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This Article is From Sep 15, 2017

रोहिंग्या मुसलमान : भारत-म्यांमार सीमा पर सुरक्षा बढ़ाई गई

पूर्वोत्तर में चार राज्य अरुणाचल प्रदेश (520 किलोमीटर), मणिपुर (398 किलोमीटर), मिजोरम (510किलोमीटर), नागालैंड (215किलोमीटर) की खुली सीमा म्यांमार के साथ लगती है.

रोहिंग्या मुसलमान : भारत-म्यांमार सीमा पर सुरक्षा बढ़ाई गई
रोहिंग्या मुस्लमान(फाइल फोटो)
आईजॉल: देशभर मे रोहिंग्या मुसलमान पर चर्चा तेज है, देश में करीब 40 हजार रोहिंग्या मुस्लिम अवैध तौर पर रह रहे हैं. म्यांमार और बांग्लादेश सीमा से लगे भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में रोहिंग्या मुसलमानों को देश में प्रवेश से रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. आईजॉल और अगरतला में तैनात असम राईफल्स और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि पूर्वोत्तर राज्यों की सीमा के पास अबतक किसी भी अप्रवासी के सीमा पार कर यहां आने की सूचना नहीं है. पूर्वोत्तर में चार राज्य अरुणाचल प्रदेश (520 किलोमीटर), मणिपुर (398 किलोमीटर), मिजोरम (510किलोमीटर), नागालैंड (215किलोमीटर) की खुली सीमा म्यांमार के साथ लगती है.

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इस 1643 किलोमीटर के बिना घेराबंदी की सीमा पर 16 किलोमीटर भूभाग फ्री जोन है, जिसमें दोनों तरफ आठ-आठ किलोमीटर की सीमाएं शामिल है. असम राईफल्स के पुलिस महानिरीक्षक मेजर जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने संवाददाताओं को आईजॉल में बताया कि सीमांत इलाकों की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद करने के लिए भारत-म्यांमार सीमा पर असम राईफल्स की आठ कंपनियों को तैनात किया गया है.

23 सेक्टर असम राईफल्स के उप महानिरीक्षक ब्रिगेडियर एम.एस.मोखा ने आईजॉल में बताया कि मिजोरम में अब तक रोहिंग्या मुसलमानों की उपस्थिति की कोई सूचना नहीं है. द्विवेदी ने कहा, 'मिजोरम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के साथ म्यांमार की सीमा खुली है, इसलिए सुरक्षा बलों को यहां हर वक्त तैनात रखा गया है और रोहिंग्या समुदाय को अवैध रूप से भारत में आने से रोकने के लिए हवा से भी निगरानी रखी जा रही है.'

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रोहिंग्या संकट के मद्देनजर गुरुवार को 23 असम राईफल्स के आईजॉल स्थित मुख्यालय में कई सुरक्षा अधिकारियों की बैठक आयोजित की गयी थी. बैठक में असम राईफल्स, बीएसएफ, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और राज्य पुलिस और कई खुफिया एजेंसियों के अधिकारी मौजूद थे. अगरतला में एक बीएसएफ अधिकारी ने कहा कि त्रिपुरा और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में किसी भी रोहिंग्या मुस्लिमों के आने की सूचना नहीं मिली है.

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इससे पहले कई मौकों पर त्रिपुरा और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में रोहिंग्या समुदाय के लोग बांग्लादेश के रास्ते अवैध रूप से नौकरी की तलाश में आ चुके हैं.  भारत और बांग्लादेश के बीच 4096 किलोमीटर की सीमा है, जिसमें अधिकतर भाग नदियों, पहाड़ों और खुली सीमा से लगी हुई है. इस वजह से अवैध घुसपैठियों और तस्करों को यहां आने में ज्यादा मुश्किल नहीं होती. जमात उलेमा-ए-हिंद के त्रिपुरा राज्य इकाई के मुसलमानों ने गुरुवार को म्यांमार में राहिंग्या मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन किया. (इनपुट आईएएनएस से)

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