NDTV से बात करते पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री सरताज सिंह
भोपाल:
मध्य प्रदेश में बीजेपी के विधायक और पूर्व मंत्री सरताज सिंह ने ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा वाले नारे पर ये कहकर हमला किया है कि शिवराज सरकार में उनके मेडिकल बिल पास कराने के लिए भी रिश्वत की मांग की गयी. सरताज सिंह का ये बयान विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी की हार के बाद आया है. उधर बीजेपी इसे राजनीतिक बयानबाजी बता रही है. सरताज सिंह 5 दफे सांसद, वाजपेयी सरकार में केन्द्र में स्वास्थ्य मंत्री, मध्य प्रदेश में पूर्व मंत्री और वर्तमान में सिवनी मालवा से विधायक हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि पिछले महीने जब वो बीमार पड़े तो उनके अस्पताल के तकरीबन डेढ़ लाख रुपये के मेडिकल बिल को पास करने के लिए वल्लभ भवन में बैठे बाबू ने रिश्वत मांगी.
इस मामले में उनके बयान पर जब एनडीटीवी ने प्रतिक्रिया मांगी तो सरताज सिंह ने कहा, 'मैं व्यवस्था को दोष दूंगा. ये माहौल बन चुका है, बिना पैसे के काम नहीं होता है. मेरा सहायक फाइल लेकर गया था, उसने कहा ये पैसे मांग रहे हैं, मुझे गुस्सा आया. मैंने कहा फेंक दो फाइल. इस व्यवस्था को सुधारना सरकार की जिम्मेदारी है, सुधारना चाहिये.' कांग्रेस ने इस बयान को शिवराज सरकार की नाकामी बताया है और कहा है इसकी जांच हो.
उधर बीजेपी इसे सरताज सिंह का राजनीतिक स्टंट बता रही है. कांग्रेस प्रवक्ता दीप्ति सिंह ने कहा, 'ना खाऊंगा ना खाने दूंगा पुराना जुमला हो गया, अभी तो है खूब खाओ और खिलाओ. हमारी मांग है इस मामले में मुख्यमंत्री तत्काल जांच करवाएं, कार्रवाई करें नहीं तो लगेगा उनके संरक्षण में ये सब हो रहा है. ऐसी भ्रष्ट सरकार को 2018 में जनता उखाड़ कर बदलाव लाएगी.'
वहीं बीजेपी नेता डॉ. हितेष बाजपेई ने कहा, 'जन प्रतिनिधि का दायित्व है आगे बढ़कर जनता को बचाएं, नहीं तो सिर्फ सियासत वाली बात होगी. सरताज जी उनमें से हैं कि जब पीडब्ल्यूडी मंत्री थे तो सड़क का निर्माण जांचने लैब साथ लेकर चलते थे, वो इतने कमज़ोर कैसे हो गये.'
VIDEO: MP के पूर्व मंत्री का दावा, मेडिकल बिल पास कराने के लिए मांगी गई रिश्वत
4 दशकों के अपने राजनीतिक करियर में सरताज सिंह अर्जुन सिंह जैसे दिग्गज को भी मात दे चुके हैं. 2016 में उम्र के नाम पर शिवराज सिंह ने कैबिनेट से बाबू लाल गौर के साथ उन्हें भी विदा कर दिया था. बीजेपी लगातार 4 ऊपचुनाव हार चुकी है, ऐसे में सत्ता के फाइनल में उसके सामने विपक्षी दलों के अलावा अपनों को मनाने की भी दूनी चुनौती है. वैसे मंत्रीजी का कहना है कि मुख्यमंत्री और कलेक्टर ने इस मामले में संज्ञान लिया है.
इस मामले में उनके बयान पर जब एनडीटीवी ने प्रतिक्रिया मांगी तो सरताज सिंह ने कहा, 'मैं व्यवस्था को दोष दूंगा. ये माहौल बन चुका है, बिना पैसे के काम नहीं होता है. मेरा सहायक फाइल लेकर गया था, उसने कहा ये पैसे मांग रहे हैं, मुझे गुस्सा आया. मैंने कहा फेंक दो फाइल. इस व्यवस्था को सुधारना सरकार की जिम्मेदारी है, सुधारना चाहिये.' कांग्रेस ने इस बयान को शिवराज सरकार की नाकामी बताया है और कहा है इसकी जांच हो.
उधर बीजेपी इसे सरताज सिंह का राजनीतिक स्टंट बता रही है. कांग्रेस प्रवक्ता दीप्ति सिंह ने कहा, 'ना खाऊंगा ना खाने दूंगा पुराना जुमला हो गया, अभी तो है खूब खाओ और खिलाओ. हमारी मांग है इस मामले में मुख्यमंत्री तत्काल जांच करवाएं, कार्रवाई करें नहीं तो लगेगा उनके संरक्षण में ये सब हो रहा है. ऐसी भ्रष्ट सरकार को 2018 में जनता उखाड़ कर बदलाव लाएगी.'
वहीं बीजेपी नेता डॉ. हितेष बाजपेई ने कहा, 'जन प्रतिनिधि का दायित्व है आगे बढ़कर जनता को बचाएं, नहीं तो सिर्फ सियासत वाली बात होगी. सरताज जी उनमें से हैं कि जब पीडब्ल्यूडी मंत्री थे तो सड़क का निर्माण जांचने लैब साथ लेकर चलते थे, वो इतने कमज़ोर कैसे हो गये.'
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4 दशकों के अपने राजनीतिक करियर में सरताज सिंह अर्जुन सिंह जैसे दिग्गज को भी मात दे चुके हैं. 2016 में उम्र के नाम पर शिवराज सिंह ने कैबिनेट से बाबू लाल गौर के साथ उन्हें भी विदा कर दिया था. बीजेपी लगातार 4 ऊपचुनाव हार चुकी है, ऐसे में सत्ता के फाइनल में उसके सामने विपक्षी दलों के अलावा अपनों को मनाने की भी दूनी चुनौती है. वैसे मंत्रीजी का कहना है कि मुख्यमंत्री और कलेक्टर ने इस मामले में संज्ञान लिया है.
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