महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने सीएम देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर शराब ठेके बचाने के लिए हाईवे को डिनोटिफाई नहीं करने के लिए कहा है.
- परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने कहा, हाई वे डिनोटिफाई न किए जाएं
- हाईवे डिनोटिफाई करने के फैसले से सुप्रीम कोर्ट की अवमानना होगी
- निकायों के पास वेतन देने के लिए पैसे नहीं, हाईवे की देखभाल क्या करेंगे
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मुंबई:
शराब के ठेके बचाने के लिए हाई वे का स्तर बदलने के फैसले पर महाराष्ट्र में घमासान छिड़ गया है. शिवसेना के परिवहन मंत्री ने मुख्यमंत्री फडणवीस को खत लिखकर कहा है कि हाईवे डिनोटिफाई करने के फैसले से सुप्रीम कोर्ट की अवमानना होगी. इससे लोगों की जान पर खतरा बरकरार रहेगा और लोग यह मान रहे हैं कि सरकार शराब बिक्री को बढ़ावा दे रही है. कोर्ट ने लोगों के जान-माल को बचाने के लिहाज से फैसला दिया है, न कि शराब के ठेके बचाने को.
महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने एनडीटीवी इंडिया से बातचीत में कहा कि आज जिन निकाय को हाईवे सांभालने दिए जा रहे हैं उनके पास कर्मचारियों की तनख्वाह समय पर देने के लिए पैसे नहीं है. वे हाईवे की देखभाल क्या और कितनी कर सकेंगे?
महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य के कई हाईवे डिनोटिफाई किए ताकि इससे सटे शराब के ठेके बंद न हों. राज्य सरकार की दलील है कि हाईवे से सटे शराब के ठेके बंद होने से राज्य का सालाना 70 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होगा.
उधर शिवसेना के विरोध पर बीजेपी के मंत्री अपना बचाव पेश कर रहे हैं. महाराष्ट्र के आबकारी मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि हाईवे डिनोटिफाई करने का फैसला ताजा नहीं है. पिछले कई सालों से इस तहत कई हाईवे को निकायों को दिया गया है. इसे शराब के ठेकों को बचाने की कोशिश न समझा जाए.
महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने एनडीटीवी इंडिया से बातचीत में कहा कि आज जिन निकाय को हाईवे सांभालने दिए जा रहे हैं उनके पास कर्मचारियों की तनख्वाह समय पर देने के लिए पैसे नहीं है. वे हाईवे की देखभाल क्या और कितनी कर सकेंगे?
महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य के कई हाईवे डिनोटिफाई किए ताकि इससे सटे शराब के ठेके बंद न हों. राज्य सरकार की दलील है कि हाईवे से सटे शराब के ठेके बंद होने से राज्य का सालाना 70 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होगा.
उधर शिवसेना के विरोध पर बीजेपी के मंत्री अपना बचाव पेश कर रहे हैं. महाराष्ट्र के आबकारी मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि हाईवे डिनोटिफाई करने का फैसला ताजा नहीं है. पिछले कई सालों से इस तहत कई हाईवे को निकायों को दिया गया है. इसे शराब के ठेकों को बचाने की कोशिश न समझा जाए.
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