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This Article is From Jul 03, 2018

मंदसौर रेप के आरोपियों को जेल प्रशासन ने कस्टडी में रखने से किया इनकार, कहा- इनकी हत्या हो सकती है

रेप के दोनों आरोपी 5 जुलाई तक पुलिस रिमांड में भेजे गए थे, और इस वक्त उन्हें कहां रखा गया है, इस बात की जानकारी सुरक्षा कारणों से मीडिया को भी नहीं दी जा रही है.

मंदसौर रेप के आरोपियों को जेल प्रशासन ने कस्टडी में रखने से किया इनकार, कहा- इनकी हत्या हो सकती है
जेल प्रशासन का कहना है कि मंदसौर रेप के आरोपियों पर कैदी हमला कर सकते हैं
मंदसौर: मध्य प्रदेश के मंदसौर में सात साल की बच्ची से रेप  के आरोपियों इरफान और आसिफ को जेल प्रशासन ने रखने से इनकार कर दिया है. जेल प्रशासन का कहना है कि रेप के आरोपियों के प्रति पहले से जेल में सज़ा काट रहे कैदियों में भरपूर गुस्सा है, और उन्हें जेल में रखने से उन्हें जान से मार दिए जाने का खतरा पैदा हो जाएगा. जेल प्रशासन के मुताबिक, जेल में किसी अलग सेल की व्यवस्था नहीं होने की वजह से उन्हें यहां सुरक्षित रखना मुमकिन नहीं हो पाएगा. जेल अधिकारियों ने बताया है कि उन्होंने कोर्ट से खत लिखकर अनुरोध किया है कि अगर इन आरोपियों को जेल भेजा जाना जरूरी है तो इन्हें केंद्रीय जेल भेज जाए क्योंकि इन्हें हमारे पास रखने के लिये अलग सेल नहीं है.

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रेप के दोनों आरोपी 5 जुलाई तक पुलिस रिमांड में भेजे गए थे, और इस वक्त उन्हें कहां रखा गया है, इस बात की जानकारी सुरक्षा कारणों से मीडिया को भी नहीं दी जा रही है. उन्हें 5 जुलाई के बाद कहां रखा जाएगा, यह इस बात से तय होगा कि पुलिस रिमांड की अवधि खत्म होने के बाद पुलिस आइंदा रिमांड की मांग करती है या नहीं, और कोर्ट उनका रिमांड बढ़ाता है या नहीं. यदि कोर्ट ने 5 जुलाई के बाद आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा, तो उन्हें जेल में ही रखना होगा. लेकिन जेल प्रशासन ने पहले ही हाथ खड़े कर दिये हैं.

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गौरतलब है कि पिछले हफ्ते मंगलवार को ही मध्य प्रदेश के मंदसौर में सात साल की एक बच्ची से रेप के मामले के आरोपियों को पुलिस ने CCTV फुटेज से मिले सुरागों के बूते गिरफ्तार किया था. दरअसल, बच्ची स्कूल से निकलने के बाद किसी अंजान शख्स के पीछे चल दी, और बमुश्किल 15 सेकंड के CCTV फुटेज में पुलिस को युवक का चेहरा नहीं दिखा, लेकिन आरोपी के जूते और उसके हाथ में बंधा काला धागा दिखाई दे गया. मंदसौर के पुलिस अधीक्षक मनोज सिंह ने बताया था कि इन्हीं दो सुरागों के आधार पर सबसे पहले इरफान को गिरफ्तार किया गया, और उससे पूछताछ के बाद आसिफ को धरा गया.
 

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