राज्यसभा में लंबित 45 विधेयकों में 30 साल पहले पेश विधेयक भी शामिल

राज्यसभा में लंबित 45 विधेयकों में 30 साल पहले पेश विधेयक भी शामिल

भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन) विधेयक, वर्ष 1987 से ही लंबित पड़ा है

नई दिल्ली:

राज्यसभा में अभी 45 विधेयक लंबित हैं और उनमें से कुछ तो करीब 30 साल पहले ही सदन में पेश किए गए थे। वहीं लोकसभा में मई में समाप्त सत्र तक पांच विधेयक ऐसे थे, जिनका निपटारा किया जाना है।

राज्यसभा में लंबित विधयेकों में संविधान (122वां संशोधन) विधेयक भी शामिल है। इस विवादित विधेयक को जीएसटी यानी वस्तु एवं सेवा कर विधेयक भी कहा जाता है। लोकसभा से पारित होने के बाद इस विधेयक को पिछले साल अगस्त में उच्च सदन में पेश किया गया था।

व्हिसिल ब्लोअर सुरक्षा विधेयक भी लंबित
एक अन्य प्रमुख विधेयक व्हिसिल ब्लोअर सुरक्षा (संशोधन) विधेयक, 2015 भी सदन में लंबित है। यह विधेयक पिछले साल दिसंबर में पेश किया गया था और इस पर चर्चा अभी पूरी नहीं हुई है। इस साल के दोनों सत्रों में इस विधेयक पर आगे चर्चा नहीं हो सकी। वहीं लोकसभा में लंबित महत्वपूर्ण विधेयकों में उपभोक्ता संरक्षण विधेयक 2015 और बेनामी लेनदेन (निषेध) संशोधन विधेयक, 2015 शामिल हैं।

इससे पहले वित्तमंत्री अरुण जेटली ने संकेत दिया था कि संसद के अगले सत्र में जीएसटी विधेयक की दिशा में प्रगति हो सकती है। इसके साथ ही उन्होंने भरोसा जताया था कि विधेयकों का समर्थन करने वाले दलों की शक्ति राज्यसभा में बढ़ने से 'विधायी कार्यों' में तेजी आएगी और कार्यवाही में व्यवधान पैदा नहीं होगा। उनसे राज्यसभा के लिए हाल में हुए चुनाव के परिणाम में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या में कमी आने और जीएसटी विधेयक की संभावना के बारे में पूछा गया था। मुख्य विपक्षी पार्टी जीएसटी विधेयक का विरोध कर रही है और कुछ संशोधनों की मांग कर रही है।

1987 में पेश विधेयक भी अब तक लंबित
संसद के पिछले कुछ सत्रों में हंगामेदार स्थिति रही थी, लेकिन सरकारी कामकाज के लिहाज से पिछले सत्र के कामकाज में सुधार हुआ। हालांकि लंबित विधेयकों की समस्या एनडीए सरकार के दो साल तक ही सीमित नहीं है। कुछ विधेयक तो दशकों से लंबित हैं। इनमें भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन) विधेयक, 1987, प्रबंधन में कामगारों की हिस्सेदारी विधेयक 1990 और संविधान (79वां संशोधन) विधेयक, 1992 शामिल हैं। चिकित्सा परिषद विधेयक पर संयुक्त समिति की रिपोर्ट जुलाई 1989 में पेश की गई थी, वहीं कामगार प्रबंधन विधेयक पर संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट विधेयक पेश होने के 11 साल बाद यानी दिसंबर 2001 में राज्यसभा में पेश की गई।

अन्य प्रमुख लंबित विधेयकों में वक्फ संपत्ति (अनधिकृत कब्जे से मुक्ति) विधेयक, 2014, भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक, 2016 शामिल हैं। उच्च सदन में लंबित विधेयकों में निजी जासूसी एजेंसियां (नियमन) विधेयक, 2007 शामिल है। गृह मंत्रालय से संबंधित इस विधेयक पर स्थायी समिति की रिपोर्ट फरवरी 2009 में ही पेश कर दी गई थी।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)


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