लगभग एक महीने पहले इस प्रकरण के खुलासे के बाद से ही विजेंदर ने डोप परीक्षण देने से इनकार कर दिया था। इस मुक्केबाज के मूत्र और रक्त के नमूनों को बुधवार की सुबह लिया गया लेकिन पता चला है कि परीक्षण विशेष रूप से हेरोइन के लिये नहीं होगा।
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नई दिल्ली:
ड्रग प्रकरण में फंसे ओलिंपिक कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज विजेंदर सिंह को खेल मंत्रालय के दबाव के कारण आज नाडा अधिकारियों को प्रतियोगिता से इतर डोप परीक्षण देना पड़ा।
लगभग एक महीने पहले इस प्रकरण के खुलासे के बाद से ही विजेंदर ने डोप परीक्षण देने से इनकार कर दिया था। इस मुक्केबाज के मूत्र और रक्त के नमूनों को बुधवार की सुबह लिया गया लेकिन पता चला है कि परीक्षण विशेष रूप से हेरोइन के लिये नहीं होगा।
केंद्रीय खेल मंत्री जितेंद्र सिंह ने विजेंदर के डोप परीक्षण देने का खुलासा किया। उन्होंने इस मुक्केबाज को दोषी पाये जाने पर रिहैबिलिटेशन से गुजरने की सलाह भी दी। मंत्री ने कहा, ‘‘नाडा ने आज सुबह विजेंदर के नमूने लिये। विजेंदर और अन्य मुक्केबाजों के रक्त और मूत्र के नमूने लिये गए हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं कार्रवाई पर कोई फैसला करने से पहले परिणाम का इंतजार करूंगा। मैं कोई कयास नहीं लगाना चाहता। लेकिन यदि विजेंदर ने गलती की है तो निश्चित तौर पर उसे सजा मिलनी चाहिए लेकिन इसके बाद उसका रिहैबिलिटेशन शुरू होना चाहिए।’’
सिंह ने कहा, ‘‘हमें यह देखने की जरूरत है कि हमारे खिलाड़ी रिहैबिलिटेशन कार्यक्रम में भाग लें ताकि भविष्य में वे अच्छा प्रदर्शन कर सकें।’’
नाडा के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि विजेंदर के रक्त और मूत्र के नमूने आज लिए गए लेकिन उन्होंने इस बारे में विस्तार से बताने से इनकार कर दिया।
नाडा जो कि स्वायत्त संस्था है, वह विजेंदर का प्रतियोगिता से इतर डोप परीक्षण करने लिये तैयार थी लेकिन उसने विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी के नियमों का हवाला देकर हेरोइन की जांच का परीक्षण करने में असमर्थता जतायी थी।
जितेंद्र ने कहा, ‘‘वाडा मंत्रालय को परीक्षण के लिये कहने से नहीं रोकता।’’ अब भी हालांकि पक्के तौर पर यह पता नहीं चला कि किस तरह का परीक्षण किया गया क्योंकि खेल मंत्रालय और नाडा अधिकारियों दोनों ने इस पर चुप्पी साध रखी है।
नाडा अधिकारी से पूछा गया कि क्या विजेंदर का हेराइन के लिए परीक्षण किया जाएगा, उन्होंने कहा, ‘‘हम इस पर बात नहीं कर सकते क्योंकि यह गोपनीय मसला है। वाडा नियमों के अनुसार हम परीक्षणों के बारे में खुलासा नहीं कर सकते।’’
लगभग एक महीने पहले इस प्रकरण के खुलासे के बाद से ही विजेंदर ने डोप परीक्षण देने से इनकार कर दिया था। इस मुक्केबाज के मूत्र और रक्त के नमूनों को बुधवार की सुबह लिया गया लेकिन पता चला है कि परीक्षण विशेष रूप से हेरोइन के लिये नहीं होगा।
केंद्रीय खेल मंत्री जितेंद्र सिंह ने विजेंदर के डोप परीक्षण देने का खुलासा किया। उन्होंने इस मुक्केबाज को दोषी पाये जाने पर रिहैबिलिटेशन से गुजरने की सलाह भी दी। मंत्री ने कहा, ‘‘नाडा ने आज सुबह विजेंदर के नमूने लिये। विजेंदर और अन्य मुक्केबाजों के रक्त और मूत्र के नमूने लिये गए हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं कार्रवाई पर कोई फैसला करने से पहले परिणाम का इंतजार करूंगा। मैं कोई कयास नहीं लगाना चाहता। लेकिन यदि विजेंदर ने गलती की है तो निश्चित तौर पर उसे सजा मिलनी चाहिए लेकिन इसके बाद उसका रिहैबिलिटेशन शुरू होना चाहिए।’’
सिंह ने कहा, ‘‘हमें यह देखने की जरूरत है कि हमारे खिलाड़ी रिहैबिलिटेशन कार्यक्रम में भाग लें ताकि भविष्य में वे अच्छा प्रदर्शन कर सकें।’’
नाडा के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि विजेंदर के रक्त और मूत्र के नमूने आज लिए गए लेकिन उन्होंने इस बारे में विस्तार से बताने से इनकार कर दिया।
नाडा जो कि स्वायत्त संस्था है, वह विजेंदर का प्रतियोगिता से इतर डोप परीक्षण करने लिये तैयार थी लेकिन उसने विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी के नियमों का हवाला देकर हेरोइन की जांच का परीक्षण करने में असमर्थता जतायी थी।
जितेंद्र ने कहा, ‘‘वाडा मंत्रालय को परीक्षण के लिये कहने से नहीं रोकता।’’ अब भी हालांकि पक्के तौर पर यह पता नहीं चला कि किस तरह का परीक्षण किया गया क्योंकि खेल मंत्रालय और नाडा अधिकारियों दोनों ने इस पर चुप्पी साध रखी है।
नाडा अधिकारी से पूछा गया कि क्या विजेंदर का हेराइन के लिए परीक्षण किया जाएगा, उन्होंने कहा, ‘‘हम इस पर बात नहीं कर सकते क्योंकि यह गोपनीय मसला है। वाडा नियमों के अनुसार हम परीक्षणों के बारे में खुलासा नहीं कर सकते।’’
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