नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) ने पहलवान बजरंग पूनिया को चार साल के लिए निलंबित कर दिया है. नाडा ने इसका कारण राष्ट्रीय टीम के सिलेक्शन ट्रायल के दौरान डोप टेस्ट के लिए सैंपल देने से इनकार करने को ठहराया, जिसके चलते उन पर कार्रवाई हुई. हालांकि, बजरंग ने कहा कि वह इस एक्शन से बिल्कुल भी हैरान नहीं हैं. टोक्यो ओलंपिक खेलों के कांस्य पदक विजेता पहलवान बजरंग पुनिया ने 2024 में राष्ट्रीय टीम के ट्रायल के दौरान एंटी-डोपिंग परीक्षण के लिए यूरिन का सैंपल देने से इनकार किया था.
जानकारी के अनुसार, पूनिया को पहले एक अनंतिम निलंबन दिया गया था और सुनवाई के बाद, नाडा के एंटी-डोपिंग नियमों के आर्टिकल 10.3.1 के अनुसार प्रतिबंध की पुष्टि की गई, जो जानबूझकर डोप परीक्षण से बचने से संबंधित है, जिसे एंटी-डोपिंग नियम का उल्लंघन माना जाता है.
टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाले पूनिया को इससे पहले 23 अप्रैल को अस्थायी रूप से सस्पेंड किया गया था. इसके बाद विश्व कुश्ती संगठन ने भी उनके खिलाफ कार्रवाई की थी. पूनिया ने इस सस्पेंशन के खिलाफ अपील की थी, जिसके बाद इसे 31 मई तक रद्द कर दिया गया था. इसके बाद नाडा ने 23 जून को पूनिया को नोटिस जारी किया था. पूनिया ने 11 जुलाई को इस फैसले को चुनौती दी थी, जिसके बाद 20 सितंबर और 4 अक्टूबर को सुनवाई हुई. अब अपने आदेश में नाडा के डोपिंग पैनल ने उनके चार साल के निलंबन को जारी रखा है.
खेल की विश्व नियामक संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने भी अप्रैल में बजरंग को निलंबित कर दिया था, जिसके बाद भारतीय पहलवान न केवल प्रतियोगिताओं में भाग ले सकते हैं, बल्कि निलंबन अवधि समाप्त होने तक कोचिंग की भूमिका भी नहीं निभा सकेंगे.
हालांकि, पुनिया ने इस तर्क को गलत बताया है कि उन्होंने सैंपल देने से जानबूझकर इंकार किया था, बल्कि इसके लिए नाडा की कमियों को उजागर किया. उन्होंने यह भी दावा किया कि सैंपल किट एक्सपायर थी और पिछले उदाहरणों का हवाला दिया जिसमें कथित तौर पर एक्सपायर परीक्षण किट प्रदान की गई थी. उन्होंने दावा किया कि उनकी आपत्ति नाडा द्वारा "एक्सपायर किट" का उपयोग करने पर थी, न कि सैंपल देने से इंकार करने पर.
उल्लेखनीय है कि बजरंग पुनिया भारत के सबसे सफल पहलवानों में से एक हैं, जिन्होंने विश्व चैंपियनशिप, एशियाई खेल, राष्ट्रमंडल खेल, एशियाई चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में कई पदक जीते हैं. उनका अंतर्राष्ट्रीय करियर 2013 में नई दिल्ली में हुई एशियाई चैंपियनशिप से शुरू हुआ था, जिसके बाद वह सुर्खियों में आए. उन्हें 2015 में अर्जुन पुरस्कार, खेल रत्न और 2019 में पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है.
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