मुंबई:
बारिश में मुंबई की सड़कें सराबोर हो रही हैं लेकिन झीलों का पेट सूखता जा रहा है। क्योंकि कैचमेंट एरिया यानि जिन झीलों से मुंबई को पानी सप्लाई होती है, उन इलाकों से बादलों रूठे हुए हैं। मुंबई को मोदक सागर, तानसा, विहार, तुलसी, अपर वैतरणा, भातसा और मध्य वैतरणा से पानी सप्लाई की जाती है। मुंबई को पानी सप्लाई करने वाली सात झीलों में 27 जून तक 100829 एमएलडी पानी जमा हुआ है, जबकि 2015 में इसी तारीख तक इन झीलों में 3,38, 906 एमएलडी पानी इकठ्ठा हो गया था। मुंबई को साल भर बगैर कटौती के पानी सप्लाई करने के लिए अगले तीन महीने में इन झीलों में 14.47 लाख एमएलडी पानी जमा होना चाहिए।
अच्छी बरसात फिर भी पानी नहीं
शहर में 20 फीसदी पानी की कटौती लागू है, आम मुंबईकर को उम्मीद थी, मॉनसून आने पर उसकी मुश्किलें कम होंगी लेकिन फिलहाल ऐसा होता दिख नहीं रहा। बीडीडी चॉल में रहने वाली ऊषा का कहना है कि 'हमें कपड़े धोने से लेकर पीने का पानी तक भरने में तकलीफ हो रही है।' वहीं प्राची कहती हैं 'तीन दिन से अच्छी बरसात हो रही है फिर भी पानी नहीं आ रहा है, हम लोगों को बहुत तकलीफ हो रही है।'
प्रशासन भी कैचमेंट एरिया की तरफ टकटकी लगाए बैठा है, उसे उम्मीद है आने वाले दिनों में बादल झीलों का रुख कर उनकी प्यास बुझाएंगे। मुंबई महानगरपालिका के डिप्टी नगरनिगम कमिश्नर सुधीर नाइक ने कहा 'पिछले कुछ दिनों में कैचमेंट एरिया में ठीकठाक बरसात हुई है, लेकिन अगर पिछले साल से तुलना करें तो ये संतोषप्रद नहीं है। हम वहां नज़र बनाए हुए हैं।' मुंबई को रोजाना लगभग 3750 एमएलडी पानी की जरूरत होती है, लेकिन कई लीटर लीकेज और चोरी में बर्बाद हो जाता है। पिछले साल के मुकाबले झीलों में इस साल 70 फीसदी कम पानी है। ऐेसे में कटौती कम करने के लिए लोगों के साथ प्रशासन भी यही चाहता है कैचमेंट एरिया में जल्द और ज्यादा बरसात हो।
अच्छी बरसात फिर भी पानी नहीं
शहर में 20 फीसदी पानी की कटौती लागू है, आम मुंबईकर को उम्मीद थी, मॉनसून आने पर उसकी मुश्किलें कम होंगी लेकिन फिलहाल ऐसा होता दिख नहीं रहा। बीडीडी चॉल में रहने वाली ऊषा का कहना है कि 'हमें कपड़े धोने से लेकर पीने का पानी तक भरने में तकलीफ हो रही है।' वहीं प्राची कहती हैं 'तीन दिन से अच्छी बरसात हो रही है फिर भी पानी नहीं आ रहा है, हम लोगों को बहुत तकलीफ हो रही है।'
प्रशासन भी कैचमेंट एरिया की तरफ टकटकी लगाए बैठा है, उसे उम्मीद है आने वाले दिनों में बादल झीलों का रुख कर उनकी प्यास बुझाएंगे। मुंबई महानगरपालिका के डिप्टी नगरनिगम कमिश्नर सुधीर नाइक ने कहा 'पिछले कुछ दिनों में कैचमेंट एरिया में ठीकठाक बरसात हुई है, लेकिन अगर पिछले साल से तुलना करें तो ये संतोषप्रद नहीं है। हम वहां नज़र बनाए हुए हैं।' मुंबई को रोजाना लगभग 3750 एमएलडी पानी की जरूरत होती है, लेकिन कई लीटर लीकेज और चोरी में बर्बाद हो जाता है। पिछले साल के मुकाबले झीलों में इस साल 70 फीसदी कम पानी है। ऐेसे में कटौती कम करने के लिए लोगों के साथ प्रशासन भी यही चाहता है कैचमेंट एरिया में जल्द और ज्यादा बरसात हो।
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