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BJP नेताओं को पेड़ से बांध दो और... TMC विधायक असीमा पात्रा के बयान से गरमाई बंगाल की सियासत

बीजेपी राज्य समिति के सदस्य स्वप्न पाल ने कहा कि धानियाखाली की टीएमसी विधायक भाजपा नेताओं को पेड़ से बांधने का आदेश दे रही हैं... बंगाल में लोकतंत्र ताक पर रख दिया गया है. यहां तालिबानी शासन चल रहा है.

BJP नेताओं को पेड़ से बांध दो और... TMC विधायक असीमा पात्रा के बयान से गरमाई बंगाल की सियासत
  • पश्चिम बंगाल में वोटर लिस्ट के स्पेशल रिवीजन (SIR) का सत्ताधारी टीएमसी विरोध कर रही है.
  • टीएमसी विधायक असीमा पात्रा ने एक सभा में लोगों से कहा कि बीजेपी नेताओं को देखते ही पेड़ से बांध दो.
  • बीजेपी ने इस बयान को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया और बंगाल में तालिबानी शासन का आरोप लगाया.
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वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर पश्चिम बंगाल की राजनीति गरमाई हुई है. सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस एसआईआर के गहन पुनरीक्षण का विरोध कर रही है. जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं. इस बीच टीएमसी विधायक असीमा पात्रा का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह बीजेपी नेताओं को पेड़ से बांधने की बात कह रही हैं. 

असीमा पात्रा ने एक जनसभा के दौरान बीजेपी नेताओं को खुली चेतावनी दी और लोगों से कहा, 'बंगाल में जो कोई चुचुड़ा के वोटरों का नाम काटेगा, उन सभी बीजेपी नेताओं को पेड़ से बांध कर रखना, किसी को छोड़ना नहीं.'

हुगली जिले के चुचुड़ा मोड़ पर विधायक असित मजूमदार के नेतृत्व में आयोजित जनसभा में कथित तौर पर यह टिप्पणी की गई थी. सभा का आयोजन SIR (Special Intensive Revision) प्रक्रिया के विरोध में किया गया था.

वीडियो में धानियाखाली की विधायक असीमा पात्रा ने आगे कहा, "मैं चुचुड़ा के हर नेता से कहूंगी कि अगर आप टाउन ब्लॉक के भाजपा नेताओं को देखें, तो उन्हें तुरंत पेड़ से बांध दें. वो बंगाल के लोगों के नाम हटाना चाहते हैं."

टीएमसी विधायक के इस बयान पर बीजेपी राज्य समिति के सदस्य स्वप्न पाल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि धानियाखाली की विधायक भाजपा नेताओं को पेड़ से बांधने का आदेश दे रही हैं. क्या बंगाल में लोकतंत्र ताक पर रख दिया गया है? यहां तो तालिबानी शासन चल रहा है. 

बीजेपी नेता ने कहा कि 12 राज्यों में चुनाव आयोग के निर्देश पर SIR हो रहा है, लेकिन समस्या सिर्फ बंगाल में है. उन्होंने आरोप लगाया कि खानाकुल में टीएमसी कार्यकर्ता बूथ लेवल अधिकारियों के साथ पार्टी झंडे लेकर घूम रहे हैं, जबकि भाजपा कार्यकर्ताओं को खदेड़ा जा रहा है. इसका क्या यह मतलब है कि बंगाल में सिर्फ टीएमसी का ही शासन रहेगा?

यह पहली बार नहीं है जब टीएमसी नेताओं ने बीजेपी पर मतदाता सूची से नाम हटाने का आरोप लगाते हुए तीखे बयान दिए हैं. पार्टी के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने भी लोगों से अपील की थी कि यदि बीजेपी के नेता वैध नागरिकों के नाम हटाने की कोशिश करें तो उन्हें सबक सिखाया जाए.
(इनपुट ऋतिक मंडल)

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