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दुबई-जॉर्जिया से राजस्थान में साइबर ठगी, बैंककर्मी के साथ मिलकर 450 अकाउंट से उड़ाए 160 करोड़

ठगी का खेल शातिर तरीके से चलाया जा रहा था. ठगों ने सार्वजनिक जगहों पर, कॉलेज के सामने ओर सड़क किनारे केनोपी लगाकर 450 बैंक खाते खुलवाए और एटीएम, चेकबुक अपने पास रख लिया.

दुबई-जॉर्जिया से राजस्थान में साइबर ठगी, बैंककर्मी के साथ मिलकर 450 अकाउंट से उड़ाए 160 करोड़
Rajasthan:

साइबर ठगी का मामला पूरी दुनिया में बढ़ रहा है. वहीं अब बैंक अकाउंट से सीधे पैसे उड़ाने का नया खेल शुरू हो गया है. ताजा मामले में दुबई और जॉर्जिया जैसे देशों से राजस्थान के बैंक अकाउंट से ठगी का काम किया जा रहा है. वहीं मामले में डूंगरपुर पुलिस की डीएसटी, साइबर थाना पुलिस और साइबर सेल की टीम ने ऑपरेशन साइबर हंट के तहत कार्रवाई की है. बताया जा रहा है कि दुबई और जॉर्जिया में बैठे साइबर ठगों ने 160 करोड़ रुपए बैंक अकाउंट से उड़ा दिए. हैरानी की बात यह है कि इस काम में बैंककर्मी ही ठगों का साथ दे रहे हैं.

राजस्थान पुलिस की टीम ने गुजरात से दो बदमाशों को गिरफ्तार किया है. जो पिछले एक साल से फरार थे और विदेश भागने की योजना बना रहे थे. बताया जा रहा है कि दोनों आरोपियों ने 450 बैंक अकाउंट विदेश में बैठे साइबर ठगों को किराए पर दिया था.

शादी में पकड़े गए आरोपी

आरोपी कौशल कुम्हार के गुजरात में शादी समारोह में जाने की सूचना मिली. इस पर साइबर सेल की एक स्पेशल टीम को गुजरात के लिए भेजा गया. आरोपी कौशल गुजरात के दाहोद लिमडी में एक दोस्त की शादी में था. तभी पांचों पुलिसकर्मी भी शेरवानी, सिर पर साफा और पगड़ी पहनकर बारात में पहुंच गए. एसपी मनीष कुमार ने बताया कि शादी समारोह में कौशल कुम्हार को वहां देखते ही पुलिस ने उसे दबोच लिया. पुलिस को देखते ही कौशल ओर बारातियों के होश उड़ गए. पुलिस ने उससे पूछताछ की तो उसने सहयोगी सागवाड़ा निवासी इलेश पटेल उर्फ निलेश कलाल की जानकारी दी. इसके बाद पुलिस ने उसे भी पकड़ लिया. 

शातिर तरीके से चल रहा था ठगी का खेल

पुलिस पूछताछ में पता चला की ठगी का खेल शातिर तरीके से चलाया जा रहा था. आरोपियों ने बैंक खाते को दुबई में बैठे घनश्याम, वरुण और उपेंद्र को दिए थे. उन्होंने 160 करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी की वारदातों को अंजाम दिया. जबकि उनका एक साथी जॉर्जिया में भी है. यह पूरा खेल बैंककर्मी कौशल ने रची जो प्राइवेट बैंक में नौकरी करता था. वह बैंक में अकाउंट खुलवाता था. इसके लिए उसने सार्वजनिक जगहों पर, कॉलेज के सामने ओर सड़क किनारे केनोपी लगाकर बैंक खाते खुलवाए. उसने अन्य साथी के साथ मिलकर लोगों को झांसे में लेकर 450 से फर्जी बैंक खाते खुलवाए. जिसमें गरीब, मजदूर और स्कूल-कॉलेज के छात्रों के नाम पर सरकारी योजनाओं का लाभ बता कर डाक्यूमेंट लेकर अकाउंट खोले. खुद बैंक में रहते हुए उसने अकाउंट के एटीएम, चेकबुक अपने पास रख लिए और ऑनलाइन फर्जी लेनेदेन करता रहा.

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