विज्ञापन
This Article is From Jun 12, 2017

'अच्‍छा आचरण? वाकई?' बॉम्‍बे हाईकोर्ट ने संजय दत्त की जल्‍दी रिहाई पर महाराष्‍ट्र सरकार से पूछा

अदालत ने राज्य सरकार को हलफनामा दाखिल करने को कहा जिसमें उल्लेख हो कि दत्त के साथ नरमी बरते जाते समय किन मानदंडों पर विचार किया गया और क्या प्रक्रिया अपनाई गयी.

'अच्‍छा आचरण? वाकई?' बॉम्‍बे हाईकोर्ट ने संजय दत्त की जल्‍दी रिहाई पर महाराष्‍ट्र सरकार से पूछा
बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त (फाइल फोटो)
  • अधिकारियों ने यह मूल्यांकन कैसे किया कि दत्त का आचरण अच्छा था?
  • जांच और लंबी सुनवाई के दौरान दत्त ने जेल में डेढ़ साल बिताया
  • अदालत मामले में एक हफ्ते बाद आगे की सुनवाई करेगी
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
मुंबई: संजय दत्त एक बार फिर मुश्किल में पड़ सकते हैं. बॉम्‍बे हाई कोर्ट ने जेल से उनकी जल्‍दी रिहाई पर महाराष्‍ट्र सरकार से सवाल पूछा है. अदालत ने राज्‍य सरकार से कहा है कि वह संजय दत्त की जल्‍दी रिहाई को सही साबित करे. मामला अभिनेता संजय दत्त को 1993 के सीरियल बम विस्फोटों के मामले में जेल से जल्द रिहा करने से जुड़ा है. दत्त को हथियार रखने के मामले में पांच साल कैद की सजा सुनाई गयी थी. ये हथियार 1993 के विस्फोटों में इस्तेमाल खेप का हिस्सा थे.

मुकदमे के दौरान जमानत पर चल रहे संजय दत्त ने उच्चतम न्यायालय द्वारा उनकी दोषसिद्धि को बरकरार रखे जाने के बाद मई 2013 में आत्मसमर्पण कर दिया था. दत्त को पुणे की यरवदा जेल में उनके अच्छे आचरण को देखते हुए आठ महीने पहले फरवरी 2016 में रिहा कर दिया गया था. न्यायमूर्त आर एम सावंत और न्यायमूर्त साधना जाधव की खंडपीठ सोमवार को पुणे निवासी प्रदीप भालेकर की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी. भालेकर ने दत्त के सजा काटते समय उन्हें बार बार परोल और फरलो दिये जाने को चुनौती दी थी.

अदालत ने राज्य सरकार को हलफनामा दाखिल करने को कहा जिसमें उल्लेख हो कि दत्त के साथ नरमी बरते जाते समय किन मानदंडों पर विचार किया गया और क्या प्रक्रिया अपनाई गयी. न्यायमूर्त सावंत ने कहा, क्या डीआईजी, कारावास से सलाह ली गयी या जेल अधीक्षक ने सीधे अपनी सिफारिश राज्यपाल को भेज दी? उन्होंने कहा, 'यह भी बताइये कि अधिकारियों ने यह मूल्यांकन कैसे किया कि दत्त का आचरण अच्छा था? जब वह आधे समय परोल पर रहे तो अधिकारियों को इस तरह का आकलन करने का वक्त कब मिल गया?' अदालत मामले में एक हफ्ते बाद आगे की सुनवाई करेगी. जांच और लंबी सुनवाई के दौरान दत्त ने जेल में डेढ़ साल बिताया.

मुंबई की टाडा अदालत ने 31 जुलाई, 2007 को संजय दत्त को शस्त्र अधिनियम के तहत छह साल के कड़े कारावास की सजा सुनाई थी और 25000 रुपये का जुर्माना लगाया था. उच्चतम न्यायालय ने 2013 में फैसले को कायम रखा लेकिन सजा को घटाकर पांच साल का कर दिया. इसके बाद दत्त ने बाकी सजा काटने के लिए आत्मसमर्पण कर दिया था. दत्त को जेल में सजा काटने के दौरान दिसंबर 2013 में 90 दिन की परोल दी गयी थी. बाद में 30 और दिन की परोल दी गयी थी.

(इनपुट भाषा से...)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com