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This Article is From Apr 16, 2017

बछड़े की मौत पर पंचायत का फरमान - पांच साल की बच्ची की 8 साल के बच्चे से करो शादी

बछड़े की मौत पर पंचायत का फरमान - पांच साल की बच्ची की 8 साल के बच्चे से करो शादी
लड़की की मां शादी रुकवाने के लिए जिला प्रशासन से गुहार लगा रही है (प्रतीकात्मक चित्र)
भोपाल: मध्यप्रदेश के गुना जिला स्थित तारापुर गांव में तीन साल पहले एक व्यक्ति द्वारा गलती से बछड़े को जान से मारने के मामले में गांव वालों ने पंचायत कर अजीबोगरीब फरमान जारी किया है. पंचयात ने जो फरमान सुनाया है वह हैरान कर देने वाला है. पंचायत ने कहा है कि यदि समाज में शामिल होना है तो अपनी पांच साल की बेटी की शादी आठ साल के बच्चे से करानी होगी. इस फरमान की शिकायत मिलने पर प्रशासन ने गांव के संबंधित लोगों के  खिलाफ मामला दर्ज करने की चेतावनी दी है. वहीं, पंचायत के फैसले के बाद लड़की की मां शादी रुकवाने के लिए जिला प्रशासन से गुहार लगा रही है.

यह घटना बंजारा समुदाय बहुल तारापुर गांव की है, जो गुना जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर है और इस मामले का तब खुलासा हुआ, जब इस पांच साल की बेटी की मां ने इस तुगलकी फरमान की शिकायत गुना जिला प्रशासन से पिछले शुक्रवार को कर अपनी मासूम बेटी के साथ हो रहे इस घोर अन्याय से बचाने की गुहार लगाई.

गुना के अपर जिला मजिस्ट्रेट नियाज खान ने बताया, "जिले के आरोन तहसील अंतर्गत तारापुर गांव की रहने वाली इस बच्ची की मां जिला प्रशासन के पास आई और अपनी पांच साल की बेटी की शादी रुकवाने की गुहार करने लगी. गांव के लोगों ने लगभग चार महीने पहले पंचायत कर इस महिला की पांच साल की बेटी की शादी आठ साल के बच्चे से करने का फरमान जारी किया था." उन्होंने कहा कि इस मामले में जिला प्रशासन ने तारापुर गांव के सभी रहवासियों को चेतावनी दी है कि यदि उन्होंने इस लड़की के परिवार के सदस्यों पर जबरन शादी करने के लिए दबाव डाला, तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होगा. खान ने बताया कि हालांकि ग्रामीणों ने यह फरमान करीब चार महीने पहले जारी कर दिया था, लेकिन उस वक्त प्रशासन को इसकी रिपोर्ट नहीं की गई थी.

उन्होंने कहा, "घटना की रिपोर्ट मिलने के बाद कल जिला प्रशासन के अधिकारियों का एक दल इस गांव में गया. हमने गांव की महिला आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से कहा है कि वह इस गतिविधि पर कड़ी नजर रखे और हर गतिविधि के बारे में जिला प्रशासन को तुरंत सूचित करे."

महिला ने शिकायत में आगे कहा है कि तीन साल पहले मेरे पति ने खेत पर गेहूं की फसल चर रहे गाय के बछड़े को पत्थर मार दिया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी. बछड़े की मौत के बाद से पंचायत ने मेरे परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया. शिकायत के अनुसार समाज ने उस वक्त पंचायत कर मेरे परिवार को दोबारा समाज में शामिल होने के लिए गंगा स्नान और पूरे गांव को भंडारे का फरमान सुनाया था. परिवार ने किसी तरह पंचायत के फैसले को पूरा किया, लेकिन इसके बाद भी समाज के लोगों ने गांव में सभी तरह का लेन-देन, गांव के हैंडपंप से पानी बंद करा दिया था. बाद में ग्रामीणों ने फिर पंचायत की और कहा कि गांव में शादी करने लायक कई युवक हैं, लेकिन इस परिवार के सदस्य द्वारा बछड़े को जान से मारने के कारण इनकी शादी नहीं हो पा रही है. यह बछड़े को मारने का श्राप है.

खान ने बताया, "ग्रामीणों ने मीटिंग कर पीड़ित परिवार को बताया कि बछड़े को जान से मारने के कारण गांव के किसी भी युवक-युवती की शादी नहीं हो पा रही है. इसलिए हमें स्थानीय परंपरा के अनुसार इस श्राप से छूटने के लिए सबसे पहले तुम्हारी बेटी की शादी करनी होगी." उन्होंने कहा कि इस प्रकार पंचायत ने इस परिवार की पांच साल की बेटी की शादी मध्यप्रदेश के विदिशा जिले के एक गांव के रहने वाले आठ साल के एक बच्चे से तय कर दी. इसके बाद से गांव वाले इस बच्ची की शादी करवाने के लिए इस परिवार पर दबाव बना रहे हैं.

हालांकि, इस मासूम बेटी की मां इस शादी के लिये राजी नहीं है और जिला प्रशासन से इसे रुकवाने की गुहार कर रही है. जिला प्रशासन ने होने वाले इन मासूम दूल्हा-दुल्हन के पिताओं सहित चार लोगों पर आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 107(16) के तहत 20,000 रपये का बांड भी निष्पादित किया है. इस बांड का उल्लंघन करने पर पुलिस कार्रवाई की जा सकती है. खान ने बताया, "इस मामले की जानकारी मिलने के बाद हम गांव की स्थिति पर पैनी नजर रखे हुए हैं."

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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