फिल्म अभिनेता सलमान खान (फाइल फोटो)
मुंबई:
सलमान खान हिट एंड रन केस में बॉम्बे हाईकोर्ट से पड़ी फटकार से सबक लेते हुए मुंबई पुलिस ने सभी थानों को आगाह किया है कि वे जांच प्रक्रिया में किसी भी तरह की खामियों से बचें। इस हिदायत के साथ-साथ सभी थानों को सलमान खान मामले में हाईकोर्ट के ऑब्ज़र्वेशन की प्रति भी दी गई है।
थानों को लिखित हिदायत देने वाले अपराध शाखा के अतिरक्त पुलिस आयुक्त के एम प्रसन्ना ने कहा, यह प्रक्रिया का हिस्सा है। जब कभी कोई अदालत इस तरह का ऑब्ज़र्वेशन देती है, हम उससे सभी पुलिस थानों को अवगत कराते हैं।
गौरतलब है कि सलमान खान हिट एंड रन केस में बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुलिसिया जांच में कई खामियों का हवाला देते हुए सलमान खान को बरी कर दिया है। जज ने वारदात के बाद न सिर्फ सलमान खान के खून का नमूना लेने में देरी की तरफ इशारा किया, बल्कि खून के नमूने को देर से एफएसएल में भेजने को भी गलत बताया था। यहां तक कि उसके लिए ज़रूरी आरोपी सलमान के दस्तखत भी पत्र पर नहीं थे।
इसके अलावा होटल के बिल की तारीख में भी गड़बड़ी थी, और मामले के शिकायतकर्ता पुलिस सिपाही रवींद्र पाटिल के बयान पर भी अदालत ने टिप्पणी की थी कि उसके पहले दिन के बयान में शराब पीने की बात का उल्लेख नहीं था, जबकि बाद के बयान में उस आरोप को जोड़ा गया। मामले में अहम गवाह कमाल खान के गलत पते पर समन भेजे जाने का भी हाईकोर्ट ने ज़िक्र किया था।
माना जा रहा है कि भविष्य में हिट एंड रन के अन्य मामलों में बचाव पक्ष सलमान खान हिट एंड रन केस को आधार बना सकते हैं, इसलिए सभी थानों को जांच में सावधानी बरतने की हिदायत दी गई है। एक जानकारी के मुताबिक बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले में निहित मुद्दों में से 16 मुद्दों पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा गया है।
थानों को लिखित हिदायत देने वाले अपराध शाखा के अतिरक्त पुलिस आयुक्त के एम प्रसन्ना ने कहा, यह प्रक्रिया का हिस्सा है। जब कभी कोई अदालत इस तरह का ऑब्ज़र्वेशन देती है, हम उससे सभी पुलिस थानों को अवगत कराते हैं।
गौरतलब है कि सलमान खान हिट एंड रन केस में बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुलिसिया जांच में कई खामियों का हवाला देते हुए सलमान खान को बरी कर दिया है। जज ने वारदात के बाद न सिर्फ सलमान खान के खून का नमूना लेने में देरी की तरफ इशारा किया, बल्कि खून के नमूने को देर से एफएसएल में भेजने को भी गलत बताया था। यहां तक कि उसके लिए ज़रूरी आरोपी सलमान के दस्तखत भी पत्र पर नहीं थे।
इसके अलावा होटल के बिल की तारीख में भी गड़बड़ी थी, और मामले के शिकायतकर्ता पुलिस सिपाही रवींद्र पाटिल के बयान पर भी अदालत ने टिप्पणी की थी कि उसके पहले दिन के बयान में शराब पीने की बात का उल्लेख नहीं था, जबकि बाद के बयान में उस आरोप को जोड़ा गया। मामले में अहम गवाह कमाल खान के गलत पते पर समन भेजे जाने का भी हाईकोर्ट ने ज़िक्र किया था।
माना जा रहा है कि भविष्य में हिट एंड रन के अन्य मामलों में बचाव पक्ष सलमान खान हिट एंड रन केस को आधार बना सकते हैं, इसलिए सभी थानों को जांच में सावधानी बरतने की हिदायत दी गई है। एक जानकारी के मुताबिक बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले में निहित मुद्दों में से 16 मुद्दों पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा गया है।
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