रीट पेपर लीक से जुड़े ईडी प्रकरण मामले में हाईकोर्ट ने आरोपी राजू ईराम को जमानत याचिका को खारिज किया. जस्टिस प्रवीर भटनागर की एकलपीठ ने ये आदेश दिए. प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जयपुर टीम ने रीट-2021 के पेपर लीक मामले में 19 जुलाई 2024 को गिरफ्तार किया था. राजू ईराम इससे पहले अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में बंद था. आरोप है कि उसने पेपर लीक मामले में 5 करोड़ रुपए में सौदा किया था. इसके लिए करीब एक करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन भी किया था.
राज्य के अलग-अलग थानों में दर्ज हैं FIR
राजू ईराम मूलरूप से भीनमाल का रहने वाला है. जालोर पुलिस ने साल 2022 में उसे बीकानेर से गिरफ्तार किया था. इसके बाद एसओजी ने पूछताछ की और जेल भेज दिया था. उसके खिलाफ एसओजी सहित राज्य के अलग-अलग थानों में करीब तीन दर्जन से अधिक एफआईआर दर्ज है.
समिति के सदस्यों पर कसा शिकंजा
दरअसल, रीट-2022 परीक्षा का आयोजन 26 सितंबर 2021 को हुआ था. इसके लिए राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (आरबीएसई) ने राज्य स्तरीय समिति बनाई थी. समिति में सेवानिवृत्त सहायक प्रोफेसर डॉ. प्रदीप पाराशर ने बिना किसी ऑर्डर के एक सहायक राम कृपाल मीणा को नियुक्त किया था. राम कृपाल की पहुंच शिक्षा संकुल के स्ट्रांग रूम तक हो गई थी, जहां रीट-2021 का प्रश्न पत्र रखा हुआ था.
आरोप- प्रो. पाराशर ने चोरी की किया था पेपर
आरोपों के मुताबिक, राम कृपाल ने प्रो. प्रदीप पाराशर के साथ मिलकर प्रश्न पत्र चोरी किया था. पुलिस ने पहले राम कृपाल को गिरफ्तार किया. इसके बाद उससे मिली जानकारी के हिसाब से डॉ. प्रदीप पाराशर और फिर राजू ईराम को गिरफ्तार किया गया था.
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