- पुणे महानगरपालिका चुनाव में शिवसेना (शिंदे गुट) की उम्मीदवार पद्मा शेळके का एबी फॉर्म चोरी होने का आरोप
- पद्मा शेळके ने कहा कि उनके नाम का एबी फॉर्म चोरी कर किसी अन्य उम्मीदवार को थमा दिया गया है, जिससे वे आहत हैं
- उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से न्याय की मांग की, लेकिन वहां से कोई ठोस राहत या आश्वासन नहीं मिला
पुणे महानगरपालिका चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की समय सीमा समाप्त होने से कुछ ही घंटे पहले शहर में भारी राजनीतिक ड्रामा देखने को मिला.प्रभाग क्रमांक 3 से शिवसेना (शिंदे गुट) की दावेदार पद्मा शेळके ने बेहद सनसनीखेज आरोप लगाया है कि उनका आधिकारिक 'एबी फॉर्म' (AB Form) किसी ने चोरी कर लिया है. पार्टी द्वारा उम्मीदवारी पर मुहर लगने के बावजूद,हाथ में फॉर्म न आने से दुखी पद्मा शेळके चुनाव कार्यालय के बाहर ही फूट पड़ी.
फॉर्म चोरी कर दूसरे को देने का आरोप
पद्मा शेळके ने आरोप लगाया है कि वे पिछले कई महीनों से अपने प्रभाग में जमीन पर मेहनत कर रही थीं.पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने उनके नाम को हरी झंडी दे दी थी और उनके नाम का एबी फॉर्म भी जारी हो चुका था.लेकिन शेळके का दावा है कि उनके हाथ में फॉर्म पहुंचने से पहले ही एक साजिश के तहत चोरी कर किसी दूसरे उम्मीदवार को थमा दिया गया है. उन्होंने रोते हुए सवाल किया कि आखिर वफादार कार्यकर्ताओं के साथ ऐसा अन्याय क्यों किया जा रहा है?
दिग्गज नेताओं से नहीं मिला न्याय, अब पुलिस में होगी शिकायत
इस घटना के बाद पद्मा शेळके ने तुरंत पार्टी की वरिष्ठ नेता नीलम गोरे और विजय शिवतारे के पास जाकर न्याय की गुहार लगाई. हालांकि, वहां से भी उन्हें कोई ठोस राहत या आश्वासन नहीं मिला. शेळके ने भावुक होते हुए कहा, "मैंने पार्टी के लिए दिन-रात एक कर दिया, लेकिन जब फल मिलने का समय आया तो मेरा हक छीन लिया गया. जिन्होंने कोई काम नहीं किया, उन्हें फॉर्म मिल रहे हैं." उन्होंने अब इस मामले में पुलिस में औपचारिक शिकायत दर्ज कराने का फैसला किया है. उनकी मांग है कि उनके नाम का फॉर्म उन्हें ही वापस मिलना चाहिए.
पुणे में 'एबी फॉर्म' को लेकर जबरदस्त खींचतान
पुणे नगर निगम के कई वार्डों में फिलहाल टिकट बंटवारे और एबी फॉर्म को लेकर जबरदस्त अफरातफरी का माहौल है. कई सीटों पर एक ही पार्टी से दो-दो उम्मीदवारों को फॉर्म मिलने की चर्चा है, जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है. पद्मा शेळके के इस गंभीर आरोप ने शिवसेना के भीतर की गुटबाजी और समन्वय की कमी को सरेआम उजागर कर दिया है. (इनपुट रेवती हिंग्ले की है)
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