
- NCB ने नशे के कारोबार से जुड़े पैसों से खरीदी गई करीब 25 करोड़ पचास लाख की संपत्तियों को जब्त किया है
- अमृतसर और तरनतारन में नशे के पैसों से खरीदी गई 2 संपत्तियों की पहचान कर एनडीपीएस एक्ट के तहत जब्ती
- एनसीबी अब नशे की गिरफ्तारी के साथ ही आर्थिक जड़ों को खत्म करने के लिए पैसों की भी सख्त निगरानी करेगी
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने नशे के कारोबार से जुड़े पैसों से खरीदी गई करीब ₹25.5 करोड़ की संपत्तियों को जब्त किया है. यह कार्रवाई वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के तहत काम करने वाले Competent Authority & Administrator (NDPS Act, 1985) द्वारा की गई है. आदेश 11 सितंबर 2025 को एनसीबी की अमृतसर जोनल यूनिट द्वारा की गई विस्तृत वित्तीय जांच के बाद जारी किया गया.
अमृतसर और तरनतारन में जब्त की गई संपत्तियां
जांच के दौरान अमृतसर में एक फार्मास्युटिकल नेटवर्क से 34,372 ट्रामाडोल टैबलेट्स बरामद की गई थीं. इसके बाद की गई जांच में सामने आया कि तस्करों ने नशे के पैसों को जमीन-जायदाद और व्यापार में लगाकर उसे वैध दिखाने की कोशिश की. जब्त की गई संपत्तियों में शामिल हैं:-
- अमृतसर में ₹10.5 करोड़ की एक प्रॉपर्टी
- तरनतारन में ₹15 करोड़ की एक प्रॉपर्टी
ये दोनों संपत्तियां उन आरोपियों की हैं, जिनके खिलाफ एनसीबी ने कार्रवाई की है. जांच में यह स्पष्ट हुआ कि ये संपत्तियां नशे के धंधे से कमाए गए पैसों से खरीदी गई थीं, इसलिए NDPS Act के तहत इन्हें जब्त किया गया.
अब ड्रग्स के साथ पैसों की भी होगी सख्त निगरानी
एनसीबी ने कहा है कि अब उसकी कार्रवाई केवल ड्रग्स की जब्ती और तस्करों की गिरफ्तारी तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि नशे से कमाए गए पैसों को ट्रैक कर जब्त करना एजेंसी की प्राथमिकता होगी. इसका मकसद नशा कारोबार की आर्थिक जड़ों को खत्म करना है.
सभी ज़ोनल यूनिट्स को निर्देश
एनसीबी मुख्यालय ने अपने सभी ज़ोनल यूनिट्स को निर्देश दिया है कि हर बड़े NDPS केस में समानांतर वित्तीय जांच (फाइनेंशियल इन्वेस्टिगेशन) की जाए. इसमें तस्करों की बेनामी संपत्तियों, रिश्तेदारों या साथियों के नाम पर खरीदी गई प्रॉपर्टीज़ की पहचान कर NDPS Act की धारा 68E और 68F के तहत फ्रीज़िंग के प्रस्ताव भेजे जाएं.
कई एजेंसियों के साथ मिलकर कार्रवाई
इसके लिए एनसीबी प्रवर्तन निदेशालय (ED), आयकर विभाग और बैंकों के साथ मिलकर काम कर रही है, ताकि संदिग्ध लेन-देन, फर्जी अकाउंट्स और शेल कंपनियों का पता लगाया जा सके.
ट्रायल से पहले भी हो सकती है संपत्ति जब्त
कानून के मुताबिक, नशे के पैसों से खरीदी गई संपत्तियों को जांच के दौरान ही जब्त या फ्रीज़ किया जा सकता है. भले ही ट्रायल अभी चल रहा हो. अगर Competent Authority इसकी पुष्टि कर दे, तो वह संपत्ति आगे चलकर केंद्र सरकार के अधिकार में आ सकती है.
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