: अनुराग द्वारी, Edited by: सूर्यकांत पाठक |मंगलवार जून 8, 2021 11:56 PM IST महीनों लॉकडाउन और कोरोना महामारी में शादी-विवाह जैसे कार्यक्रमों में नाच-गाकर अपना घर चलाने वाले ट्रांसजेंडर समुदाय के सामने अब रोजी-रोटी का संकट आ गया है. खाने की तकलीफ है, बीमार हुए तो इलाज की वैक्सीन लगाने के लिए भी इन्हें किसी सूची में नहीं रखा गया, ना प्राथमिकता मिली. दूसरों की खुशियों में अपनी खुशी ढूंढने वाले किन्नरों पर कोरोना ने कहर ढाया है, हर खुशी के मौके पर बजने वालीं तालियां खामोश हैं तो पेट भूखा रहने को मजबूर.