मध्यप्रदेश के मंदसौर के सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील खानपुरा इलाके में मदरसे के बच्चों ने नारा लगाए "साबिर साहब जिंदाबाद" जिसे कथित तौर पर "पाकिस्तान ज़िंदाबाद" के नारों में बदलकर सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर वायरल कर दिया गया. पुलिस कह रही है इस मामले में वीडियो वायरल करने वाले 30-35 लोगों को चिन्हित कर लिया गया है.
दरअसल मदरसे के छात्रों ने अपने प्रिंसिपल साबिर पानवाला के समर्थन में नारे लगाए इस आशंका के मद्देनज़र कि संस्था के सचिव और अध्यक्ष के बीच के झगड़े में उनके मदरसे को बंद कर प्रधानाचार्य को बर्खास्त किया जा सकता है, लेकिन कुछ ही समय के भीतर, साबिर साहब ज़िंदाबाद का नारा सोशल मीडिया पर पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे में बदल गया.
मामले में जांच के बाद सीएसपी नरेन्द्र सोलंकी ने कहा हमें कुछ आवेदन भी मिले हैं कि सोशल मीडिया पर इसको वायरल करके माहौल खराब करने की कोशिश की गई है, आईपीसी की धारा 108, 116 के तहत कार्रवाई की जाएगी. ऐसे 30-35 लोगों को हमने चिन्हित कर लिया है जिन्होंने इसको बढ़ा चढ़ाकर पेश किया जबकि सच्चाई कुछ और है.
नारे को बदलकर 'पाकिस्तान जिंदाबाद' किया, और फिर VIDEO हुआ वायरल
इस वीडियो को पश्चिमी मध्यप्रदेश के कई सोशल मीडिया ग्रुपों और सीमावर्ती राजस्थान के कुछ इलाकों में सोशल मीडिया के ज़रिए प्रसारित किया गया. खबर दिखाने के बाद गृहमंत्री कह रहे हैं कि वे दिखवा लेंगे, वही विपक्ष का कहना है उसे कांग्रेस सरकार की पुलिस पर भरोसा नहीं. गृहमंत्री बाला बच्चन ने कहा मैं उसको दिखवा लेता हूं, फीडबैक ले लेता हूं. जहां तक इस तरह कानून हाथ में लेने की बात है तो निश्चित हम उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे.
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वहीं बीजेपी विधायक विश्वास सारंग ने कहा कांग्रेस सरकार की पुलिस पर ही हमें शक है, मुद्दा तो यही है कि यदि पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे या नहीं लगे दोनों खतरनाक हैं. लगे हैं तो कार्रवाई हो, नहीं लगे तो ऐसी परिस्थियों क्यों बनी. मूल प्रश्न ये है कि कांग्रेस के राज में देशद्रोही को संरक्षण मिलता है.
VIDEO : मंदसौर में दंगा कराने की साजिश
खानपुरा में अंजुमन-ए-इस्लाम मदरसा अनवारूल उलूम हायर सेकंडरी स्कूल चलाता है, हां कुछ दिनों से कमेटी और प्राचार्य मोहम्मद साबिर हुसैन पानवाला के बीच तनातनी चल रही थी. कमेटी का आरोप है कि प्रिंसिपल भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, उनका ये भी आरोप है साबिर पानवाला के लोगों ने ही बच्चों को नारेबाजी के लिए उकसाया... बहरहाल मामला आर्थिक गड़बड़ी का था जिसे कुछ लोगों ने सांप्रदायिक बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
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