प्याज की बढ़ी कीमतों ने रसोई के साथ मध्यप्रदेश में लोगों के सुबह के नाश्ते यानी पोहे का स्वाद भी बदल दिया है. पोहे, कचौरी की दुकानों से प्याज पूरी तरह गायब है उसकी जगह ली है मूली ने. मालवा के प्रसिद्ध पोहे पर आजकल नींबू-मूली की सजावट नज़र आती है. महंगाई में प्याज को धकेल कर यहां मूली ने जगह बनाई है लेकिन ग्राहकों को जायका, खास पसंद नहीं आ रहा. ओंकारेश्वर जाने के दौरान इंदौर के पोहे का लुत्फ उठाने रूके ग्राहक सुरेश एमजी ने कहा हम ओंकारेश्वर जा रहे थे, पोहे खाने रूके हमने प्याज मांगी तो पता लगा कि प्याज 125 रु किलो है तो दुकानदार दे नहीं सकता. पोहे का कॉम्बिनेशन प्याज के साथ ही है, ऐसे में तो पोहे का स्वाद ही चला जाएगा.
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वहीं मालवेन्द्र तिवारी ने कहा प्याज सोने के भाव है, मूली डालकर दे रहे हैं... प्याज की बात अलग होती है उसके बिना इंदौर के लोग खाते नहीं हैं, काम चलाने के लिये खा रहे हैं. दुकानदार भी परेशान हैं, पोहे से महंगी प्याज है सो उपाय मूली में ढूंढ रहे हैं. पोहे की दुकान चलाने वाले कृष्णा यादव ने कहा प्याज के लगातार दाम बढ़ने के कारण पोहे में प्याज नहीं दे पा रहे हैं. विकल्प में मूली रखी है ग्राहक को समझा देते हैं पोहा सस्ता है प्याज महंगी है.
मध्यप्रदेश में प्याज थोक मंडियों में तो प्याज 60-80 रुपये तक बिक रही है लेकिन खुदरा बाजार में अब कीमतें 120 रु.प्रति किलो तक चली गई हैं. होटल और ढाबों पर सलाद के साथ मिलने वाली प्याज भी कई जगहों पर बंद हो गई है. हालांकि प्रशासन ने कीमतों को नियंत्रित करने के लिये राजधानी भोपाल में पांच जगहों पर 70 रूपये प्रति किलो की दर से प्याज बेचना भी शुरू कर दिया है. वहीं, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने मध्यप्रदेश प्याज व्यापारी (स्टॉक सीमा तथा जमाखोरी पर निर्बन्धन) आदेश 2019 में संशोधन कर कहा है अब थोक कारोबारी 250 और फुटकर विक्रेता 50 क्विंटल से ज्यादा प्याज का भंडार नहीं रख सकते हैं.
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