मुंबई में 17 बच्चों समेत 19 लोगों को बंधक बनाने वाले रोहित आर्य का हश्र ये है कि उसकी डेडबॉडी को क्लेम करने तक के लिए कोई आगे नहीं आया है. उसका शव जे.जे. हॉस्पिटल में लावारिस रखा है. परिजनों के आगे न आने की वजह से उसका पोस्टमॉर्टम तक नहीं हो पा रहा है.
पवई के आर.ए. स्टूडियो में बच्चों को बंधक बनाने वाले रोहित आर्य की गुरुवार को पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई थी. शुक्रवार तड़के उसका शव पोस्टमॉर्टम के लिए जे.जे. हॉस्पिटल लाया गया. लेकिन रोहित आर्य के शव को क्लेम करने के लिए खबर लिखे जाने तक कोई आगे नहीं आया था.
हॉस्पिटल सूत्रों का कहना है कि पोस्टमॉर्टम तब तक शुरू नहीं किया जा सकता, जब तक परिवार का कोई सदस्य मौजूद न हो. लेकिन कई घंटों के इंतज़ार के बाद भी रोहित का परिवार अस्पताल नहीं पहुंचा है. पुलिस इंतज़ार में है.
सूत्रों का कहना है कि अगर कुछ और वक्त तक परिवार का कोई सदस्य नहीं आता, तो आगे की वैकल्पिक कानूनी प्रक्रिया शुरू की जाएगी ताकि पोस्टमॉर्टम किया जा सके और मामले की जांच आगे बढ़ सके.
बता दें कि रोहित आर्य पुणे के कर्वेनगर इलाके में अमेय अपार्टमेंट में रहता था. कोथरूड इलाके के शिवतीर्थ नगर में बने स्वरांजली अपार्टमेंट में उसके माता-पिता रहते थे. लगभग एक साल पहले उसने अमेय अपार्टमेंट में रहना छोड़ दिया था. बताया जाता है कि स्वरांजली अपार्टमेंट में उसके माता-पिता अब भी रहते हैं.
स्वरांजली अपार्टमेंट का घर एआर हरवळकर के नाम पर है जबकि रोहित अपना उपनाम आर्य इस्तेमाल कर रहा था. रोहित और उसकी पत्नी अंजली समय-समय पर माता-पिता से मिलने स्वरांजली अपार्टमेंट में आया-जाया करते थे.
 
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