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ऑपरेशन गोल्डन स्वीप: DRI ने किया अंतरराष्ट्रीय तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़, 12.58 करोड़ का सोना जब्त

ऑपरेशन गोल्डन स्वीप के तहत DRI की टीम ने 10.5 किलो 24 कैरेट विदेशी सोना बरामद किया है, जिसकी कीमत करीब 12.58 करोड़ रुपए बताई जा रही है. इस मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

ऑपरेशन गोल्डन स्वीप: DRI ने किया अंतरराष्ट्रीय तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़, 12.58 करोड़ का सोना जब्त
  • राजस्व खुफिया निदेशालय ने मुंबई एयरपोर्ट पर अंतरराष्ट्रीय सोना तस्करी गिरोह का सफलतापूर्वक भंडाफोड़ किया है.
  • इस कार्रवाई में 10.5 किलो 24 कैरेट विदेशी सोना बरामद हुआ है, जिसकी कीमत करीब 12.58 करोड़ रुपए है.
  • DRI ने बांग्लादेशी, श्रीलंकाई नागरिक, एयरपोर्ट कर्मचारी, हैंडलर और मास्टरमाइंड सहित 13 लोगों को गिरफ्तार किया.
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मुंबई :

राजस्व खुफिया निदेशालय (Directorate of Revenue Intelligence) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर चल रहे अंतरराष्ट्रीय सोना तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इस ऑपरेशन को “ऑपरेशन गोल्डन स्वीप” नाम दिया गया. इस कार्रवाई में DRI की टीम ने 10.5 किलो 24 कैरेट विदेशी सोना बरामद किया है, जिसकी कीमत करीब 12.58 करोड़ रुपए बताई जा रही है. 

इस मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें दो बांग्लादेशी, छह श्रीलंकाई नागरिक, दो एयरपोर्ट स्टाफ (मीट-एंड-ग्रीट सर्विस से जुड़े), दो हैंडलर और एक मास्टरमाइंड शामिल हैं. 

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इस तरह देते थे तस्करी को अंजाम 

  • जांच में खुलासा हुआ है कि यह एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का संगठित गिरोह था, जो बेहद चालाकी से सोने की तस्करी कर रहा था. 
  • तस्कर दुबई से सिंगापुर, बैंकॉक और ढाका जाने वाले ट्रांजिट यात्रियों को कैरियर की तरह इस्तेमाल करते थे. ये यात्री सोने को मोम से बने अंडाकार कैप्सूल के अंदर छिपाकर अपने शरीर में रखकर लाते थे.
  • मुंबई पहुंचने के बाद ये ट्रांजिट पैसेंजर एयरपोर्ट के अंतरराष्ट्रीय डिपार्चर एरिया में मौजूद अपने एयरपोर्ट स्टाफ में मौजूद अपने साथियों को सोना सौंप देते थे. 
  • एयरपोर्ट स्टाफ इस सोने को गुपचुप तरीके से बाहर निकालकर हैंडलर्स और रिसीवर्स तक पहुंचाते थे, जो आगे मास्टरमाइंड के संपर्क में रहते थे. 

मुंबई और दुबई में बैठे सरगना चला रहे थे नेटवर्क

यह नेटवर्क मुंबई और दुबई में बैठे सरगनाओं द्वारा चलाया जा किया जा रहा था. इसमें कई लेयर में लोग शामिल थे. ट्रांजिट कैरियर, एयरपोर्ट कर्मचारी, हैंडलर और रिसीवर, जिससे पुलिस के लिए इन्‍हें पकड़ना बेहद मुश्किल हो रहा था. 

यह ऑपरेशन DRI की तेज खुफिया क्षमता और चुस्त कार्रवाई का नतीजा है. इससे यह भी सामने आया कि तस्करी गिरोह अब एयरपोर्ट जैसे संवेदनशील इलाकों के अंदर काम करने वाले कर्मचारियों को भी अपने नेटवर्क में शामिल कर रहे हैं, जिससे अंदरूनी खतरा बढ़ता जा रहा है. 

अंतरराष्ट्रीय कनेक्शनों और मनी ट्रेल की जांच

DRI अब इस गिरोह के अन्य अंतरराष्ट्रीय कनेक्शनों और मनी ट्रेल की जांच कर रही है. एजेंसी ने कहा है कि वह देश की आर्थिक सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए ऐसी तस्करी करने वाले नेटवर्क पर लगातार सख्त कार्रवाई जारी रखेगी. 

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