मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में विधानसभा उपचुनाव की तैयारी में जमीनी मुद्दों से ज्यादा मुकाबला, 'मेरे राम बनाम तेरे राम' है. बीजेपी ( BJP) श्री रामजन्मभूमि मंदिर (Ram Temple) शिलान्यास के बाद अब उपचुनाव वाली विधानसभा में रामशिला पूजन यात्राएं निकाल रही है. वहीं कांग्रेस (Congress) पहले ही हनुमान चालीसा पाठ से लेकर राममंदिर शिलान्यास के लिए आयोजन कर चुकी है. विकास की बात करने वाली बीजेपी उपचुनाव आते ही रामलला के नाम पर वोट मांगने में जुट गई है.
सागर की सुरखी विधानसभा सीट से चांदी और अष्टधातु की रामशिलाओं को पांच रथों में बिठाकर, वैदिक मंत्रोच्चार के साथ रामशिला का पूजन कराया गया. गांव-गांव में इसे 2 से 11 सितंबर तक भेजा जा रहा है. लक्ष्य 300 गांवों तक रथ पहुंचाने का है. मध्य प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री गोविंद राजपूत ने कहा कि रामशिलाएं पूरी विधानसभा में 11 दिन के लिए निकलेंगी. बड़ा हर्ष है रामशिलाओं की चरणवंदना करने का अवसर मिल रहा है. लोग आनंदित हैं. इसके बाद दूसरी विधानसभाओं में भी जाएंगी. 11 सितंबर को सारे रथ सागर वापस आएंगे. जिसके बाद शिलाओं को अयोध्या भेजा जाएगा.
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कोरोना काल में मध्य प्रदेश कई चुनौतियों से भले ही जूझ रहा हो लेकिन कांग्रेस को भी रामभक्ति में सत्ता का रास्ता दिख रहा है. पार्टी ने पहले हनुमान चालीसा का पाठ किया, फिर अपने मुख्यालय पर शिलान्यास के लिए बैंड बाजा बजाया. दोनों ही दल खुद को रामभक्त बता रहे हैं. MP के पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस नेता सज्जन वर्मा ने कहा, 'अब तुम पाखंड क्यों कर रहे हो गोविंद राजपूत. अपने घर के बगल में राम मंदिर में कलर, झाड़ू पोंछा करवा दो, जब चुनाव आ गए. अभी तक गांव में गए नहीं, लोगों से मिले नहीं, भगवान राम का सहारा लेकर वैतरणी पार करना चाहते हो, जनता सबक सिखा देगी.'
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शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा, 'कमलनाथ उन नीतियों के खिलाफ बोलते हैं, जिसके कारण राम मंदिर नहीं बना. मुंह में राम बगल में छुरी नहीं चलता. राम को तो बेवकूफ बना लिया, जनता को बेवकूफ बनाने की कोशिश मत करो.' बता दें कि मध्य प्रदेश में 27 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भले ही चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान ना किया हो, लेकिन राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी हैं. दोनों के लिए सहारा राम नाम ही है.
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