मध्य प्रदेश के मंदसौर में 8 साल की बच्ची से गैंगरेप करने वाले दोनों युवकों को फांसी की सजा सुनाई जाने के बाद पीड़ित बच्ची के पिता ने संतोष जताया. उनका कहना है कि इस फैसले से छोटी बच्चियों के साथ बलात्कार के खिलाफ सख्त संदेश जाएगा. पीड़ित बच्ची मंदसौर से करीब 200 किलोमीटर दूर इंदौर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) में 27 जून की रात से भर्ती है. वह पिछले दो महीनों के दौरान दो जटिल सर्जरी से गुजर चुकी है.
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पिता ने कहा, 'मेरी बच्ची और मेरा परिवार पिछले दो महीने से कई परेशानियों से गुजर रहा है. हम शुरुआत से यही चाहते थे कि दोनों युवकों को फांसी की सजा सुनाई जाए. आखिरकार दोनों को यह सजा सुना दी गई है.' उन्होंने कहा कि फास्ट ट्रैक अदालत में सुनवाई के कारण मामले में जल्द फैसला आ गया. दोनों मुजरिमों को मृत्युदंड सुनाए जाने के फैसले से समाज में छोटी बच्चियों के साथ बलात्कार के खिलाफ सख्त संदेश जाएगा और आइंदा ऐसी वारदातों में कमी आएगी.
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उन्होंने कहा कि एमवायएच में उनकी बच्ची का करीब 10 दिन पहले दूसरा ऑपरेशन किया गया था. अब उसकी हालत पहले से काफी बेहतर है. उन्होंने बताया, 'डॉक्टरों का कहना है कि ऑपरेशन के दौरान लगाए गए टांकों के घाव भरने के बाद मेरी बच्ची को अस्पताल से छुट्टी देने पर विचार किया जाएगा.' मंदसौर की विशेष न्यायाधीश निशा गुप्ता ने स्कूली छात्रा का अपहरण कर उसके साथ गैंगरेप के मामले में इरफान उर्फ भैयू (20) एवं आसिफ (24) को दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई है. मंदसौर में बच्ची को 26 जून की शाम लड्डू खिलाने का लालच देकर अगवा कर लिया गया, जब वह स्कूल की छुट्टी के बाद पैदल अपने घर जा रही थी.
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सामूहिक बलात्कार के बाद कक्षा तीन की छात्रा को जान से मारने की नीयत से उस पर धारदार हथियार से हमला भी किया गया था. वह 27 जून की सुबह शहर के बस स्टैंड के पास झाड़ियों में लहूलुहान मिली थी.
(इनपुट: भाषा)
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