Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh)में एक लोकसभा क्षेत्र और तीन विधानसभा सीटों के लिए आगामी 30 अक्टूबर को होने वाले उपचुनाव में कुल 55 उम्मीदवार मैदान में हैं. वैसे मुख्य मुकाबला राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच ही है. हालांकि चुनावों का सरकार की स्थिरता पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन सीएम शिवराज सिंह चौहान के लिए ये चुनाव महत्वपूर्ण है. खासकर तब जब बीजेपी दूसरे राज्यों में मुख्यमंत्रियों को बदल रही है. उपचुनाव के लिए बीजेपी ने 12 मंत्रियों और 40 विधायकों को जिम्मेदारी सौंप रखी है. राज्य की तीन विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट पर उपचुनाव में 2 में से ज्यादा में जीत मुख्यमंत्री शिवराज की स्थिति को मजबूत करेगी, लेकिन अगर पार्टी हारती है तो ये उनकी साख पर एक बड़ा धक्का हो सकता है. इसलिए अपने 31 साल के चुनावी करियर में शिवराज पहली बार मंच से ही नए अवतार में नजर आ रहे हैं. उनके तेवर तने हुए हैं. यही नहीं, कई बार मंच से ही वेअधिकारियों को निलंबित कर चुके हैं.
जिन विधानसभा क्षेत्रों में मतदान हो रहा है, वे पूरे राज्य में फैले हुए हैं. बुंदेलखंड में पृथ्वीपुर, बघेलखंड में रैगांव और गुजरात बॉर्डर के पास जोबट और निमाड़ में खंडवा लोकसभा सीट है. पृथ्वीपुर का प्रतिनिधित्व कांग्रेस विधायक बृजेंद्र सिंह राठौर ने किया था जिनका मई में निधन हो गया था. जोबट से कांग्रेस की कलावती भूरिया विधायक थी, जिनका अप्रैल में निधन हो गया था, वहीं रैगांव सीट बीजेपी के जुगल किशोर बागरी के पास थी. खंडवा संसदीय सीट से से बीजेपी के नंदकुमार सिंह सांसद थे जिनकी मार्च में कोविड से मृत्यु हो गई थी. रैगांव अनुसूचित जाति के लिए, जोबट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है जबकि पृथ्वीपुर सामान्य सीट है. खंडवा लोकसभा सीट भी एक सामान्य निर्वाचन क्षेत्र है.यानी कुल मिलाकर ये सारी सीटें प्रदेश के हर कोने और हर वर्ग की नुमाइंदगी करती हैं. ये सभी सीटें उम्मीदवारों के निधन से खाली हुई हैं इसलिये यहां सहानुभूति एक भूमिका निभाएगी लेकिन महंगाई, भ्रष्टाचार और बीजेपी के 15 सालों के शासन को भी कांग्रेस जोर शोर से उठा रही है.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि आज कैसे पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाए जा रहे हैं, रोजगार के लिये बच्चे भटक रहे हैं. बीजेपी ने बच्चों के गुम होने, कुपोषण, महिला अपराध में प्रदेश को नंबर वन बना दिया है. उन्होंने कहा कि आज किसान खाद के लिए सड़क पर उतर रहा है तो उन पर लाठियां चल रही है. ये चुनाव भाजपा को आइना दिखाने का चुनाव है. वैसे बीजेपी ने अपने नेताओं को छोड़ एक बार फिर से दलबदलुओं पर भरोसा जताया है. जोबट से कांग्रेस की पूर्व विधायक सुलोचना रावत तो पृथ्वीपुर में समाजवादी पार्टी से आए शिशुपाल यादव को टिकट दिया गया है. यदि बीजेपी पृथ्वीपुर या जोबट जीत लेती है ( जो पहले कांग्रेस के पास थी) तो ये शिवराज सिंह चौहान की स्थिति को और मज़बूत करेगा लेकिन अगर कांग्रेस ये दो सीटें बरकरार रखते हुए रैगांव या खंडवा लोकसभा जीत लेती है तो पार्टी में शिवराज के विरोधी सक्रिय और मुखर होंगे. हो सकता है कि सीएमशिवराज सिंह चौहान शिवराज को इसकी सियासी कीमत चुकानी पड़े.
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