 
                                            भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर की वैज्ञानिक बबिता सिंह 23 जनवरी से लापता हैं (फाइल फोटो).
                                                                                                                        
                                        
                                        
                                                                                मुंबई: 
                                        भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर की एक महिला वैज्ञानिक बबिता सिंह 23 जनवरी से लापता हैं. बबिता नवी मुंबई के नेरुल में सेक्टर क्रमांक 20 में किराये के फ्लैट में रहती थीं. द्वारकानाथ इमारत के सीसीटीवी में वे दोपहर करीब एक बजे बाहर जाती हुई दिख रही हैं. उसके बाद से उनका कोई पता नहीं है. यहां तक कि अपना मोबाइल भी वे घर पर छोड़ गई हैं.
पांच साल से मुंबई के भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (बीएआरसी) में वैज्ञानिक के तौर पर कार्यरत बबिता ने 23 जनवरी को ही उत्तर प्रदेश में अपने भाई विकास सहित कुछ दोस्तों को ईमेल भेजकर खुदकुशी करने की मंशा जाहिर की थी. बबिता ने ईमेल में बीएआरसी में अपने वरिष्ठ अधिकारी की प्रताड़ना से तंग आकर खुदकुशी की बात लिखी थी.
बबिता के भाई विकास ने एनडीटीवी को फोन पर बताया कि उस मेल के जरिए ही बबिता के दोस्तों को उसके इरादे का पता चला और फिर उसकी तलाश शुरू की. जब देर रात तक बबिता का कुछ पता नहीं चला तब दोस्तों ने ही नेरुल पुलिस थाने में उसके लापता होने की शिकायत दर्ज कराई. अब तक उसका कुछ पता नहीं चला है.
ईमेल में बबिता सिंह ने देश के प्रतिष्ठित भाभा रिसर्च सेंटर मुंबई की कार्यपद्धति पर गंभीर आरोप लगाया है. बीएआरसी ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है. फोन और ईमेल के जरिए संपर्क कर उनका पक्ष जानने की कोशिश भी नाकाम रही.
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जनपद की रहने वाली बबिता अपने पिता की तीन संतानों में सबसे छोटी हैं. अपनी कड़ी मेहनत से बबिता मुंबई में भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर में वैज्ञानिक के तौर पर नियुक्त हुईं. वे वर्तमान में लो लेवल रेडिएशन रिसर्च सेक्शन के रेडिएशन बायोलॉजी एंड हेल्थ साइंस डिवीजन में साइंटिफिक आफिसर के पद पर कार्यरत हैं.
बबिता के लापता होने के बाद से उसके घरवाले मुंबई में उसकी तलाश में भटक रहे हैं. पुलिस भी तलाश में जुटी है लेकिन अभी तक उसका कुछ भी सुराग नहीं मिला है.
                                                                        
                                    
                                पांच साल से मुंबई के भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (बीएआरसी) में वैज्ञानिक के तौर पर कार्यरत बबिता ने 23 जनवरी को ही उत्तर प्रदेश में अपने भाई विकास सहित कुछ दोस्तों को ईमेल भेजकर खुदकुशी करने की मंशा जाहिर की थी. बबिता ने ईमेल में बीएआरसी में अपने वरिष्ठ अधिकारी की प्रताड़ना से तंग आकर खुदकुशी की बात लिखी थी.
बबिता के भाई विकास ने एनडीटीवी को फोन पर बताया कि उस मेल के जरिए ही बबिता के दोस्तों को उसके इरादे का पता चला और फिर उसकी तलाश शुरू की. जब देर रात तक बबिता का कुछ पता नहीं चला तब दोस्तों ने ही नेरुल पुलिस थाने में उसके लापता होने की शिकायत दर्ज कराई. अब तक उसका कुछ पता नहीं चला है.
ईमेल में बबिता सिंह ने देश के प्रतिष्ठित भाभा रिसर्च सेंटर मुंबई की कार्यपद्धति पर गंभीर आरोप लगाया है. बीएआरसी ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है. फोन और ईमेल के जरिए संपर्क कर उनका पक्ष जानने की कोशिश भी नाकाम रही.
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जनपद की रहने वाली बबिता अपने पिता की तीन संतानों में सबसे छोटी हैं. अपनी कड़ी मेहनत से बबिता मुंबई में भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर में वैज्ञानिक के तौर पर नियुक्त हुईं. वे वर्तमान में लो लेवल रेडिएशन रिसर्च सेक्शन के रेडिएशन बायोलॉजी एंड हेल्थ साइंस डिवीजन में साइंटिफिक आफिसर के पद पर कार्यरत हैं.
बबिता के लापता होने के बाद से उसके घरवाले मुंबई में उसकी तलाश में भटक रहे हैं. पुलिस भी तलाश में जुटी है लेकिन अभी तक उसका कुछ भी सुराग नहीं मिला है.
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