भारत के नेताओं ने कहा कि बिलावल भुट्टो अपने मानसिक दिवालियापन का परिचय दे रहे हैं.
नई दिल्ली:
Bilawal Bhutto: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के आपत्तिजनक बयान पर घमासान मच गया है. भारत ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और इसे पाकिस्तान का सबसे निचला स्तर करार दिया है.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
भारत ने कहा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री 1971 में आज के दिन को भूल गए हैं, जो जातीय बंगालियों और हिंदुओं के खिलाफ पाकिस्तानी शासकों द्वारा किए गए नरसंहार का प्रत्यक्ष परिणाम था. बिलावल भुट्टो की असभ्य टिप्पणी पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों और उनके प्रतिनिधियों का उपयोग करने में बढ़ती अक्षमता का परिणाम प्रतीत होती है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि न्यूयॉर्क, मुंबई, पुलवामा, पठानकोट और लंदन जैसे शहर उन कई शहरों में से हैं, जो पाकिस्तान प्रायोजित, समर्थित और उकसाने वाले आतंकवाद के निशान झेल रहे हैं. पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो ओसामा बिन लादेन को एक शहीद के रूप में महिमामंडित करता है.
बिलावल भुट्टो के बयान पर केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने NDTV से कहा कि, जिस तरह की भाषा का प्रयोग पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने किया है, वह केवल एक दिवालिया देश का प्रतिनिधित्व नहीं करते, बल्कि वे अपने मानसिक दिवालियापन का भी परिचय दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि, आतंकी मानसिकता वाले लोगों से और क्या उम्मीद कर सकते हैं.
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि 1971 में आज ही के दिन पाकिस्तान की हार हुई थी और उसी का दर्द उन्हें सता रहा है. बिलावल भुट्टो के नाना फूट-फूटकर रोए थे. आज भी बिलावल बिलख रहे हैं. हर किसी को पता है कि आतंकियों को मारने के लिए कहां घुसना पड़ता है. सच्चाई ये है कि पाकिस्तान आतंकवाद का जनक और पनाहगार है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी में बिलावल भुट्टो ने कहा था, "ओसामा बिन लादेन मर गया, लेकिन गुजरात का कसाई जिंदा है." भुट्टो ने भारत द्वारा पाकिस्तान को 'आतंकवाद का केंद्र' कहे जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए यह बात कही थी.
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